सपा बसपा जैसी भ्रष्टाचारी पार्टियों से यूपी को मुक्त करना ही भाजपा का लक्ष्य: केशव प्रसाद मौर्य

वर्ष 2014 के चुनाव में यूपी में कई नेता और दल साथ नहीं थे, हम 73 सांसद जीते थे
केशव प्रसाद मौर्य
केशव प्रसाद मौर्य
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वर्ष 2014 के चुनाव में यूपी में कई नेता और दल साथ नहीं थे, हम 73 सांसद जीते थे। 2017 में यह सब साथ आए और चुनाव जीतकर मंत्री परिषद का हिस्सा बन गए। कई जबकि ऐसे हैं कि हमारी पार्टी के साथ गठबंधन किया तो ही चुनाव जीते और मंत्री भी बन सके, वरना तो चुनाव भी नहीं जीत पाते।

उत्तर प्रदेश के चुनाव कितने अहम हैं, यह सबको पता है। इन चुनावों का असर दूरगामी है। हालात ऐसे होते जा रहे हैं कि धीरे- धीरे चुनाव दो दलों, सत्तारूढ़ भाजपा और विरोधी दल समाजवादी पार्टी के गठबंधनों या दलों के बीच का होता जा रहा है।

कांग्रेस और बसपा को किनारे रखने की कोशिश की जा रही है। इन चुनावों में भाजपा की ओर से लगातार आक्रामक हमले का दायित्व एक तरह से पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या ने उठा रखा है।

उन्होंने कहा सरकार के दो ही पक्ष होते हैं। एक सत्ता पक्ष होता है और दूसरा विपक्ष होता है। मैं दावे से कह सकता हूं कि यूपी का जो विपक्ष है, वह अपने को बेहतर विपक्ष साबित नहीं कर पाया। वह जब सत्ता में थे तो पूरी तरह से फेल भी हुए थे। विपक्ष में रहे तो जनता के हितों से जुड़े मुद्दे लेकर वो कभी सामने नहीं आ पाए। चुनाव आया तो फुदक के आ गए।

अगर 84 कोसी परिक्रमा का मार्ग भव्य बनाया है तो 14 कोसी परिक्रमा मार्ग को भी बेहतर करने में जुटे हैं। हमारा लक्ष्य है कि भक्त के रूप में जो तीर्थ यात्री आते हैं उनको देखते हुए बड़ी संख्या में रोजगार भी सृजित हों। हमारे यहां पर्यटक देश, प्रदेश और दुनियाभर से आते हैं। इससे हमारे युवाओं को रोजगार भी मिलेगा। हम सभी तीर्थ स्थलों का विकास कर रहे हैं। हमने केवल अयोध्या, मथुरा, काशी ही नहीं बल्कि प्रयागराज, चित्रकूट धाम का भी बहुत विकास किया है। बिठूर और गोरखपुर का भी विकास किया है। हमारा लक्ष्य विकास कर रोजगार सृजित करना है और उसमें हम सफलतापूर्वक आगे बढ़ रहे हैं।

वर्ष 2014 के चुनाव में यूपी में कई नेता और दल साथ नहीं थे, हम 73 सांसद जीते थे। 2017 में यह सब साथ आए और चुनाव जीतकर मंत्री परिषद का हिस्सा बन गए। कई जबकि ऐसे हैं कि हमारी पार्टी के साथ गठबंधन किया तो ही चुनाव जीते और मंत्री भी बन सके, वरना तो चुनाव भी नहीं जीत पाते। इन स्थितियों को देखते हुए जाहिर बात है कि भाजपा के साथ जो गठबंधन करता है वह आगे बढ़ता है और जो भाजपा का साथ छोड़कर जाता है वो छोटा हो जाता है। यूपी और देश का पूरा इतिहास उठाकर देख सकते हैं।

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