शिवरात्रि को श्रद्धा का केंद्र होता है सेवरा पहाड़, पहाड़ की गोद में स्थित, कपिल मुनि आश्रम.... देखिए क्या है विशेषता

शिवरात्रि के पर्व पर जहां सभी शिव मंदिरों पर चमक दमक रहती है वही तहसील मोठ अंतर्गत आने वाला कपिल मुनि आश्रम सेवरा पहाड़ भी भक्तों के लिए श्रद्धा का केंद्र बन जाता है।
सेवरा पहाड़
सेवरा पहाड़
3 min read

रिपोर्टर- मनोज कुमार

शिवरात्रि का पर्व संपूर्ण हिंदू समाज के लिए श्रद्धा भक्ति एवं मनोरंजन का केंद्र बना रखा है। तरह-तरह के पकवान मिठाईयां आदि इस पर्व की भव्यता को और अधिक बढ़ा देता है। इस दिन प्रातः के समय से ही लोग विधि-विधान से भगवान शिव एवं माता पार्वती की पूजा अर्चना करते हैं।

शिवलिंग पर दुग्ध अभिषेक, जल अभिषेक एवं तरह-तरह के पुष्प एवं धतूरे आदि से पुरुष भगवान शिव की पूजा अर्चना करते हैं। मान्यता है कि शिवरात्रि के समय भगवान से समस्त देवो आदि के साथ अपनी बारात लेकर पर्वतराज हिमांचल के यहां बारात लेकर गए थे।

जिसको देखते हुए संपूर्ण मोंठ क्षेत्र में भगवान शिव के मंदिरों पर भव्यता के साथ लोग नाच, गाकर शिवरात्रि का त्यौहार मनाते हैं।

कपिल मुनि आश्रम
कपिल मुनि आश्रम

वेदों में रचित एवं पौराणिक कथाओं के अनुसार कपिल मुनि की माता का नाम देवविभूति तथा पिता का नाम कर्दम ऋषि था। मोटाराम रोग से कुछ ही दूरी पर इससे कपिल मुनि आश्रम के बारे में इतिहासकारों का कहना है कि पहले यह पहाड़ झाड़ियों से ढका हुआ था लेकिन आज से लगभग कई पीढ़ियों पहले एक व्यक्ति का खेत गाय चर लेती थी।

गाय से परेशान हो गया और वह गाय के पीछे पीछे चला गया जब मैं पहाड़ पर पहुंचा तो वहां एक गुफा का रास्ता था वह गाय के पीछे पीछे गुफा तक पहुंचा तो उसने वहां जाकर देखा कि एक महाराज तपस्या कर रहे हैं और अगल बगल दूर्वा जमी हुई है और कई गाय वहां मौजूद है वह दृश्य मन मोहे कर लेने वाला था लेकिन किसान ने कहा कि यह गाय रोज मेरा नुकसान कर देती है और मेरे खेत कोचर लेती है इसका मुआवजा मुझे कौन देगा तो वहां बैठे महात्मा ने उन्हें कुछ हीरे जवाहरात दे दिए तो वह खुश हो गए अब किसान ने उनसे कहा कि मैं अपने घर कैसे जाऊंगा तो उन्होंने कहा अपनी आंखें बंद कर लो आंखें बंद करते ही वह अपने घर पहुंच गया लेकिन वह किसान नहीं जानता था कि यह हीरे जवाहरात हैं उसने अपनी पत्नी से कहा कि इनको खाना में पका दो लेकिन वह तो हीरे जवाहरात थे वह कहां पकते तो उसने उन्हें घर के बाहर फेंक दिया जब सुबह हुई तो वह चमकते हुए दिखे तो लोगों ने उन्हीं रे जवारा तो को उठाने की कोशिश की लेकिन वह रात में तब्दील हो गए दूसरे दिन किसान फिर वहां पहुंचा तो फिर उसे गुफा तो मिली लेकिन धीरे-धीरे अंदर जाते ही वह गुफा छोटी हो गई लोगों की आस्था की मानें तो आज भी उस गुफा में भगवान शिव तपस्या कर रहे हैं उसके बाद आज तक कोई भी व्यक्ति और गुफा के अंदर नहीं जा पाया साथ ही भीषण गर्मी में भी गुफा में पानी भरा रहता है लेकिन किसी ने उस पानी का पता नहीं लगा पाया कि वह कहां से आता है गुफा पहाड़ पर लगभग 200 पदों पर होगी इससे यह सोचने बाली बात है कि आखिर पानी कहां से वहां आता होगा।

वही गुफा में स्थित जल का भी विशेष महत्व है कहा जाता है कि अगर किसानों की फसल मैं किसी भी प्रकार के कीड़े लग जाए या फसल खराब होने लगे तो गुफा काजल फसल में छिड़कने से सारे रोग खत्म हो जाते हैं और फसल फिर से हरी भरी हो जाती है हालांकि कपिल मुनि आश्रम लोगों के लिए एक विशेष आस्था का केंद्र है और कल महाशिवरात्रि पर लाखों की तादाद में लोग वहां पहुंचेंगे और भगवान शिव की आराधना करेंगे।

कपिल मुनि आश्रम
कपिल मुनि आश्रम

सरकारी योजना

No stories found.

समाधान

No stories found.

कहानी सफलता की

No stories found.

रोचक जानकारी

No stories found.
logo
Pratinidhi Manthan
www.pratinidhimanthan.com