फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों को एक शख्स ने सरेआम थपप्ड़ मारा, दो गिरफ्तार

समाचार एजेंसी रॉयटर्स के हवाले से खबर आई है कि एक शख्स ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों (Emmanuel Macron) को सरेआम थपप्ड़ मारा है. इस मामले में पुलिस ने फौरन कार्रवाई करते हुए दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।
फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों को एक शख्स ने सरेआम थपप्ड़ मारा, दो गिरफ्तार
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समाचार एजेंसी रॉयटर्स के हवाले से खबर आई है कि एक शख्स ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों (Emmanuel Macron) को सरेआम थपप्ड़ मारा है. इस मामले में पुलिस ने फौरन कार्रवाई करते हुए दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।

दक्षिण-पूर्वी फ्रांस की यात्रा के दौरान फ्रांस के राष्ट्रपति (President of France) इमैनुएल मैक्रों को एक शख्स ने सरेआम गाल पर थप्पड़ मार दिया है। इस हादसे के बाद उस जगह पर हंगामा मच गया। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। ब्रिटेन की बहुप्रचलित समाचार एजेंसी 'रॉयटर्स' के हवाले से इस खबर की पुष्टि की गई है।

सोच कर देखिए, जिस देश से दुनिया के बड़े-बड़े देश खौफ खाते हों अगर उस देश के राष्ट्रपति को सरेआम तमाचा पड़ जाए तो वहां क्या हालात बने होंगे।

घटना के तुरंत बाद मैक्रों की सुरक्षा में लगे हाई लेवल सुरक्षा कर्मियों ने उस व्यक्ति को तुरंत ज़मीन पर गिरा दिया और राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया. इस घटना का वीडियो क्लिप ट्विटर पर भी पोस्ट किया जा चुका है। क्लिप में हरे रंग की टीशर्ट और चश्मे में एक व्यक्ति मैक्रों की तरफ हाथ बढ़ता है मैक्रों उससे हाथ मिलाने के लिए अपना हाथ बढ़ाते हैं इतने में वह शख्स करंट की स्पीड से मैक्रों के गाल पर तमाचा जड़ देता है. चेहरे पर थप्पड़ मारने से पहले वह शख्स फ्रेंच भाषा में में "डाउन विद मैक्रोनिया" चिल्लाते हुए दिखाई दे रहा है।

इस घटना दुनियाभर से प्रतिक्रियाएं आणि शुरू हो गई हैं. फ्रांस के प्रधानमंत्री ज्यां कास्टेक्स (Jean Castex) ने इस घरेलू घटना को लोकतंत्र का अपमान बताया है। घटना के फ़ौरन बाद उन्होंने नेशनल असेंबली के समक्ष अपनी बात रखते हुए कहा कि 'लोकतंत्र का मतलब बहस और वैध असहमति होती है.' लोकतंत्र का मतलब कभी भी शारीरिक हमला, मौखिक आक्रामकता और हिंसा नहीं होना चाहिए, यह लोकतंत्र का अपमान है.

फ्रांस राष्ट्रपति मैक्रों की सुरक्षा कौन करता है? जान लीजिए...

फ्रांसीसी राष्ट्रपतियों को Security Group for the Presidency of the Republic द्वारा सुरक्षा प्रदान की जाती है, जिसे शोर्ट रूप में 'जीएसपीआर' कहा जाता है। इस सुरक्षा संगठन को साल 1983 में स्थापित किया गया था.

राष्ट्रपति मैक्रों को किसी भी स्थिति में सुरक्षा देने के लिए इस सुरक्षा संगठन के 77 स्पेशल कमांडो तैयार रहते हैं. इनमें पुरुष और महिलाऐं दोनों शामिल होते हैं। फ्रांसीसी टीवी चैनल बीएफएम के अनुसार, ये सुरक्षा कर्मी राष्ट्रपति की किसी भी ऑफिसियल यात्रा से पहले सभी संबंधित स्थानों की तलाशी लेते हैं और चौकन्ने हो कर राष्ट्रपति की रक्षा में तैनात रहते हैं।

टीवी चैनल बीएफएम की रिपोर्ट है कि मंगलवार की यात्रा पर मैक्रों के साथ जीएसपीआर के 10 सदस्य उनकी सुरक्षा में मौजूद थे।

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