अमूल और मदर डेयरी को टक्कर देने 'बाबा' ने लांच कर दिया सबसे सस्ता दूध, दाम जानिए!
Ashish Urmaliya | The CEO Magazine
कुछ ही दिनों पहले अमूल और मदर डेयरी कंपनी ने दूध के दामों में बढ़ोतरी कर दी थी। काफी मिडिल क्लास लोगों को इस बात से काफी फर्क पड़ा था, क्योंकि बड़े-बड़े महानगरों में रहने वाले लोग दूध के लिए लगभग पूरी तरह अमूल और मदर डेयरी जैसी दूध कंपनियों पर ही निर्भर रहते हैं। लेकिन अब उनके लिए एक अच्छी खबर आई है। बाबा रामदेव की पतंजलि प्राइवेट लिमिटेड ने अमूल और मदर डेयरी के मुकाबले 4 रूपए प्रति लीटर सस्ता टोंड दूध लॉन्च कर दिया है। बता दें, इससे पहले पतंजलि उत्तराखंड, दिल्ली-एनसीआर, जयपुर, महाराष्ट्र में सिर्फ गाय के दूध की बिक्री कर रही थी। पतंजलि के एक लीटर के टोंड मिल्क पैकेट की कीमत 40 रुपए है। जबकि अमूल और मदर डेयरी इतना ही दूध 44 रुपए में बेच रही हैं।
टोंड दूध को लांच करते वक्त बाबा ने बताया, कि पतंजलि ने डेयरी एवं अन्य फ्रेश प्रोडक्ट्स के क्षेत्र में पिछले साथ सितम्बर के महीने ने कदम रखा था। दिल्ली-एनसीआर में पतंजलि ने गाय के दूध के 20 प्रतिशत बाजार पर कब्ज़ा कर लिया है। सस्ते वाले सवाल पर बाबा ने कहा, कि कंपनी इस दूध के प्रचार प्रसार में खर्च नहीं बढ़ा रही है इसलिए अन्य कंपनियों के मुकाबले यह दूध सस्ता है।
6 महीने तक एक्सपायर नहीं होता टेट्रा पैक-
पतंजलि के टेट्रा पैक वाले दूध को पूर्वोत्तर क्षेत्र समेत देशभर की कई जगहों पर उपलब्ध कराया जा रहा है। स्वदेशी कंपनी के टेट्रा पैक काऊ मिल्क की शेल्फ लाइफ 6 महीने की है। टेट्रा पैक वाला दूध बहुत ही गाढ़ा होता है। मतलब इतना गाढ़ा कि, टोंड दूध का आदी व्यक्ति इसमें 50 प्रतिशत पानी मिलाकर पी सकता है। लंबी यात्रा के दौरान भी इस दूध का उपयोग किया जा सकता है। एक लीटर टेट्रा पैक काऊ मिल्क की कीमत 60 रुपए है। यह सब बताते हुए रामदेव ने यह भी कहा कि, उनका मुख्य उद्देश्य गोवंश की रक्षा और सेवा करना है।
हर्बल दूध लाने की तैयारी में हैं बाबा!
प्रेस वार्ता के दौरान बाबा ने कहा कि, हमारा मक्खन अन्य कंपनी की तुलना में 4 रूपए महंगा है क्योंकि यह गाय का शुद्ध मक्खन है। इसमें किसी भी तरह के रंग की मिलावट नहीं की जाती। आइसक्रीम पर सवाल आया तो बाबा ने फिलहाल के लिए साफ मना कर दिया। लेकिन हां, बाबा की बातों से संकेत मिले हैं, कि जल्द ही पतंजलि जड़ी बूटियों वाला दूध लाने की तैयारी में हैं।
इसके साथ ही बाबा ने यह जानकारी भी दी, कि महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक, केरल और आंध्र प्रदेश में सबसे अधिक दूध का उत्पादन होता है। इसके साथ ही उन्होंने आलोचनाओं का जवाब देते हुए कहा, कि पतंजलि दूध का प्रसंस्करण अपने ही प्लांट्स में करती है, इसके लिए किसी भी थर्ड पार्टी का सहारा नहीं लिया जाता है।