देश में सबसे अधिक सैलरी पाने वाला शख्स, महीने भर की पगार जानकर चौंक जायेंगे आप!
Ashish Urmaliya || The CEO Magazine
HEG Ltd. कंपनी के सीईओ रवि झुनझुनवाला देश में सबसे अधिक सैलरी पाने वालों की सूची में पहले पायदान पर पहुंच गए हैं। उनकी पिछले साल की सैलरी से तुलना की जाये तो इस साल उनके वेतन भत्ते में तीन गुनी उछाल आई है। फाइनेंशियल ईयर 2019 के अब तक के आंकड़ों के मुताबिक, झुनझुनवाला को 121 करोड़ 27 लाख रूपए मिल चुके हैं। महीने के हिसाब से देखा जाये तो, करीब 10 करोड़ 10 लाख रुपए प्रति महीना।
एचईजी (हिन्दुस्तान इलेक्ट्रो ग्रेफाइट) लिमिटेट, जो कार्बन और ग्रेफाइट प्रोडक्ट्स बनाने का काम करती है, के सीईओ रवि झुनझुनवाला वित्तीय वर्ष 2019 के अब तक के उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, 'रेम्युनेरेसन रैंकिंग' यानी सालाना सैलरी की रैंकिंग की में टॉप पर आ चुके हैं। उनकी सैलरी में पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 180 फीसदी का उछाल आया है। अब सवाल ये उठाये जा रहे हैं, कि जिस कंपनी के शेयर्स की कीमत लगातार गिर रही है, उस कंपनी के सीईओ की सैलरी में इतना बड़ा उछाल कैसे आ गया?
कॉर्पोरेट गवर्नेंस पर नजर रखने वालों ने यह सवाल उठाया है और कहा है, कि कंपनी ने अपने शेयर प्राइस में बहुत ज्यादा गिरावट का हवाला दिया है और रवि के वेतन भत्तों में बढ़ोतरी की है। बता दें, वित्तीय वर्ष 2019 में एचईजी ने ग्रेफाइट के दामों में उछाल आने के बाद रिकॉर्ड प्रॉफिट दर्ज किया था। हालांकि अभी देश की सभी बड़ी कंपनियों ने अपनी एनुअल रिपोर्ट पब्लिश नहीं की है, कुछ हद तक संभावनाएं हैं, कि बाकी कंपनियों के आंकड़े आने के बाद झुनझुनवाला टॉप रैंकिंग से फिसल जाएं।
बीते वर्ष की बात करें, तो वित्तीय वर्ष 2018 में टेक महिंद्रा के सीईओ सी.पी. गुरनानी 146 करोड़ रुपए के साथ टॉप पर थे और सन टीवी के चेयरमैन कलानिधि मारन 87.5 करोड़ की सालाना सैलरी के साथ दुसरे स्थान पर थे। लेकिन फ़िलहाल टॉप पर झुनझुनवाला हैं। इनके कुल रेम्यूनरेशन में 118.81 करोड़ रूपए का कमीशन भी शामिल है, जो कंपनी के नेट प्रॉफिट का 2.5 परसेंट है। कंपनी ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि रेम्यूनरेशन की गणना कंपनीज एक्ट 2013 के सेक्शन 198 के अनुसार की गई है। लेकिन गौर करने वाली बात यह है, कि झुनझुनवाला को मिले रेम्यूनरेशन से बाकी के कर्मचारियों का वेतन भत्ता 4045 गुना कम है।
एचईजी ने इस संबंध में उठ रहे सवालों के जवाब नहीं दिए हैं। बता दें, कंपनीज एक्ट के अनुसार, कंपनियां मैनेजमेंट में शामिल किसी एक व्यक्ति को अपने नेट प्रॉफिट का 5 फीसदी तक रेम्यूनरेशन दे सकती हैं। और अगर व्यक्तियों की संख्या एक से ज्यादा है तो 10 फीसदी तक रेम्यूनरेशन देने का प्रावधान है।
आइये इसी के साथ रैंकिंग के अगले पायदानों पर नजर डाल लेते हैं। वित्तीय वर्ष 2018-19 में अब तक जितनी भी कंपनियों ने अपनी रिपोर्ट जारी की है, उसके अनुसार, रवि के बाद दुसरे नंबर पर जिसका नाम आता है वह हैं, हीरो मोटोकॉर्प के सीएमडी पवन मुंजाल। इनका रेम्यूनरेशन 81.41 करोड़ रुपए है।
एचईजी की बात की जाये, वित्तीय वर्ष 2018-19 में इसकी नेट सेल्स 140% बढ़कर 6593 करोड़ हो गई थी। वहीँ इसका नेट प्रॉफिट 175% बढ़कर 3026 करोड़ रुपए हो गया था। साल 2018 के अक्टूबर महीने में 16 तारीख को 4950 रुपए के साथ अपना आल टाइम हाई छूने के बाद से अब तक एचईजी के शेयर में 81% की गिरावट आ चुकी है।
इस पर जानकारों का क्या कहना है- यह कंपनी उतनी बड़ी नहीं है जितनी कि इसके सीईओ की सैलरी है. इस मुद्दे पर इनगवर्न रिसर्च सर्विसेज के फाउंडर और सीईओ श्री राम सुब्रमण्यन का कहना है, कि 'प्रोमोटरों की सैलरी बहुत ज्यादा नहीं होनी चाहिए। कंपनी को प्रॉफिट सभी शेयरधारकों में डिविडेंट के जरिये सामान रूप में बांटना चाहिए।'
इस विषय पर इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर अडवाइजरी सर्विसेज (IIAS) के फाउंडर और एमडी अमित टंडन का कहना है, कि 'प्रमोटरों को स्वयं ही भारी-भरकम सैलरी नहीं लेनी चाहिए। चूंकि उनकी वेल्थ कंपनी की शेयर होल्डिंग के साथ जुड़ी हुई होती है। इसलिए इस तरह के पेमेंट से शेयर प्राइस पर असर पड़ता है और सैलरी के जरिये हासिल गेन ऑफसेट हो जाता है।'