क्या है गोल्ड मॉनेटाज़ेशन स्कीम? योजना का लाभ, उद्देश्य और महत्त्व!

सोना गहनों के तौर पर तो लिया ही जाता है साथ ही कुछ लोग इसे निवेश के साधन के तौर पर इस्तेमाल करते हैं
क्या है गोल्ड मॉनेटाज़ेशन स्कीम? योजना का लाभ, उद्देश्य और महत्त्व!
क्या है गोल्ड मॉनेटाज़ेशन स्कीम? योजना का लाभ, उद्देश्य और महत्त्व!
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सोना गहनों के तौर पर तो लिया ही जाता है साथ ही कुछ लोग इसे निवेश के साधन के तौर पर इस्तेमाल करते हैं। घर में अकसर सोने की ज्वैलरी या सिक्के रहते हैं। घर में ऐसे ही रखे सोने से कमाई की जा सकती हैं। यह सुविधा गोल्ड मॉनेटाज़ेशन स्कीम(Gold Monetization Scheme) के तहत बैंक उपलब्ध कराते है। भारतीय रिज़र्व बैंक ने अक्टूबर 2015 में गोल्ड मॉनेटाज़ेशन स्कीम(Gold Monetization Scheme) को लेकर दिशानिर्देश जारी किए थे।

इस स्कीम में ग्राहक बैंक(customer bank) में अपना सोना जमा कर उस पर ब्याज हासिल कर सकते हैं। भारत सरकार द्वारा 5 नवंबर, 2015 को स्वर्ण मुद्रीकरण योजना(gold monetization scheme) शुरू की गई थी। यह उम्मीद की जाती है कि यह योजना भारत में सोने को एक उत्पादक संपत्ति में बदल देगी। यह नई स्वर्ण योजना वर्तमान गोल्ड डिपोज़िट योजना(gold deposit scheme) और गोल्ड मेटल लोन(gold metal loan) का एक परिवर्तित रूप है और वर्तमान स्वर्ण जमा योजन 1999(current gold deposit scheme 1999) का स्थान लेगी।

नए बदलाव के तहत सरकार ने सभी सरकारी बैंकों से गोल्ड मॉनेटाज़ेशन स्कीम को सपोर्ट करने को कहा है। साथ ही अब इस स्कीम में ज्वैलर्स को भी शामिल किया जा रहा है। उन्हें गोल्ड मॉनेटाज़ेशन स्कीम में एजेंट बनाया जाएगा। एक्सपर्ट(Expert) का कहना है कि सरकार का यह कदम जहाँ गोल्ड मॉनेटाज़ेशन स्कीम में लोगों की दिलचस्पी बढ़ेगी वही अर्थव्यवस्था को लेकर गेमचेंजर साबित हो सकता है।

भारत को दुनिया में शीर्ष सोना माना जाता है यह आयत हमारे भारत देश के लिए अच्छा नहीं हैं। क्योकिं यह हमारे देश में वित्तीय बोझ को जोड़ता है। सोने का आयत भी भारत देश को उच्च आयत शुल्क लगाने पर मजबूर करता है।

भारत सरकार ने हमारे सोने को नकदी में बदलने का फैसला किया है। भारतीय संस्थान प्रत्येक घर में 20 हज़ार टन सोना रखते है। सोने का केवल कुल मूल्य राष्ट्र के सकल घरेलू उत्पाद का 60% है।

क्या है गोल्ड मॉनेटाइज़ेशन स्कीम?

प्रधानमंत्री स्वर्ण मुद्रीकरण योजना(Prime Minister Gold Monetization Scheme) भारत देश में आपके सोने को उत्पादक संपत्ति में बदल देगी। यह योजना प्रधानमंत्री स्वर्ण मुद्रीकरण योजना GDS और GML का संशोधन है। नई गोल्ड मॉनेटाइज़ेशन स्कीम को GDS में बदल देगी। स्वर्ण स्वामियों को बस अपने सोने की बचत को खोलने की ज़रूरत है, अपने सोने को अपने केंद्रों को सोपना चाहिए।

जिसके बाद सरकार सोने की शुद्धता का आकलन करती हैं और सोने के मालिकों को रसीद देती हैं। इस योजना के माध्यम से नागरिकों को बैंकों में अपने सोने के वास्तविक मूल्य से अवगत कराया जाएगा। आपके सोने के मूल्य को बैंक द्वारा आपके खाते में जमा कराया जाएगा। बैंक सोने के मालिकों के द्वारा जमा कराए गए सोने को एक जगह इकट्ठा करती है।

