गूगल: साइबर अटैक्स से बचने के लिए इस तरीके को जरुर अपनाएं
Ashish Urmaliya | The CEO Magazine
गूगल अपने यूजर्स को लगातार जीमेल से लेकर गूगल फोटोज तक के सिक्योरिटी फीचर को इनेबल करने की सलाह दे रहा है। दरअसल इस फीचर को इनेबल करने से यूजर्स अपने अकाउंट और डाटा को हैक होने से बचा सकते हैं। हाल ही में गूगल ने इन फीचर्स को महत्वपूर्ण बताते हुए कुछ ऐसे आंकड़े पेश किये हैं जिनसे पता चलता है, कि यह फीचर्स कितने कारगर साबित हो सकते हैं।
यूनिवर्सिटी ऑफ़ कैलिफोर्निया और न्यू यॉर्क यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स ने गूगल के साथ पार्टनरशिप की है, इस पार्टनरशिप का मकसद यह पता लगाना है, कि सिक्योरिटी टूल्स की मदद से हाईजैक की कोशिशों को किस स्तर तक रोका जा सकता है। हाल ही में वेब कॉन्फ्रेंस में कुछ रिजल्ट पेश किये गए, जिनमें सामने आया है कि गूगल अकाउंट में रिकवरी फ़ोन नंबर ऐड करने से 100 फीसदी बोट अटैक्स, 99 फीसदी ऑटोमेटेड फिशिंग अटैक्स और 66 फीसदी टार्गेटेड अटैक्स को ब्लॉक किया जा सकता है।
टू– फैक्टर ऑथेंटिकेशन सबसे ज्यादा सुरक्षा प्रदान करता है–
गूगल के तजा आंकड़ों के मुताबिक, टू-स्टेप वेरिफिकेशन अब तक का सबसे सिक्योर माध्यम है। टू-स्टेप वेरिफिकेशन के सभी तरीकों में से फिजिकल सिक्योरिटी KEY सबसे मजबूत अकाउंट शील्ड है। यह सभी तरह के अटैक्स को ब्लॉक करने की क्षमता रखता है।
गूगल के रिसर्चर्स ने यह भी पता लगाया है, कि डिफॉल्ट साइन-इन वेरिफिकेशन से क्या प्रभाव पड़ता है। इनकेस किसी नई डिवाइस या लोकेशन से साइन-इन करने की कोशिश की जाती है, तो कंपनी इस तरह की एक्टिविटीज का आसानी से पता लगा लेती है। इसके जरिये बोट अटैक्स से तो बचा जा सकता है, लेकिन फिशिंग या टार्गेटेड अटैक्स में यह उतना कारगर नहीं है। अगर आप इस तरह के घातक अटैक्स से बचना चाहते हैं तो टू-स्टेप वेरिफिकेशन का साथ जरूर लें।