नागरिकता संसोधन विधेयक: राज्यसभा बन सकती है शाह की राह का रोड़ा?

नागरिकता संसोधन विधेयक: राज्यसभा बन सकती है शाह की राह का रोड़ा?
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Ashish Urmaliya ||Pratinidhi Manthan

लोकसभामें तो नागरिकता संसोधन विधेयक आसानी से पास हो गया। लेकिन राज्यसभा में अमित शाह कोमुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।राज्यसभा में पास कराने के लिए अमित शाह को जरूरतहै 121 वोटों की। भले ही राज्यसभा में 83 सीटों के साथ सबसे बड़ा दल बीजेपी है लेकिनये संख्या बहुतमत के आंकड़े से बहुत कम है। अब आप सोच रहे होंगे कि NDA का क्या? 

तोएनडीए के साथ, नितीश कुमार की जनता दल (यूनाइटेड) है, जिसके राज्यसभा में 6 सांसद हैं।शिरोमणी अकाली दल भी एनडीए के साथ है जिसके राज्यसभा में 3 सांसद हैं। इसके अलावा डॉ.अम्बेडकर द्वारा स्थापित रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया भी एनडीए के साथ है, जिसका राज्यसभामें 1 सांसद है। एनडीए के साथ और भी कई अन्य दल हैं जिनके 13 सांसद राज्यसभा में उपस्थितहैं। इन सभी का टोटल करेंगे, तो परिणाम 106 आएगा। चाहिए कितने हैं? 121।

एकऔर बात, भले ही नितीश कुमार ने लोकसभा में इस बिल पर समर्थन दे दिया हो लेकिन राज्यसभामें वे पलटी मार सकते हैं। क्योंकि इसको लेकर पार्टी के 2 स्वर हैं। जेडी(यू) के उपाध्यक्षप्रशांत किशोर इस बिल का खुल कर विरोध कर रहे हैं और इसके खिलाफ खड़े हैं।

पूरे गणित पर नजर डाल लेते हैं– 

राज्यसभा में सदस्य    

एनडीए –                                                            106

यूपीए –                                                               62     

अन्यदलों सदस्य जो इस बिल के विरोध में हैं –                   44                      

अन्यदलों के सदस्य जो इस बिल के साथ हैं –                     28 

इसके अलावा 5 सीटें अभी खालीहैं (2 असम से और 1-1 बिहार, हिमाचल प्रदेश और उड़ीसा से)

इसकेअलावा राज्यसभा में 12 अलग सदस्यों को राष्ट्रपति द्वारा नामित किया जाता है। उनमेंसे 8 ने तो बीजेपी पार्टी ही ज्वाइन कर ली है। अब आप सोचते रहिये कि ये कब हो गया।इसके अलावा जो बचे हुए 4 सदस्य हैं उनमें से 3 इस बिल के समर्थन में हैं।

अबइन सब का टोटल एनडीए के साथ किया जाए, तो उसका आंकड़ा 137 हो जायेगा। जो बहुमत के आंकड़ेयानी 121 से बहुत अधिक हो जायेगा। तो अगर किसी ने भी बीच में पलटी नहीं मारी तो अमितशाह ये बिल राज्यसभा में भी पास करा ले जायेंगे। लेकिन अगर नितीश कुमार या अन्य पार्टियांइस बिल के खिलाफ हो गईं, तो अमित शाह को बड़ी समस्या का सामना करना पड़ सकता है।

अगर आपको इस बात से संसय हो रहा है, कि राज्यसभा में तो कुल सदस्यों की संख्या 245 है तो फिर बिल पास करने के लिए बहुमत का आंकड़ा 121 क्यों है? तो जैसा कि हमने ऊपर लिखा है, कि राज्यसभा की 5 सीटें अभी खाली हैं। जहां चुनाव होने में अभी वक्त है लेकिन यह बिल उससे पहले पेश किया जा सकता है। 

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