भारत सरकार ने देश में पोषण से संबंधित योजना लाने का निर्णय लिया जिसको देश के बच्चों और प्रेगनेंट औरतों की भलाई के लिए शुरू किया जा रहा है। 10 करोड़ लोगों को लाभ पहुँचाने वाली इस योजना को जल्द ही लॉन्च किया जाएगा। प्रधानमंत्री राष्ट्रीय पोषण मिशन(Prime Minister's National Nutrition Mission) के तहत 6 महीने से लेकर 3 साल तक के बच्चों को पौष्टिक भोजन दिया जाएगा।
हालांकि इस योजना का फायदा केवल उन्हीं बच्चों को मिलेगा जो बच्चे शारीरिक रूप से कमज़ोर होंगे यानी कम वज़न और कुपोषण(malnutrition) का शिकार होंगी। भारत में शिशु स्वास्थ्य के रास्ते में कुपोषण एक बड़ी बाधा है जिसे भारत सरकार राष्ट्रीय पोषण मिशन(National Nutrition Mission) के माध्यम से दूर करने का प्रयास कर रही है।
राष्ट्रीय पोषण मिशन का मुख्य उद्देश्य कुपोषण और जन्म के समय बच्चों का वज़न कम होने जैसी समस्याओं को प्रत्येक वर्ष 2% तक कम करना है। इस योजना को भारत सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और नीति आयोग द्वारा संयुक्त रूप से संचालित किया जा रहा है।
योजना की शुरुआत प्रधानमंत्री द्वारा मार्च, 2018 में किया गया था। इस योजना के तहत तीन वर्ष तक के बच्चों व गर्भवती महिलाओं को लाभ प्रदान किया जाएगा। उनके लिए संतुलित भोजन की व्यवस्था कराई जाएगी ताकि उन्हें संतुलित भोजन मिल सके व उन्हें कुपोषण का शिकार होने से बचाया जा सके।
इसमें 96,646 करोड़ रूपए की राशि खर्च करने का लक्ष्य रखा गया है जिसे तीन चरणों में पूरा किया जाएगा। इस योजना को आँगनवाड़ी केंद्रों(anganwadi centre) के माध्यम से संचालित किया जाएगा अर्थात इसका क्रियान्वन्त किया जाएगा। आँगनवाड़ी(anganwadi) में कार्यरत महिलाएं इस प्रधानमंत्री राष्ट्रीय पोषण मिशन योजना(Prime Minister National Nutrition Mission Scheme) के कार्य को संभालेंगे जिसके लिए उन्हें 500 रूपए अतिरिक्त प्रदान किए जाएंगे।
कुपोषण में पौष्टिक भोजन की कमी होने से शरीर कमज़ोर हो जाता है उसका पूरा विकास नहीं हो पता है। किसी भी व्यक्ति के शरीर के विकास के लिए प्रोटीन, वसा और कार्बोहाइड्रेट(carbohydrate) की ज़रूरत होती है।
जब किसी के आहार में इन तत्वों की कमी होती है तो शरीर का विकास नहीं हो पाता और कई बीमारियों की वजह से उसकी आयु कम रह जाती है। कुपोषण की वजह से शरीर का सम्पूर्ण विकास नहीं हो पाता है।
ज़्यादातर कुपोषित बच्चों का कद कम रह जाता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता(immunity to disease) कम हो जाती है और लोग कई तरह की बीमारियों के शिकार बन जाते है। शिशुओं की मृत्यु का एक बड़ा कारण कुपोषण ही होता है।
महिलाओं में कुपोषण की वजह से एनीमिया(anemia) और घेंघा रोग(goitre disease) होता है। बच्चों में कुपोषण की वजह से सूखा रोग और रतौंधी जैसी समस्याएं पैदा होती है। विश्व बैंक(World Bank) के अनुसार भारत शुमार उन देशों में होता रहा है जहाँ कुपोषण की समस्या ने गहराई तक जड़ जमा रखे है।
International Food Policy Research Institute-IFPRI द्वारा जारी ग्लोबल हंगर इंडेक्स रिपोर्ट(Global Hunger Index Report) के अनुसार 119 देशों के ग्लोबल हंगर इंडेक्स (Global Hunger Index) में भारत 100वें नंबर पर है और वह उत्तर कोरिया और बांग्लादेश(bangladesh) जैसे देशों से भी पीछे है। इससे पहले भारत इस इंडेक्स(index) में 97वें स्थान पर था।
