Ashish Urmaliya || Pratinidhi Manthan
पटियालाहाउस कोर्ट ने निर्भया गैंगरेप के चारों दोषियों के खिलाफ डेथ वारंटी जारी कर दियाहै। तकरीबन 7 सालों से न्याय का इंतजार कर रही मां आशा देवी ने कहा है कि 'मेरी बेटीको न्याय मिल गया'। इस फैसले के बाद देश और दुनियाभर के लोग अपनी प्रतिक्रियाएं देरहे हैं। उनका मानना है कि इन चारों दोषियों को फांसी की सजा मिलने से भारत की महिलाओंको ताकत मिलेगी और न्याय की व्यवस्था में लोगों का विश्वास बढ़ेगा।
कोर्टमें सुनवाई के बाद फैसला आया है, कि अपराधियों को 22 जनवरी के दिन सुबह 7 बजे सभी जरूरीअधिकारीयों की मौजूदगी में जल्लाद पवन द्वारा फांसी पर लटका दिया जायेगा। इस फैसलेके बाद देशभर में ख़ुशी की लहर देखी जा रही है, लोग एक-दूसरे को बधाइयां दे रहे हैं।
बतादें, यह घटना साल 2012 में घटी थी, जिसने पूरे देश को सन्न कर दिया था। दिल्ली महिलाआयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने भी फैसले के बाद ट्वीट किया और 'सत्यमेव जयते' लिखा।उन्होंने कहा, 'मैं इस फैसले का स्वागत करती हूं। यह देश की सभी निर्भया की जीत है।मैं निर्भया के माता-पिता को सलाम करती हूं जिन्होंने इतनी लंबी लड़ाई लड़ी। इन लोगोंको सजा देने में सात साल क्यों लगे? क्या इसका समय कम नहीं हो सकता?'
निर्भया के पिता ने भी दी प्रतिक्रिया-
निर्भयाके पिता बद्रीनाथ सिंह ने कहा, कि 'कोर्ट केइस फैसले से मैं खुश हूं। इस फैसले से ऐसे अपराध करने वाले लोगों में डर पैदा होगा।'
वकील ने कहा फिर जायेंगे सुप्रीम कोर्ट-
दोषियोंकी तरफ से केस लड़ने वाले वकील की अलग स्टोरी है, वो हम आपको फिर कभी सुनाएंगे। ये रेपके आरोपियों की तरफ से ही केस लड़ते हैं। रेप जैसे जघन्य अपराधों के लिए लड़कियों कोही दोषी मानते हैं। इनका नाम एपी सिंह है। फैसला आने के बाद इन्होंने कहा है, कि 'हमसुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटिशन फाइल करेंगे। सुप्रीम कोर्ट के पांच जज इस पर सुनवाईकरेंगे। शुरू से ही इस केस में मीडिया और जनता के साथ पॉलिटिकल प्रेशर था। इस मामलेमें निष्पक्ष जांच नहीं हो सकी।'