Ashish Urmaliya || The CEO Magazine
अब तक सरकार की महत्वकांक्षी स्वास्थ्य योजना आयुष्मान भारत के तहत आर्थिक रूप से अक्षम लोगों की सामान्य बीमारियों का इलाज होता था। लेकिन अब राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण(एनएचए) ने हाल ही में प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत चल रहे उपचार पैकेज कीमतों में 10 से 60 फीसदी की बढ़ोतरी कर दी है। जहां अब तक आयुष्मान भारत योजना के तहत कुछ ही प्रकार के कैंसर का उपचार संभव था। वहीं अब करीब एक वर्ष के मंथन के बाद सरकार इस नतीजे पर पहुंची है, कि अब सभी प्रकार के जैसे- स्तन, गर्भाशय, प्रोस्टेट, आंत, पेट आदि कैंसर को भी इस पैकेज में शामिल कर लिया गया है।
देश के स्वास्थ्य लाभ पैकेज में बढ़ोतरी-
स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग (DHR), भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) और टाटा मेमोरियल अस्पताल के विशेषज्ञों की शिफारिशों को मद्देनजर रखते हुए स्वास्थ्य लाभ पैकेज में बढ़ोतरी कर दी गई है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य एजेंसी के अनुसार, इस योजन एके तहत 270 तरह के उपचारों में बढ़ोतरी की गई है इसके साथ ही 237 नए तरह के उपचार पैकेज भी इसमें जोड़े गए हैं। 554 पैकेजेस की पुनरावृत्ति होने के चलते उन्हें इस योजना से हटा दिया गया है।
उपचार पैकेज में कमी कर दी गई- NHA के अनुसार, इस योजना के तहत पैकेज की संख्या को 1393 से घटाकर 1076 कर दिया गया है। लाभार्थियों को पहले मिलने वाले 1393 पैकेज में 1083 सर्जिकल और 309 मेडिकल के पैकेज थे। अब तक एक पैकेज में अन्य पैकेज के अंतर्गत न आने वाली बीमारियों का इलाज मिलता था। लेकिन अब नई सूची में इसमें बदलाव देखने को मिलेगा।
हलांकि प्राधिकरण के सीईओ डॉ. इंद्रभूषण के मुताबिक पैकेज में कमी या बढ़ोतरी से लाभार्थियों पर कोई असर नहीं पड़ेगा। सरकार का मकसद कम पैकेज में ज्यादा उपचार सुविधा देना है। आज देश के 50 करोड़ से भी अधिक लोगों को सालाना पांच लाख रुपए का स्वास्थ्य बीमा मिल रहा है।
योजना को आईसीएचआई सिस्टम से जोड़ा गया- स्वास्थ्य बीमा योजना में पहली बार हर एक बीमारी को एक खास कोड से जोड़ने के लिए इंटरनेशनल क्लासिफिकेशन ऑफ़ हेल्थ इंटरवेंशन से जोड़ा जा चुका है। इस चिकित्स्कीय प्रक्रिया को एक खास कोड देने के लिए यह सिस्टम। वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन (WHO) द्वारा डेवलप किया गया था।