इस साल वर्ल्ड हंगर इंडेक्स(World Hunger Index) में भारत तीसरे स्थान और पीछे चला गया है। भारत में कम वज़न वाले बच्चों की संख्या उप सहारा अफ्रीका(Africa) की तुलना में लगभग दोगुनी है। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार भारत में 5 साल से कम उम्र के 38.4% बच्चे कुपोषण की वजह से कम कद के शिकार है जबकि माँ बनने योग्य 51.4% महिलाएं एनीमिक हैं। भारत में प्रत्येक साल जितनी मौतें होती हैं उनमें 5 फीसदी का कारण कुपोषण है।
प्रधानमंत्री राष्ट्रीय पोषण योजना(Prime Minister National Nutrition Scheme) को पूरा करने का लक्ष्य तीन चरणों में निर्धारित किया गया है। पहला चरण 2017-18 से शुरु होगा दूसरा 2019 और तीसरा 2020 में शुरू होगा। देश से कुपोषण जैसी महामारी को समाप्त करना ही इस प्रधानमंत्री राष्ट्रीय पोषण मिशन योजना(Prime Minister National Nutrition Scheme) का मुख्य उद्देश्य है। गरीब परिवार अपने बच्चों व गर्भवती को संतुलित भोजन नहीं दे पाते। सरकार प्रधानमंत्री राष्ट्रीय पोषण मिशन(Prime Minister National Nutrition Scheme) के द्वारा उनको संतुलित भोजन देना चाहती है।
इस योजना के द्वारा तीन साल के बच्चों को आंगनवाड़ी के तहत संतुलित भोजन की व्यवस्था करना है। इस योजना के द्वारा गर्भवती महिलाओं को संतुलित भोजन प्रदान कर उन्हें कुपोषित होने से बचाया जा सके साथ ही साथ माँ से होने वाले बच्चे को स्वास्थ बनाना है।
इस योजना के तहत लगभग 10 करोड़ बच्चों व महिलाओं को लाभ पहुँचाना योजना का उद्देश्य है। प्रधानमंत्री राष्ट्रीय पोषण मिशन(Prime Minister National Nutrition Scheme) के तहत 6 माह से लेकर 3 साल तक के बच्चों को इस से लाभ दिया जाएगा।
इस योजना के द्वारा सरकार कम वजन के बच्चों की संख्या को पहले चरण में 2% कम करना चाहती है। साथ ही साथ एनीमिया(anemia) और खून की कमी से ग्रसित बच्चों व महिलाओं को संख्या में प्रतिवर्ष 3% कमी लाना है।
इस मिशन का एक और लक्ष्य 2022 तक स्टंटिग(stunting) को 4% से 25% तक लाना है। देश में एक बड़ी आबादी व्यापक तौर पर कुपोषण की समस्या से ग्रसित है इसमें ज़्यादातर संख्याएं महिलाओं और बच्चों की है। ऐसे में देश का विकास हमेशा बाधित रहने की गुंजाइश है।
महिलाओं के कुपोषित रह जाने से उनके बच्चे भी स्वयमेव कुपोषित रह जाते है। ऐसे में उनसे राष्ट्र विकास में भागीदारी की आशा नहीं की जा सकती है। मानवाधिकार के लिहाज़ से भी कुपोषण एक बड़ी समस्या है।
लगभग आधी आबादी के रूप में होते हुए भी महिलाओं का पिछड़ा होना विकास के सामने एक प्रमुख चुनौती है जबकि बच्चे तो स्वयं कम के भविष्य है। उनके पिछड़े होने पर राष्ट्र का भविष्य भी अंधेरे में हो सकता है।
प्रधानमंत्री राष्ट्रीय पोषण मिशन(Prime Minister's National Nutrition Mission) के लिए आवेदन करना है तो सबसे पहले Ministry of health & family welfare Government of India की ऑफिसियल वेबसाइट पर जाना होगा। ऑफिसियल वेबसाइट पर जाने के बाद होम पेज खुल जाएगा। होम पेज पर लॉगिन फॉर्म दिखाई देगा।
अगर पहले से रजिस्टर हुए तो आपको सीधे लॉगिन(Log-in) करना होगा और अगर रजिस्टर नहीं है तो लॉगिन फॉर्म(Login Form) के नीचे प्रधानमंत्री राष्ट्रीय पोषण मिशन योजना के ऑप्शन पर क्लिक करना होगा। क्लिक करने के बाद आपके सामने आगे का पेज खुल जाएगा।
इस पेज पर आपको रजिस्ट्रेशन फॉर्म(Registration Form) खुल जाएगा जिस में पूछी गई सभी जानकारी स्टेट, डिस्ट्रिक्ट प्रोफाइल सर्विस प्रोवाइडेड(District Profile Service Provided) आदि भरनी होगी। सभी जानकारी भरने के बाद कंटिन्यू के ऑप्शन पर क्लिक करना होगा जिसके बाद स्क्रीन पर एक यूनिक कोड प्रदर्शित होगा जो आगे काम आ सकता है।