Ashish Urmaliya | Pratinidhi Manthan
27/10/2020 मंगलवार के दिन केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) में भूमि स्वामित्व अधिनियम संबंधी कानून में बड़ा संशोधन कर दिया है। सरकार द्वारा नए भूमि कानून (Land Laws for Jammu Kashmir) का नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया गया है। इस नोटिफिकेशन के बाद अब कोई भी भारतीय जम्मू-कश्मीर में जमीन की खरीद-फरोख्त कर सकता है, हालांकि अभी लद्धाख (Ladakh) में ऐसा संभव नहीं होगा। क्यों नहीं होगा आइए जानते हैं।
देश के 11 राज्यों के लिए है विशेष प्रावधान-
होम मिनिस्ट्री के नए नोटिफिकेशन के मुताबिक जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन कानून तत्काल प्रभाव से लागू होता है लेकिन लद्दाख में अभी यह लागू नहीं किया गया है। इसकी वजह है, लद्दाख की सरकार और नेताओं के बीच पिछले महीने हुई तनातनी. इस दौरान LAC पर भारत-चीन टकराव को देखते हुए अनुच्छेद 371 या छठी अनुसूची की मांग की गई। अनुच्छेद 371 में छह पूर्वोत्तर राज्यों सहित कुल 11 राज्यों के लिए विशेष प्रावधान हैं, ताकि उनकी सांस्कृतिक पहचान और आर्थिक हितों की रक्षा की जा सके। लद्दाखी नेताओं ने कहा है कि उनकी 90 प्रतिशत आबादी आदिवासी है इसलिए उनके अधिकारों की रक्षा करनी होगी। इसी मांग को मद्दे नजर रखते हुए अभी लद्दाख के लिए यह कानून पारित नहीं किया गया है।
केंद्र का आश्वासन
इसी तरह के अन्य भारतीयों द्वारा जमीन न खरीद पाने वाले प्रावधान हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड जैसे राज्यों में पहले से लागू हैं। इन राज्यों में भारत के अन्य राज्यों के लोगों द्वारा जमीन खरीदने पर प्रतिबंध हैं। इन मागों पर लद्दाख के भाजपा नेताओं ने भी सहमति दी है। साथ ही ऐसा न करने पर LAHDC चुनावों के बहिष्कार की भी चेतावनी दी गई थी। दिल्ली में भाजपा नेताओं द्वारा केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू और जी किशन रेड्डी सहित वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक के बाद स्थानीय नेताओं को आश्वस्त किया गया कि उनकी मांगें मानीं जाएंगी। इसके बाद LAHDC में भाजपा की जीत हुई और 26 में से 15 सीटें हासिल कीं जबकि कांग्रेस ने केवल नौ सीटें जीतीं। तो ये राजनीति है जिसके चलते लद्दाख से बाहर का भारतीय वहां की जमीन नहीं खरीद सकता।