खुशखबरी: देश के लाखों कारोबारियों को फ्री में मिलेगा GST सॉफ्टवेयर
Ashish Urmaliya | The CEO Magazine
सरकार द्वारा जीएसटी नेटवर्क (GSTN) में पहले से ही रजिस्टर्ड छोटे व माध्यम स्तरीय कारोबारियों के लिए एक खास सुविधा की शुरुआत की गई है।
इस सुविधा के अंतर्गत, जीएसटी द्वारा 1.5 करोड़ रुपए सालाना तक का कारोबार करने वाले सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों को लेखा-जोखा और बिल बनाने के वाले सॉफ्टवेयर को फ्री में देने की पेशकश की है।
जीएसटी विभाग द्वारा एक बयान में कहा गया, कि "यह सॉफ्टवेयर कमापनियों को बिल, लेखा खातों तो तैयार करने, भंडारण का प्रबंधन करने व जीएसटी रिटर्न तैयार करने में हेल्पफुल रहेगा। जीएसटी विभाग ने एक वित्तीय वर्ष में 1.5 करोड़ रुपए तक का कारोबार करने वाले एमएसएमई को सॉफ्टवेयर उपलब्ध कराने के लिए बिल और एकाउंटिंग सॉफ्टवेयर विक्रेताओं के साथ टाई-अप किया है। यह सॉफ्टवेयर पाने के लिए टैक्सपेयर्स को कोई शुल्क नहीं देना होगा।
गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स के मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रकाश कुमार के अनुसार, इस पहल से सूक्ष्म और मध्यम उद्योग डिजिटल प्रणाली की ओर आगे बढ़ेंगे। इससे कार्यक्षमता का विकास होगा और अनुपालन बोझ भी कम होगा। यह खास सॉफ्टवेयर आप www.gst.gov.in वेबसाइट पर दिए गए डाउनलोड विकल्प पर क्लिक करके प्राप्त किया जा सकता है। परिषद के मुताबिक, देशभर में करीब 80 लाख सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम हैं जिनका कारोबार 1.5 करोड़ या उससे कम है। मतलब, इतने लोगों को इस सुविधा का फायदा मिलेगा।
इसके साथ ही जीएसटी परिषद ने विभिन्न कंपनियों के बीच होने वाले कारोबार के लिए, ई-बिल निकलने के कारोबारी सीमा और उसके सृजन के तौर तरीकों जैसे पहलुओं पर ध्यान देने के लिए दो उप-समूहों का गठन किया है। एक समूह ई- इनवॉइस के लिए व्यापार प्रक्रिया, नीति से जुड़े एवं कानूनी पहलुओं का परीक्षण करेगा और दूसरा समूह इसके क्रियान्वयन से सम्बंधित तकनीकी पहलुओं पर अपनी अनुशंसाएँ देगा।
ये उप-समूह नीति मुद्दों पर कंपनियों के बीच बी2बी (Business to Business) आपूर्ति के मामले में फर्जी बिलों पर लगान लगाने के लिए तत्काल
कदम उठाने से जुड़े सुझाव देगा। राजस्व विभाग जीएसटी के जरिये चोरी रोकने के लिए ई-बिल अथवा ई-चालान पर शुरू से ही जोर देता आया है।