अमेज़न और फ्लिपकार्ट जैसी इ-कॉमर्स साइट्स पर अब नहीं लगेगी सेल, सरकार का कड़ा कानून !

अमेज़न और फ्लिपकार्ट जैसी इ-कॉमर्स साइट्स पर अब नहीं लगेगी सेल, सरकार का कड़ा कानून !
2 min read

अमेज़न और फ्लिपकार्ट जैसी कॉमर्स साइट्स पर अब नहीं लगेगी सेल, सरकार का कड़ा कानून !

Ashish Urmaliya | The CEO Magazine

फ्लिपकार्ट और अमेज़न जैसी कंपनियां अब अपने प्लेटफार्म पर एक्सक्लूसिव प्रोडक्ट नहीं बेच पाएंगी. भारतीय वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने ई-कॉमर्स पॉलिसी को लेकर निर्देश जारी किये हैं जो प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) वाली ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए काफी सख्त हैं. जारी निर्देशों के मुताबिक, ई-कॉमर्स कंपनियां विक्रेताओं पर किसी भी प्रकार का दबाव नहीं डाल सकतीं और कोई भी विक्रेता अपना प्रोडक्ट किसी भी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स पर बेच सकेगा. जैसा किआपने कई मौकों पर देखा होगा, नए फोन या प्रोडक्ट्स सिर्फ चुनिंदा ई-कॉमर्स साइट पर ही लॉन्च होते हैं लेकिन नए नियमों के बाद अब किसी भी प्रोडक्ट के लिए कोई भी एक्सक्लूसिव प्लेटफॉर्म नहीं होगा |

अगर साधारण शब्दों में कहा जाये तो ये निर्देश उन ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए हैं जो प्रत्यक्ष विदेशी निवेश करती हैं. दरअसल, ये कंपनियां खुद की हिस्सेदारी वाली कंपनियों के प्रोडक्ट्स 'एक्सक्लूसिव सेल' के नाम पर बेचती हैं और इस प्रक्रिया के चलते घरेलु उत्पादकों विक्रेताओं को कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ता है. लेकिन अब कोई भी ई-कॉमर्स कंपनी अपनी भागीदारी वाली कम्पनी के प्रोडक्ट्स 'एक्सक्लूसिव सेल' जैसे कि डिस्काउंट ऑफर, कैशबैक ऑफर  के नाम पर नहीं बेच पायेगी।

वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी निर्देशों में यह भी कहा गया है कि फ्लिपकार्ट और अमेज़न जैसे फर्मों को बिना किसी भेदभाव के अपने सभी विक्रेताओं को समान सेवाएं या सुविधाएं प्रदान करनी होंगी। साथ ही कोई भी ई-कॉमर्स साइट विक्रेता को किसी भी "एक्सक्लूसिव" प्रोडक्ट के दाम घटाने के लिए दबाव में नहीं डाल सकती। अब ग्राहकों की संतुष्टि के लिए कंपनी के साथ विक्रेता भी जिम्मेदार होगा।

नए नियमों के अनुसार, कोई भी वेंडर अधिकतम 25 प्रतिशत उत्पादों को ही किसी एक ऑनलाइन मार्केट प्लेस के जरिये बेच सकेंगे. मतलब, फ्लिपकार्ट और अमेज़न जैसी बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियां अब भारी भरकम डिस्काउंट नहीं दे पाएगी. ऑफर्स पर भी सफाई देनी होगी और कैशबैक देने में पारदर्शिता बरतनी होगी |

सभी ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए ये नए नियम 1 फरवरी 2019 से लागू होंगे. फ्यूचर रिटेल के ज्वाइंट MD राकेश बियानी के मुताबिक सरकार की सफाई के बाद ऑनलाइन और ऑफलाइन प्लेटफॉर्म में समानता आएगी और दूरी कम होगी. लेकिन नए नियमों को लागू करने की जिम्मेदारी सरकार और इंडस्ट्री पर है. पूरे सेक्टर की भलाई के लिए नियमों का सही ठंग से लागू होना जरूरी होगा |

सरकार के इस कदम का स्वागत करते हुए, स्नैपडील के सीईओ कुणाल बहल ने ट्वीट किया कि 'ये मार्केटप्लेस वास्तविक रूप से स्वतंत्र विक्रेताओं के लिए ही है, जिनमें कई सूक्ष्म, लधु व माध्यम उद्यमी शामिल हैं। ये बदलाव ई-कॉमर्स की पहुंच का लाभ उठाने वाले सभी विक्रेताओं, व्यापारियों को सक्षम बनाएगा।

साथ ही अमेज़न इंडिया के प्रवक्ता ने कहा कि, "हम इन निर्देशों का मूल्यांकन कर रहे हैं।"

सरकारी योजना

No stories found.

समाधान

No stories found.

कहानी सफलता की

No stories found.

रोचक जानकारी

No stories found.
logo
Pratinidhi Manthan
www.pratinidhimanthan.com