पीएमसी बैंक मामला:  51000 लोगों को कौन जवाब देगा?

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पीएमसी बैंक मामला:  51000 लोगों को कौन जवाब देगा?

Ashish Urmaliya || The CEO Magazine

पीएमसी बैंक का मामला गरमाया हुआ है। पंजाब एंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव बैंकों की शाखाओं के बाहर भीड़ ने धावा मार दिया है। कहीं कोई शाखा के सामने ही आत्म हत्या की धमकी दे रहा है तो कोई सोशल मीडिया के जरिये अपने दुःख बयां कर रहा है। किसी की पूरी जिंदगीभर की बचत बैंक में फंस चुकी है, तो किसी को अपनी बेटी की शादी करनी है। लोगों की अनेकों अनेक बड़ी-बड़ी समस्याएं निकल कर सामने आ रही हैं। समझने की कोशिश करिये, आपके जीवन में भी आये दिन अर्थ से जुड़े कुछ न कुछ काम आते रहते हैं। जिसमे आपको बड़ी रकम की जरूरत पड़ जाती है। आप में से बहुत से लोगों को शायद आज भी ज्यादा रकम की जरूरत पड़ी हो, अगर बैंक में जमा रही होगी तो आपने उसका उपयोग भी किया होगा। लेकिन देश के कुछ लोग ऐसे फंसे हैं कि अब जरूरत पड़ने पर भी वो अपने पैसों का उपयोग नहीं कर पा रहे हैं।

दरअसल, रिसर्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने 23 सितंबर से पंजाब एंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव(PMC) बैंक पर 6 महीने के लिए प्रतिबंध लगा दिया है। लोन व डिपॉजिट पर रोक लगने के साथ ही अब बैंक के ग्राहक 1 हजार रुपए से ज्यादा की निकासी नहीं करवा पाएंगे। RBI के इस फैसले पर बड़े-बड़े लोग अपनी आपत्ति जता रहे हैं।

आपको बता दें, पीएमसी बैंक की पंजाब और दिल्ली मिलाकर देश कुल 7 राज्यों में करीब 137 शाखाएं हैं और करीब 51 हजार ग्राहक हैं। यह बैंक देश के टॉप 5 शहरी सहकारी बैंकों में से एक है।  कड़ी आलोचना के बाद, RBI ने जवाब देते हुए कहा है, कि इस बैंक की मान्यता रद्द नहीं की गई है।  इस पर सिर्फ 6 महीने के लिए प्रतिबंध लगाए गए हैं।  उद्योग विशेषज्ञों का कहना है, कि RBI सर्वर पर अपलोड किए गए डेटा और बैंक द्वारा बनाए गए मैनुअल एंट्री डेटा के बीच भी बेमेल संबंध थे, इसलिए RBI को यह कड़ा फैसला लेना पड़ा।  लेकिन उनका क्या जो लोग फंस चुके हैं। इसका जवाब कौन देगा। यह सवाल अभी बरकरार है।

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