मतदान कार्य संपादित कराने में पीठासीन अधिकारियों की अहम् भूमिका है - कलेक्टर

पीठासीन अधिकारी पूरे आत्म विश्वास एवं पारदर्शिता के साथ मतदान करयें
मतदान कार्य संपादित कराने में पीठासीन अधिकारियों की अहम् भूमिका है - कलेक्टर
मतदान कार्य संपादित कराने में पीठासीन अधिकारियों की अहम् भूमिका है - कलेक्टर
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दतिया , / कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी संजय कुमार ने कहा कि मतदान कार्य में पीठासीन अधिकारी की महत्वपूर्ण भूमिका है। पीठासीन अधिकारी पूरे आत्म विश्वास के साथ मतदान दल के सदस्यों से समन्वय बनाते हुए स्वतंत्र एवं निष्पक्ष रूप से मतदान कार्य संपादित करायंे।कलेक्टर संजय कुमार बुधवार को त्रि-स्तरीय पंचायत निर्वाचन 2022 के तहत् द्धितीय चरण के दौरान जिले की जनपद पंचायत सेवढ़ा एवं भाण्ड़ेर में 1 जुलाई को होने वाले मतदान कार्य के लिए नियुक्त पीठासीन अधिकारियों के विशेष प्रशिक्षण को संबंधित कर रहे थे।

वृन्दावन धाम दतिया में आयोजित विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी कमलेश भार्गव, जिला शिक्षा अधिकारी यूएन मिश्रा सहित मास्टर ट्रेनर्स एवं संबंधित अधिकारी सहित दोनो जनपद पंचायतों में मतदान सम्पन्न कराने हेतु नियुक्त पीठासीन अधिकारी उपस्थित थे।कलेक्टर संजय कुमार ने प्रशिक्षण को संबंधित करते हुए कहा कि म.प्र. राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देश अनुसार जिले में दो चरणों में मतदान होना था। जिसमें से प्रथम चरण का मतदान दतिया जनपद में हो चुका हैजबकि 1 जुलाई को सेवढ़ा एवं भाण्ड़ेर जनपद पंचायतों में मतदान होगा। उन्होंने पीठासीन अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि 1 जुलाई को निर्धारित समय पर मतदान शुरू हो यह सुनिश्चित करें।

मतदान के दौरान पूरी पारदर्शिता एवं सतर्कता भी बरतें। उन्होंने निर्देश दिए कि मतदान के दौरान किसी भी प्रकार की लापरवाही वर्दाश्त नहीं की जायेगी। उन्होंने कहा कि मतदान केन्द्र में आने वाले प्रत्येक मतदाता को विश्वास दिलायें कि वह स्वतंत्र एवं निर्भीक होकर अपने मताधिकार का प्रयोग करें। उन्होंने कहा कि पीठासीन अधिकारी पूरे आत्म विश्वास के साथ मतदानकर्मी समन्वय बनाते हुए मतदान कार्य संपादित करायें। आयोग द्वारा पीठासीन अधिकारियों को जो दिशा निर्देश दिए गए है उनका भी भलीभांति अध्ययन कर लें।कलेक्टर संजय कुमार ने बताया कि प्रथम चरण की अपेक्षा द्धितीय चरण में सेक्टर अधिकारियों की संख्या बढ़ाई गई है।

पूर्व की अपेक्षा अब एक सेक्टर अधिकारी के पास अधिकतम पांच मतदान केन्द्र होंगे। उन्होंने पीठासीन अधिकारियों से कहा कि मतदान प्रक्रिया संपादित कराने में किसी को शंका या समस्या हो तो वह प्रशिक्षण के दौरान बतायें। जिससे मौके पर ही प्रशिक्षण में निराकरण किया जा सके प्रशिक्षण में पीठासीनअधिकारियों द्वारा रखे गए प्रश्नों का जबाव दिया गया। उन्होंने कहा कि पीठासीन अधिकारी मतदान के दिन मतदान समाप्ति के वक्त अर्थात तीन बजे इस बात का विशेष ध्यान रखें कि मतदान केन्द्र पर मतदान हेतु उपस्थित होने वाले मतदाताओं की लाईन में अंतिम व्यक्ति से टोकन प्रदाय करें। जिससे समय पर मतदान केन्द्र पर उपस्थित होने वाला मतदाता अपने माधिकार का उपयोग कर सके।

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