Group of Seven (G7) देशों का 47वां शिखर सम्मेलन 2021 आज ब्रिटेन में शुरू हो चुका है. यह सम्मेलन आज यानि 11 जून से 13 जून तक चलने वाला है. इस G7 Summit 2021 में भी स्वाभाविक रूप से हमेशा की तरह ब्रिटेन, अमेरिका, जापान, जर्मनी, फ्रांस, इटली, कनाडा और यूरोपीय संघ (7 विकसित देश) शामिल होंगे. इसके अलावा इस शिखर सम्मेलन में दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका और भारत देश अतिथि देशों के रूप में शामिल हुए हैं. दरअसल इन देशों को सम्मेलन में शामिल होने आमंत्रित किया गया है. बताया तो ऐसा जा रहा है कि इस सम्मेलन का मुख्य एजेंडा कोरोना वायरस (Corona Virus) होगा क्योंकि हम और आप सभी जानते हैं कि आज दुनिया के सामने सबसे बड़ी चुनौती क्या है. दुनियाभर में अब तक 37 लाख लोग कोरोना के चलते अपनी जान गंवा है. इसलिए इस समिट में कोरोना बीमारी और इसकी वैक्सीन को लेकर मुख्य रूप से चर्चा होगी. इसके अलावा जो दुनिया के सामने एक परमानेंट समस्या बनी हुई है 'जलवायु परिवर्तन' पर भी विशेष चर्चा होगी.
दुनिया के 7 विकसित राष्ट्रों के समूह (G7) द्वारा दुनिया के साथ कोरोना वायरस के टीकों की कम से कम एक अरब खुराकें साझा करने का संकल्प लिया जाएगा. ये घोषणा ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन द्वारा की गई है. इन एक अरब खुराकों में से आधी खुराकें अमेरिका दान देगा जबकि 10 करोड़ खुराकें ब्रिटेन की ओर से दी जाएंगी. हम सभी को इस बात की जानकारी होनी चाहिए कि दुनिया में ऐसे कई देश हैं जो वैक्सीन खरीद पाने की स्थिति में नहीं है उनकी अर्थव्यवस्था पूरी तरह से चौपट हो चुकी है वे गरीबी के दौर से गुजर रहे हैं. ब्रिटेन ने वैक्सीन दान करने का फैसला इसी बात को मद्देनज़र रखते हुए लिया है. बता दें, ब्रिटेन ने 40 करोड़ वैक्सीन का ऑर्डर दे भी दिया है.
वैक्सीन पर होगी चर्चा:
अमेरिकन राष्ट्रपति जो बाइडन पहले ही कह चुके हैं कि अमेरिका दुनियाभर के ज़रूरतमंद लोगों को 50 करोड़ वैक्सीन दान करेगा. इस दान का फायदा मुख्य रूप से 92 ज़रूरतमंद देशों को मिलेगा. यह वैक्सीन गरीब देशों को कोवैक्स के जरिए उपलब्ध कराइ जाएगी.
इससे पहले राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा था कि कि अमेरिका 50 करोड़ वैक्सीन दान करेगा. इसका फायदा दुनिया के 92 देशों को मिलने वाला है, इन देशों में भारत का नाम भी शामिल है. ये वैक्सीन कोवैक्स (संयुक्त राष्ट्र समर्थित वैश्विक वैक्सीन साझाकरण कार्यक्रम) के जरिए गरीब देशों को दी जाएगी. इसके साथ ही अफ्रीकी संघ को भी मुफ्त में वैक्सीन मिलेगी. अमेरिका द्वारा फाइजर के टीके की 50 करोड़ खुराकों का आर्डर दे दिया गया है. अमेरिका द्वारा इस साल यानि 2021 में फाइजर टीके की 20 करोड़ खुराकें दान दे दी जाएंगी, बाक़ी 30 करोड़ खुराकें 2022 के पहले छह महीनों के दौरान दान दे दी जाएंगी.
जलवायु परिवर्तन सबसे बड़ी चिंता:
शिखर सम्मेलन शुरू होने के एक दिन पहले यानि गुरुवार को अलग-अलग देशों के 70 से अधिक मुख्य कार्यपालक अधिकारियों (सीईओ) ने जलवायु परिवर्तन को लेकर चिंता के बीच विकसित देशों के समूह जी-7 के नेताओं से विभिन्न क्षेत्रों के बीच मजबूत सहयोग पर चर्चा की. इस चर्चा के जरिए शुद्ध रूप से शून्य कार्बन उत्सर्जन व्यवस्था की दिशा में ठोस और तेजी से कदम उठाने का आग्रह किया गया है. दुनियाभर की बड़ी कंपनियों के शीर्ष अधिकारियों ने जी-7 के नेताओं के सामने जलवायु बेहतर करने से संबंधित जो लक्ष्य रखे हैं, उन्हें इसी साल नवंबर में ग्लासगोव, ब्रिटेन (Glasgow (UK)) में होने वाले संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (2021 United Nations Climate Change Conference(COP26)) से पहले पूरा करने का अनुरोध भी किया है.