दुनिया भर में फेलुदा किट्स से होंगे कोरोना टेस्ट- भारतीय वैज्ञानिकों ने की है विकसित

दुनिया भर में फेलुदा किट्स से होंगे कोरोना टेस्ट- भारतीय वैज्ञानिकों ने की है विकसित
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Ashish Urmaliya || Pratinidhi Manthan

कोई भी व्यक्ति कोरोना वायरस से प्रभावित है या नहीं इसकी जांच के लिए भारतीय वैज्ञानिकों ने एक किट विकसित की है जिसे फेलुदा जांच किट नाम दिया गया है. अब इस किट को दुनियाभर के लिए उपलब्ध कराने पर काम शुरू हो चुका है। ऐसा पहली बार होगा जब पहली बार भारत में खोजी और निर्मित कोविड-19 जांच किट का दुनिया भर के देशों में इस्तेमाल किया जाएगा। इसके लिए हर माह 10 लाख किट्स की क्षमता के साथ उत्पादन का कार्य शुरू हो चुका है दिसंबर तक यह किट बाजार में आ जाएगा और आम जनमानस तक अपनी पहुंच बना लेगा।

10 लाख किट्स प्रति महीने की दर से निर्माण कार्य हुआ शुरू 

टाटा मेडिकल एंड डायग्नोस्टिक्स लिमिटेड (टाटाएमडी) के सीईओ ग्रीस कृष्णमूर्ति ने बताया कि फेलुदा किट को बनाने का कार्य टाटा एमडी कर रही है जो टाटा समूह के स्वास्थ्य सेवा कंपनी है इसे 'टाटाएमडी' चेक नाम दिया गया है। सीएसआईआर और नई दिल्ली स्थित आईजीआईबी के वैज्ञानिकों ने क्रिस्पर कैस-9 प्रौद्योगिकी का उपयोग करते हुए इस किट की खोज की थी। यह दुनिया का पहला क्रिस्पर कैस-9 पर आधारित नैदानिक उपकरण है जिसे विश्व स्तर पर लांच किया जा रहा है। इसे टाटा कंपनी का एक बहुत बड़ा प्रोजेक्ट कहा जाए तो कोई बुराई नहीं होगी।

कॉउन्सिल ऑफ़ साइंस एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च (CSIR) के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक ने कहा कि कोरोना से जुड़े कार्यों में लगातार काफी तेजी से काम चल रहा है। इसी तेजी का परिणाम फेलुदा जांच किट भी है। इसकी लाइसेंसिंग से लेकर कमर्शियल लांच तक पूरा काम महज 100 दिन में पूरा किया गया है। जल्द ही इसे देश के नैदानिक केंद्रों व अस्पतालों के माध्यम से उपलब्ध कराया जाएगा। सबकुछ व्यवथित तरीके से नियोजित किया जा चुका है।

कोविड जांच की दुनिया में पहली बार एआई तकनीक का इस्तेमाल

भारत के वरिष्ठ वैज्ञानिक ने बताया कि यह प्रयोगशाला में किया जाने वाला एक परीक्षण है जिसमें क्रिस्पर-कैस 9 प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जाता है। मरीजों के सैंपल लेने के बाद आरएनए एक्सट्रैक्शन और एमप्लीफिकेशन आदि की प्रक्रिया पहले की तरह ही होती है लेकिन सरल, कम खर्चीले उपकरण का उपयोग किया जाता है। गौर करने वाली बात है कि एआई पर आधारित स्वचालित पद्धति से परिणामों का पता लगाया जाने के कारण यह तेजी से परिणाम देता है। सबसे बड़ी खासियतें यही है कि यह कम खर्च पर जल्दी परिणाम देती है। 

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