हर सपना पूरा नहीं होता, लेकिन कुछ लोगों का कोई भी सपना पूरा नहीं होता। ऐसी स्थिति में खुद को ऐसे संभालें

हर सपना पूरा नहीं होता, लेकिन कुछ लोगों का कोई भी सपना पूरा नहीं होता। ऐसी स्थिति में खुद को ऐसे संभालें
हर सपना पूरा नहीं होता, लेकिन कुछ लोगों का कोई भी सपना पूरा नहीं होता। ऐसी स्थिति में खुद को ऐसे संभालें
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हर सपना पूरा नहीं होता, लेकिन कुछ लोगों का कोई भी सपना पूरा नहीं होता। ऐसी स्थिति में खुद को ऐसे संभालें

Ashish Urmaliya | The CEO Magazine

बहुत हसीन सही सोहबतें गुलों की मगर, वो ज़िंदगी है जो काँटों के दरमियाँ गुज़रे।। बहुत खूब लिखा है जिगर मुरादाबादी ने। असल मायने में जिंदगी वही है जो मेहनत, समस्याओं और जोखिमों से भरी हो। आप मुझे कोई ऐसा एक नाम बता दीजिये, जो बहुप्रचलित हो और उसके जीवन में समस्याएं न हों। बल्कि उनके जीवन में सबसे ज्यादा समस्याएं होती हैं। बहुत प्रचलित ही क्यों कोई भी साधारण मानुस बता दीजिये, जिसके जीवन में कोई न कोई समस्या न हो। हां फर्क सिर्फ इतना होता है कि, किसी के जीवन में ज्यादा समस्याएं होती हैं किसी के में कम। लेकिन एक बात बता दूँ, बड़ी समस्याएं बड़े लोगों के समक्ष ही आती हैं जो उसे झेलने की क्षमता रखता है। और कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो बिना किसी समस्या के खुद को समस्यामय महसूस करते हैं।

जैसा कि हम सभी जानते हैं, जिंदगी में हर किसी का कोई न कोई ख्वाब जरूर होता है। क्योंकि बिना ख्वाबों, अरमानों, इच्छाओं वाली जिंदगी एकदम नीरस, फीकी और बेमायने होती है। लोग अपने ख्वाबों, इच्छाओं को पूरा करने के लिए प्रयासरत हो जाते हैं। मनुष्य की सभी इक्षाओं की कभी पूर्ती नहीं होती क्योंकि इक्छाओं की भी अपनी कोई सीमा नहीं होती, वक्त के साथ बदलती और बढ़ती रहती हैं। लेकिन भागदौड़ करते-करते कई बार एक ऐसा वक्त आता है कि हम फेल हो गए। हम वह मुकाम हासिल नहीं कर पाए जो करने निकले थे। ख्वाब अधूरा रह जाता है और लोग खुद को बिखरा हुआ महसूस करने लगते हैं। ऐसा मालूम पड़ता है कि जैसे अब कुछ बचा ही नहीं, जिंदगी बेसुरी हो गई है। ऐसा अक्सर ज्यादा सोचने वालों के साथ होता है। अगर आप भी इनमे से एक हैं, तो खुद को ऐसे संभालें…

  1. अपनी हार को कॉन्फिडेंस के साथ स्वीकार करें, अपने दिलो-दिमाग के भावों को खुल कर अभिव्यक्त करें, रोने का मन करे तो खुल कर रो भी लें, खुद को कुछ वक्त दें। इसका मतलब ये नहीं कि खुद को एक अँधेरे कमरे में बंद कर लेना है, हरगिज नहीं। समय के पास वो ताकत होती है, जो हर जख्म को भर देता है।
  1. ऐसे वक्त में प्रकृति के अलावा ऐसा कुछ भी नहीं है, जो आपको सहारा दे सके। प्रकृति का सहारा लें, वर्तमान हालात से दूरी बनाकर खुद को कहीं दूर प्राकृतिक जगहों पर चले जाएं। यकीन मानिये कुछ ही दिनों में आप सारे दर्द भूल जायेंगे और जिंदगी को नए तरीके से शुरू करने के लिए तैयार हो जायेंगे।
  1. अपने दिमाग को डाइवर्ट करें, दुःख को नई चीजों के साथ रिप्लेस करें और नई आदतें विकसित करें। इसके लिए किताबें पढ़ें, पेड़ पौधे लगाएं, पुराने दोस्तों से मिलें और उनसे पुराने दौर की बातें करें। ऐसा करके आप अपने जीवन को फिर उसी जगह पर पाएंगे जहां आपने शुरुआत की थी। और यहां से फिर से एक नई शुरुआत करने के लिए आपको ताकत मिलेगी।
  1. अपनी जिंदगी को दूसरों के दृष्टिकोण से देखना बंद करें। जीवन आपका है, संघर्ष आपका है, अपनी जिंदगी को अपने उसूलों पर जियें। दूसरों की सलाह लें, मगर उस पर आंख मूंद कर भरोषा न करें। जिंदगी को जीने के अनेकों-अनेक तरीके होते हैं, बस आपको उन्हें तलाशने की जरूरत है। आपको जीवन के विकल्पों में बदलाव लाने की जरूरत है। नई दिशा में कदम बढ़ाते हुए आप निश्चित ही सफल होंगे।

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