आपका सोना पिघल जाएगा और सोने की ईंटों में बदल दिया जाएगा। बैंक के इस सोने का इस्तेमाल ज्वैलर्स को कर्ज देने के लिए किया जाता है, जो बैंकों को ब्याज चुकाएगा। यह सोने के मालिकों के लिए एक निवेश खाते की तरह है इसमें मैच्योरिटी अवधि(maturity period) है।

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यह योजना की अवधि पूरी हो जाने के बाद बैंक सोने के मालिकों को निश्चित ब्याज के साथ सोना लोटा देगा और ब्याज का भुक्तान भी सोने में किया जाएगा। स्वर्ण मुद्रीकरण योजना के तहत निवेशक शॉर्ट(short), मीडियम(medium) और लॉन्ग(Long) टर्म(term) के लिए सोना जमा कर सकते है।

यह एक निवेशक को अल्पकालिक बैंक जमा(short term bank deposits[STBD]), मध्यम और दीर्घकालिक सरकारी जमा [MLTGD] से सोना जमा करने की अनुमति देती है। शॉर्ट टर्म बैंक डिपॉज़िट की अवधि 1-3 साल होती है। मीडियम और लॉन्ग टर्म डिपॉज़िट क्रमश 5-7 साल और 12-15 साल के लिए खोले जा सकते है।

अलग-अलग बैंकों द्वारा अपने खाते में अल्पावधि बैंक जमा स्वीकार किए जाएंगे। लेकिन भारतीय रिज़र्व बैंक(Reserve Bank of India) द्वारा जारी अधिसूचना के आधार पर भारत सरकार की ओर से बैंकों द्वारा मध्यम और दीर्घकालिक सरकारी जमा स्वीकार किए जाएंगे। इस योजना के तहत घर में रखा सोना बैंक में जमा कर सकते हैं।

गोल्ड की सालाना वैल्यू पर 2.25% सालाना ब्याज देते हैं। इस स्कीम के तहत बैंक के पास ज्वेलरी, सोने का सिक्का या बार कुछ भी जमा करा सकते है। सरकार ने 2015 में यह योजना शुरू की थी। इसका मकसद घरों और संस्थानों में रखे सोने को बाहर लाना और उसका बेहतर उपयोग करना है।

मध्यम अवधि में 5 से 7 साल के लिए और लंबी अवधि के लिए 12 साल के लिए सोना जमा किया जा सकता है।

स्वर्ण मुद्रीकरण योजना का लाभ

स्वर्ण मुद्रीकरण योजना 2015 में सोने का निवेश कर के अपने निष्क्रिय सोने पर ब्याज कमाएंगे जो बचत में मूल्य वर्धन करेगा। इस योजना के तहत देश में सोने का आयात कम होगा, योजनाओं में लचीलापन होगा जिससे ज़रूरत पड़ने पर निवेश या सोना निकाला जा सकेगा और निवेश की शुरुआत 30 ग्राम सोने से भी किया जा सकता है।

योजना के माध्यम से एकत्र किए गए सोने के एक हिस्से को सोने के सिक्कों की बिक्री के लिए MMTC और RBI को बेचा या उधार दिया जा सकता है। साथ ही इस योजना के माध्यम से जमा किए गए सोने को देश में फिर से प्रसारित किया जाएगा ताकि सोने के आयात को कम किया जा सके।

देश की सबसे मूल्यवान संपत्ति होने के नाते, भारत सरकार का उद्देश्य इसका उपयोग राष्ट्र निर्माण के उद्देश्य से करना और देश की अर्थव्यवस्था को मज़बूत करना है। भारतीय बैंक उन लॉकरों के संरक्षण पर बहुत पैसा खर्च करती है जिनमें सोना होता है जिन्हें घर में रखने पर खतरा होता है और जिसे केवल शादियों और पारिवारिक कार्यों के लिए या जब इसे बेचने की आवश्यकता होती है तब निकाला जाता है।

जब स्वर्ण मुद्रीकरण योजना के लिए नामांकन करते है तो न केवल सुरक्षा मिलेगी बल्कि ऐसे बाजार की मौजूदा स्थिति के अनुसार बेहतर दर पर प्राप्त कर पाएंगे। जमा सोने को पैसे के रूप में भी प्राप्त किया जा सकता है या सुविधा के अनुसार भौतिक सोना निकाला जा सकता है। इस योजना की विशेषताओं में से एक है कि आप अपना सोना किसी भी रूप में जमा कर सकते हैं।

सोने को बार और सिक्के या अलंकरण के रूप में रखा जा सकता है। अगर आपके सोने के गहने रत्नों से भरे हुए हैं तो इसे स्वर्ण मुद्रीकरण योजना के तहत जमा नहीं किया जा सकता है। इस योजना के लिए न्यूनतम जमा राशि 30 ग्राम 995 ब्यूटी गोल्ड(beauty gold) की आवश्यकता होगी।

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