मुद्रा योजना: बिना गारंटी के 10 लाख तक का लोन देती है सरकार!
Ashish Urmaliya | The CEO Magazine
आज का युवा नौकरी से ज्यादा तरजीह व्यापार को दे रहा है। एक जवान लड़का सपना देखता है, कि मैं नौकरी नहीं करूंगा, बिज़नेसमेन बनूंगा। तो ऐसे ही टाइप के सपने देखने वाले नौजवानो के लिए भारत सरकार एक योजना चला रही है। जिसका नाम है 'मुद्रा योजना'। और अंग्रेजी में इसका पूरा नाम माइक्रो यूनिट डेवलपमेंट रीफाइनेंस एजेंसी (Micro Units Development Refinance Agency) है। इस योजना के तहत लोगों को नया कारोबार शुरू करने के लिए लोन दिया जाता है। खास बात यह है, कि यह लोन आपको बिना किसी गारंटी के मिल जाता है। तो आइये जानते हैं, इसकी पूरी प्रक्रिया के बारे में…
दरअसल, यह योजना 2015 में अप्रेल के महीने में शुरू की गई थी। इसका मुख्य मकसद उद्योग करने वाले लोगों को आसानी से लोन उपलब्ध कराना है। इसके अलावा इस योजना के जरिये रोजगार की अधिक संभावनाएं बनेंगी। पहले छोटे कारोबारियों को लोन लेने के लिए काफी औपचारिकताएं पूरी करनी पड़ती थीं और लोन के लिए कोई गारंटी भी देनी पड़ती थी। इसके चलते बहुत से ऐसे लोग जो उद्यम तो शुरू करना कहते थे, लेकिन उनके पास गारंटी के तौर पर रखने के लिए कुछ नहीं होता था, उन्हें लोन नहीं मिल पाता था।
कोई भी व्यक्ति, आप भी, अगर कोई नया व्यापार शुरू करने के बारे में विचार कर रहे हैं, तो इस योजना का लाभ ले सकते हैं। अगर आप पहले से कोई व्यापार कर रहे हैं और उसके लिए आपको पैसे की जरूरत आन पड़ी है, तो योजना के तहत 10 लाख रुपए तक के लोन के लिए आवेदन कर सकते हैं।
नो गारंटी नीडेड!
योजना के तहत बिना गारंटी के लोन दिया जाता है, साथ ही इसके आवेदन के लिए कोई प्रोसेसिंग चार्ज भी नहीं लिया जाता है। यह लोन चुकाने की अवधि 5 साल तक बढ़ाई जा सकती है। इसके अंतर्गत आपको एक मुद्रा कार्ड दिया जाता है, जिससे आप वक्त आने पर खर्च कर सकते हैं।
मुद्रा योजना के तहत 3 तरह के लोन दिए जाते हैं-
ब्याज के बारे में जान लेते हैं!
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना में कोई निश्चित ब्याज दर नहीं है। इस योजना के तहत विभिन्न बैंक लोन देते हैं और अलग अलग ब्याज दर वसूलते हैं। कई बार कारोबार की प्रकृति और जोखिमों के आधार पर भी ब्याज दर में परिवर्तन आता है। आमतौर पर इसकी न्यूनतम ब्याज दर 12 परसेंट है।