कचौड़ी बेचकर करोड़ पति कैसे बन गया ये शख्स? 

कचौड़ी बेचकर करोड़ पति कैसे बन गया ये शख्स? 
कचौड़ी बेचकर करोड़ पति कैसे बन गया ये शख्स? 
3 min read

कचौड़ी बेचकर करोड़ पति कैसे बन गया ये शख्स? 

Ashish Urmaliya | The CEO Magazine

उत्तर प्रदेश के अलीगढ में एक साधारण सी कचौड़ी की दुकान चलाने वाले मुकेश की सालाना बिक्री 60 लाख रुपए सालाना तक पहुंच गई है। और यह देख कर वाणिज्य कर विभाग के अधिकारीयों की आंखें फटी रह गई। आस पड़ोस के लोग भी यह सुन कर हिले हुए हैं। आयकर विभाग का छापा पड़ने के बाद से ही मुकेश कचौड़ी वाला मीडिया की खूब सुर्खियां बटोर रहा है। लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि, गुमनाम से इस दुकान चलाने वाले शख्स पर आयकर विभाग की नजर कैसे गई।

की गई थी शिकायत-

कचौड़ी विक्रेता मुकेश की शिकायत राजस्व अधिसूचना विभाग में दर्ज कराई गई थी। शिकायत के बाद वाणिज्य कर विभाग की टीम ने तुरंत एक्शन लिए और 21 जून को ही जांच शुरू कर दी। इस जांच को पूरा करने के लिए 1 हफ्ते की समय सीमा तय की गई थी।

एक प्लेट कचौड़ी के लिए 45 मिनट का इंतजार, ऐसे दबोचा गया-

अमर उजाला में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, एसआईबी के डिप्टी कमिश्नर रावेन्द्र पाल जी ने बताया कि "छापे से पहले हमारी टीम ने सीमा टॉकीज के पास स्थित कचौड़ी की दुकान की बिक्री का अनुमान लगाया। मुकेश की दूकान पर तीन चरणों में नजर रखी गई, 7AM से 11AM, फिर 11AM से 2 PM, और 2 PM से 4 PM तक।"

एक दिन तो ऐसा भी हुआ कि सुबह 8 बजे टीम के एक अधिकारी को दुकान पर एक प्लेट कचौड़ी के लिए 45 मिनट तक इंतजार करना पड़ा था, उसके बाद भी भीड़ के चलते उन्हें कचौड़ी नहीं मिल पाई। अब आप अंदाजा लगा सकते हैं, कि दुकान की बिक्री किस हाइट पर थी। जब चार दिन के अनुमान के बाद दुकान की बिक्री वर्तमान जीएसटी छूट से अधिक निकली तब फिर असल जांच शुरू की गई।

छापे के बाद-

स्टेट इंटेलिजेंस ब्यूरो और सेल्स टैक्स डिपार्टमेंट, अलीगढ़ के अफसरों ने जब मुकेश के यहां छापा मारा तो पता चला, कि मुकेश की दुकान की सालाना बिक्री 50 से 60 लाख रुपए से ज्यादा है। और यह आंकड़ा प्राथमिक जांच का है। अधिकारियों के मुताबिक, पूरी जांच के बाद मुकेश की दुकान की सालाना बिक्री 1 करोड़ रुपए से भी अधिक हो सकती है।

समस्या यह नहीं है, कि एक साधारण दुकान वाले की इतनी ज्यादा बिक्री क्यों है, समस्या यह है, कि मुकेश ने इतनी आमदनी के बाद भी अपनी दुकान को जीएसटी के साथ पंजीकृत नहीं करवाया है।

जीएसटी नियमों के अनुसार-

GST नियमों के अनुसार, कोई भी व्यापारी जिसकी सालाना बिक्री 40 लाख रुपए से अधिक की है, उसे अपने व्यापार को जीएसटी के अंतर्गत पंजीकृत कराना अनिवार्य है।

मुकेश ने क्या कहा?

इस आरोप पर मुकेश का कहना है कि, उसकी दिनभर की बिक्री 2-3 हजार रुपए की है। प्रधानमंत्री ने कहा है, कि जीएसटी एक्ट के तहत पंजीकृत होने के लिए 40 लाख रूपए का टर्नओवर चाहिए जबकि मेरी इनकम तो इससे आधी भी नहीं है। मुकेश ने टैक्स विभाग के अधिकारियों पर प्रताड़ित करने का आरोप भी लगाया है।

बता दें, कि अलीगढ में करीब 600 कचौड़ी वाले अपनी दुकान चला रहे हैं। और एसआईबी की नजर इसी तरह के व्यापारियों पर है, जिनकी सालाना इनकम तो 40 लाख से अधिक है, लेकिन उन्होंने अपने व्यापार को जीएसटी के अंतर्गत पंजीकृत नहीं करा रखा है। मुकेश की बात करें, तो मुकेश अलीगढ़ में पिछले 10 सालों से कचौड़ी की दुकान चला रहे हैं। मुख्य दुकान के अलावा मुकेश की दो और दुकाने हैं जो कच्चा माल रखने के लिए इस्तेमाल की जाती हैं।

सरकारी योजना

No stories found.

समाधान

No stories found.

कहानी सफलता की

No stories found.

रोचक जानकारी

No stories found.
logo
Pratinidhi Manthan
www.pratinidhimanthan.com