पहली मोदी केबिनेट का फैसला जवानों और किसानों को समर्पित था, योजना का फायदा उठाने के लिए यह पढ़िए!
Ashish Urmaliya | The CEO Magazine
नई सरकार की पहली कैबिनेट बैठक, जो कि प्रधानमंत्री और मंत्रियों की सपथ ग्रहण समारोह के दुसरे ही दिन यानि 31 मई 2019 को हुई थी। उसमें कुछ अहम फैसले लिए गए, जो किसानों और जवानों के लिए समर्पित थे। इस मीटिंग में पीएम स्कॉलरशिप स्कीम (नेशनल डिफेन्स फंड के अंतर्गत) में बदलाव कर शहीद पुलिसकर्मियों (आतंकी या नक्सल हमलें में शहीद हुए) के बच्चों को भी स्कॉरशिप देने का फैसला किया गया है और शहीदों के बच्चों को दी जाने वाली स्कॉलरशिप को बढ़ा दिया गया है। इसके अलावा किसानों के लिए पेंशन योजना की शुरुआत की गई है जिसके तहत, किसानों, आम लोगों और गरीबों (असंगठित कामगारों) को 3000 रुपए पेंशन के रूप में देने को मंजूरी दे दी गई है। किसान या गरीब की मृत्यु के बाद पेंशन का यह पैसा उसकी पत्नी को दिया जायेगा।
इसके साथ ही मोदी सरकार ने किसानों को एक और बढ़ा तोहफा दिया है, जिसमें पीएम किसान योजना के तहत देश के करीब 14.5 करोड़ किसानों को सालाना 6000 हजार रुपए दिए जायेंगे। अब तक इस योजना के दायरे में सिर्फ 12 करोड़ किसान ही आते थे, जिन्हें साल में सिर्फ तीन बार 6000 रुपए देने का प्रावधान था।
आपको बता दें, इस योजना की शुरुआत 24 फरवरी 2019 में मोदी जी द्वारा गोरखपुर यूपी से की गई थी। इसके लिए एक शर्त रखी गई थी कि, जिन किसान परिवारों के पास 2 हेक्टेयर यानि करीब 5 एकड़ तक जमीन है, बस उन्हीं को इसका फायदा मिलेगा। सरकार को इस योजना से काफी सकारात्मक रुझान मिले थे जिसके चलते बीजेपी ने अपने संकल्प पत्र में इसका दायरा बढ़ाने का वादा भी किया था, देखा जाये तो सरकार लोकसभा चुनावों में किसानों को रिझाने में कामयाब भी रही।
कृषि और सुरक्षा पर पीएम का विशेष ध्यान-
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के अनुसार, कृषि क्षेत्र में प्रधानमंत्री का विशेष ध्यान है। किसानों की आय दोगुनी करने की पूरी कोशिश की जा रही है। इसीलिए फसल की लागत की डेढ़ गुना आय सुनिश्चित करने का काम किया गया है और पीएम किसान सम्मान योजना का सृजन किया गया है और अब मासिक 6 हजार रूपए देने की घोषणा की गई है। उन्होंने कहा, चुनाव के पहले तक इस योजना का लाभ 12.50 करोड़ किसानों को मिल रहा था लेकिन अब इस योजना का लाभ 14.50 करोड़ किसानों को मिलेगा। खास बात यह है कि, इससे 2 हेक्टेयर का कैप भी हटा लिया गया है।
इस योजना का लाभ पाने के लिए किसानों को क्या करना होगा?
इस योजना की विस्तृत घोषणा होते ही, अब तक इसके दायरे से बाहर रहे किसानों को कृषि विभाग में जाकर रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। फिर प्रशासन द्वारा उसका वेरिफिकेशन किया जायेगा। किसानों को रेवेन्यू कार्ड, बैंक अकाउंट नंबर, मोबाइल नंबर आदि देना होगा। और अगर किसी तरह का कोई कन्फ्यूजन है तो लेखपाल से संपर्क करना होगा।
कौन है जिसको नहीं मिलेगा यह लाभ?
जहां एक तरफ योजना से 2 हेक्टेयर का कैप हटा दिया गया है। वहीं दूसरी तरफ यह पता लगा पाना मुश्किल हो जायेगा कि, कौन इसका असल हकदार है और कौन नहीं। इसी बात को मद्देनजर रखते हुए सरकार ने कुछ दायरे तय किये हैं, जैसे- केंद्र या राज्य सरकार में अधिकारी या कर्मचारी(मल्टीटॉस्किन स्टाफ/ चतुर्थ श्रेणी/ समूह डी कर्मचारियों को छोड़कर) एवं 10 हजार रूपए से अधिक की पेंशन पाने वाले किसानों को भी इसका लाभ नहीं मिलेगा। पेशेवर लोगों जैसे- डॉक्टर वकील, इंजीनियर, सीए, आर्किटेक्ट आदि भले खेती करते हों, लेकिन उन्हें इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा। साथ ही पिछले वित्तीय वर्ष में इनकम टैक्स का भुगतान करने वाले लोग भी इस लाभ से वंचित रहेंगे। एमपी, एमएलए, मंत्री, मेयर आदि को भी यह लाभ नहीं दिया जाएगा, भले ही वह किसानी क्यों न कर रहे हों।
60 की उम्र के बाद पेंशन का भी वादा-
सरकार ने कृषि के क्षेत्र में उत्पादकता बढ़ाने 25 लाख करोड़ के निवेश और छोटे, खेतिहर किसानों की सामाजिक सुरक्षा के लिए 60 वर्ष की उम्र के बाद पेंशन देने की योजना बनाने का वादा भी किया है।