रक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को भारतीय सेना के लिए 7,523 करोड़ रुपये की लागत से 118 मुख्य युद्धक टैंक (एमबीटी) अर्जुन की खरीद के लिए एक अनुबंध को सील कर दिया है, जो कि इसकी लड़ाकू क्षमताओं को बढ़ाने के लिए एक बड़ा कदम है।
रक्षा मंत्रालय ने अर्जुन Mk-1A टैंकों के लिए हेवी व्हीकल फैक्ट्री (एचवीएफ), अवडी, चेन्नई को ऑर्डर दे दिया है।
MBT Mk-1A, अर्जुन टैंक का एक नया वर्जन है, जिसे Mk-1 वर्जन की तुलना में 72 नई सुविधाओं और अधिक स्वदेशी सामग्री के साथ, अग्नि शक्ति, गतिशीलता और सर्वाइव करने की क्षमता को बढ़ाने के उद्देश्य से डिज़ाइन किया गया है।
मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, "The Ministry of Defence (MoD ने 23 सितंबर को भारतीय सेना के लिए 118 मुख्य युद्धक टैंक (MBTs) अर्जुन Mk-1A की आपूर्ति के लिए भारी वाहन कारखाने (HVF), अवडी, चेन्नई को आर्डर दे दिया है।" बयान में कहा गया कि "7,523 करोड़ रुपये के ऑर्डर से रक्षा क्षेत्र में 'मेक इन इंडिया' पहल को और बढ़ावा मिलेगा और यह 'आत्मनिर्भर भारत' उद्देश्य प्राप्ति की दिशा में एक बड़ा कदम है।"
मंत्रालय ने कहा कि "टैंक 24/7, दिन हो या रात, किसी भी वक्त सटीक निशाना साधने की क्षमता के अलावा, सभी इलाकों में सहजता से पहुंचने में सक्षम होगा। इसे रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) द्वारा भारतीय सेना के साथ सेवा में मुख्य युद्धक टैंक अर्जुन MBT पर अपग्रेड करके डिजाइन और विकसित किया गया है। "MK-1A सटीक और बेहतर मारक क्षमता, सभी इलाकों में गतिशीलता और हाई टेक सिस्टम की एक सरणी द्वारा प्रदान की जाने वाला एक अजेय बहुस्तरीय सुरक्षा से लैस टैंक है। यह दिन हो या रात, किसी भी स्थिति के दौरान स्थिर और गतिशील दोनों मोड में दुश्मन से मुकाबला कर सकता है।
साथ ही मंत्रालय ने कहा, 'हेवी व्हीकल्स फैक्ट्री (HVF) को प्रोडक्शन के आदेश MSME समेत 200 से अधिक भारतीय विक्रेताओं के लिए रक्षा निर्माण में एक बड़ा अवसर प्रदान करेगा। इससे लगभग 8,000 लोगों को रोजगार मिल पायेगा। यह अत्याधुनिक रक्षा प्रौद्योगिकियों में स्वदेशी क्षमता का प्रदर्शन करने वाली एक प्रमुख परियोजना होगी।"
MBT अर्जुन Mk-1A को दो साल (2010-12) के भीतर DRDO की अन्य प्रयोगशालाओं के साथ कॉम्बैट व्हीकल्स रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टैब्लिशमेंट (सीवीआरडीई) द्वारा डिजाइन और विकसित किया गया है। डेवलपमेंट एक्टिविटीज जून 2010 से शुरू हो गई थीं और जून 2012 में टैंक को यूजर ट्रायल के लिए मैदान में उतार दिया गया था। MBT अर्जुन Mk-1A को यूजर की आवश्यकता के अनुरूप यूजर ट्रायल्स के लिए विकसित और फील्ड में उतरने में केवल दो साल का वक्त लगा था।"
रक्षा मंत्रालय ने आगे जानकारी दी कि "2012-2015 के दौरान इस टैंक का 7000 से अधिक किलोमीटर तक ऑटोमोटिव और विभिन्न गोला-बारूद की पर्याप्त फायरिंग को कवर करते हुए विभिन्न चरणों में व्यापक परीक्षण मूल्यांकन किया गया था।