सत्ता में आते ही यूपी में जाति जनगणना होगी और सस्ती बिजली मिलेगी: अखिलेश यादव

उत्तर प्रदेश में 2022 के विधानसभा चुनावों में अगर हमारी पार्टी सत्ता में आती है तो जाति जनगणना अवश्य होगी। साथ ही अखलेश यादव ने कहा, "हम यह सुनिश्चित करेंगे कि पिछड़ों को उनका अधिकार मिले।"
सत्ता में आते ही यूपी में जाति जनगणना होगी और सस्ती बिजली मिलेगी: अखिलेश यादव
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समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बुधवार को उत्तर प्रदेश में जाति जनगणना कराने और लोगों को सस्ती बिजली और राज्य में युवाओं को नौकरी देने का वादा किया।

उन्होंने यह आरोप लगाते हुए वादे किए कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार देश में जाति जनगणना कराने से कतरा रही है, इस डर से कि इससे पिछड़े वर्ग के लोग अपने अधिकारों और उचित सम्मान की मांग करेंगे।

अखिलेश यादव ने अपने बयान में कहा, "केंद्र की भाजपा सरकार जाति जनगणना नहीं कराना चाहती है क्योंकि वह जानती है कि इसके बाद पिछड़ा वर्ग अपने अधिकार और उचित सम्मान की मांग करेगा। यह पिछड़ों और दलितों की सबसे बड़ी मांग है।"

उत्तर प्रदेश में जाति जनगणना का वादा करते हुए अखिलेश ने कहा, अगर उनकी पार्टी 2022 के विधानसभा चुनावों में सत्ता में आती है, तो "हम यह सुनिश्चित करेंगे कि पिछड़ों को उनका अधिकार मिले।"

अखिलेश ने कहा, यूपी में अपराध दर तेजी से बढ़ी है, मुख्यमंत्री अपराध के मामले में झूठ बोलते हैं और उन्हें एनसीआरबी के आंकड़ों की कोई जानकारी नहीं है।" उन्होंने आगे कहा, "देशभर के राज्यों की तुलना में महिलाओं के खिलाफ सबसे ज्यादा अपराध यूपी में होते हैं।"

उन्होंने यह आरोप भी दोहराया कि सपा के दिग्गज नेता आजम खान को झूठे मामलों में जेल में रखा जा रहा है। आजम खान को फर्जी मामलों में जेल में रखा गया है।

अखिलेश का अगला आरोप है कि, ''मुख्यमंत्री अपने गृह जिले गोरखपुर का नियमित दौरा करते हैं लेकिन फिर भी वहां अपराध बढ़ रहे हैं। आपने अपनी आंखों से देखा कि "यूपी में संत भी सुरक्षित नहीं हैं, पिछले कुछ वर्षों में 40 से अधिक साधु और संतों की हत्याएं हुई हैं।"

अखिलेश ने यूपी में शासन को "पूरी तरह से विफल" करार देते हुए कहा, "यहां आम लोगों को नहीं सुना जाता है। इसीलिए भाजपा विधायकों और सांसदों को अपने-अपने क्षेत्रों में लोगों के विरोध का सामना करना पड़ता है।"

उन्होंने आगे कहा कि केंद्र निजीकरण की होड़ में है और अगर हर चीज़ का निजीकरण हो जाएगा, तो आरक्षण को लागू करने की कोई आवश्यकता नहीं होगी। कोविड टीकाकरण अभियान पर उन्होंने पूछा, "टीकाकरण प्रमाणपत्रों पर राष्ट्रीय ध्वज की तस्वीर क्यों नहीं होती है?" उन्होंने कहा कि सरकार को तीन कृषि कानूनों को वापस लेना चाहिए क्योंकि इससे व्यापारिक घरानों को किसानों की जमीन छीनने में मदद मिलेगी।

साथ ही उन्होंने भविष्यवाणी की, "आने वाले विधानसभा चुनावों में किसान भाजपा को सबक सिखाएंगे।"

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