केंद्र सरकार के द्वारा देश के 500 शहरों का कायाकल्प करने के लिए शुरू की गयी अमृत मिशन की अवधि दो साल बढ़ा दिया है। अमृत का पूरा नाम अटल मिशन ऑफ़ रेजूवेनेशन एंड अर्बन ट्रांसफॉर्मेशन(Atal Mission for Rejuvenation and Urban Transformation (AMRUT)) है।
अमृत मिशन में मार्च 2020 तक 77,640 करोड़ रूपए खर्च किए जाएंगे। इस रकम से देश के 500 शहरों में 139 लाख वाटर कनेक्शन, 145 लाख सीवर कनेक्शन स्टॉर्म वाटर ट्रेनिंग प्रोजेक्ट(Sewer Connection Storm Water Training Project), पार्क, हरियाली एवं स्ट्रीट लाइट आदि की व्यवस्था करनी है। कायाकल्प और शहरी परिवर्तन के लिए अटल मिशन जून 2015 में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी(Prime Minister Narendra Modi) द्वारा शुरू किया गया था।
जिसमें बुनियादी ढांचे की स्थापना पर ध्यान केंद्रित किया गया था जो शहरी पुनरुद्धार परियोजनाओं को लागू करके शहरी परिवर्तन के लिए पर्याप्त मज़बूत सीवरेज नेटवर्क(sewerage network) और पानी की आपूर्ति सुनिश्चित कर सके।
यह योजना सार्वजनिक निजी भागीदारी मॉडल(Public Private Partnership Model) पर निर्भर है। यदि आवश्यक हो तो स्वच्छ भारत मिशन सभी के लिए आवास 2020 जैसी कई अन्य योजनाओं के साथ-साथ स्थानीय राज्य की योजनाओं जैसे कि जल आपूर्ति और सीवरेज से संबंधित और अन्य बुनियादी ढांचा संबंधी योजनाओं को अमृत से जोड़ा जा सकता है।
अमृत केंद्र सरकार द्वारा उस परियोजना को दिया गया नाम है जिसका उद्देश्य देश भर के चुनिंदा 500 शहरों को कुशल शहरी शहरों में बदलना है। AMRUT का मतलब अटल मिशन फॉर रिजूवेनेशन एंड अर्बन ट्रांसफॉर्मेशन(Atal Mission for Rejuvenation and Urban Transformation (AMRUT)) है।
यह पहले की इसी तरह की योजना जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीकरण मिशन(Jawaharlal Nehru National Urban Renewal Mission) का एक नया संस्करण है। यह आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा वर्ष 2015 में शुरू किया गया था। इस योजना का फोकस चयनित शहरों में बेहतर बुनियादी ढांचा प्रदान करना है जिससे नागरिकों के जीवन को समृद्ध बनाया जा सके खासकर गरीबों को।
अमृत योजना की शुरुआत वर्ष 2011 में भारत सरकार द्वारा की गई थी। इस योजना के तहत शहरी क्षेत्रों के परिवारों को बुनियादी सुविधाएं जैसे जलापूर्ति शहरी परिवहन के साथ सुख-सुविधाएं मुहैया कराए जाएंगे।
इस योजना को आरंभ करने का मुख्य उद्देश्य है कि गरीबों और वंचित परिवारों के जीवन स्तर में सुधार आ सके। सरकार द्वारा अमृत योजना के सफलतापूर्वक कार्यान्वयन के लिए 39.2 लाख रूपए का बजट(Budget) निर्धारित किया गया है।
जिसमें शहरी सड़कों के लिए 17.3 लाख करोड़ और जलापूर्ति, सीवरेज(sewerage), ठोस अपशिष्ट प्रबंधन और वर्षा जल निकासी जैसी सेवाओं के लिए 8 लाख करोड़ शामिल है। इसके अलावा प्रचालन और अनुरक्षण के लिए 19.9 लाख करोड़ का अलग से अनुमान लगाया गया था।
अमृत योजना के तहत परिवार को बुनियादी एवं सुख सुविधाएं मुहैया कराने हेतु भारत सरकार द्वारा अमृत योजना(amrit scheme) का शुभारंभ किया गया है। इस योजना के माध्यम से शहरों में परिवारों को बुनियादी सेवाएं प्रदान करने का मुख्य उद्देश्य है।
इस योजना की शुरुआत वर्ष 2011 को करने उद्देश्य लिया गया था। अमृत योजना में शामिल होने पर शहर का कायाकल्प हो सकेगा। इस योजना का उद्देश्य यह है कि घरों में बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराना जैसे कि जल आपूर्ति, सीवरेज, शहरी परिवहन(urban transportation) आदि जैसे सभी नागरिक के जीवन की गुणवती में वृद्धि हो सके खासकर गरीब और विकलांग लोगों के जीवन में इस योजना के माध्यम से बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराना जैसे कि जल आपूर्ति, सीवरेज, शहरी परिवहन प्रदान की जाएगी।
अमृत योजना के तहत 500 शहरों का चयन किया गया है। 2011 की जनगणना के अनुसार अधिसूचित नगर पालिकाओं वाले एक लाख से अधिक आबादी वाले सभी शहर और कस्बे जिसमें छावनी बोर्ड(Cantonment Board) शामिल है।
सभी राजधानी, शहर,राज्य और केंद्र शासित प्रदेश जो उपरोक्त में शामिल नहीं हैं। हृदय योजना के तहत एम.ओ.एच.यू.ए(MOHUA) द्वारा विरासत शहरों के रूप में वर्गीकृत सभी शहर और कसबे 75,000 से अधिक और 1 लाख से कम आबादी के शहर और कस्बे, पहाड़ी राज्यों, द्वीपों और पर्यटन स्थलों(tourist destinations) के दस शहर को शामिल किया गया है।
अमृत योजना के घटकों में क्षमता निर्माण, सुधार कार्यान्वयन(reform implementation), जल आपूर्ति, सीवरेज और सेप्टेज प्रबंधन(Septage Management), तूफानी जल निकासी, शहरी परिवहन और हरित स्थानों और पार्कों का विकास शामिल है।
नियोजन की प्रक्रिया के दौरान शहरी स्थानीय निकास भौतिक अवसंरचना घटकों में कुछ स्मार्ट सुविधाओं को शामिल करने का प्रयास करेंगे। कस्बों का कायाकल्प करने वाली इस परियोजना का हर क्षेत्र में नियमित रूप से ऑडिट(Audit) किया जाएगा।
बिजली का बिल, पानी का बिल, हाउस टैक्स आदि सभी सुविधाएं ई-गवर्नेंस(e-governance) के माध्यम से सुनिश्चित की जाएगी। जल आपूर्ति प्रणालियों का निर्माण एवं रख-रखाव करना, पुराने जल निकायों का कायाकल्प करना, भूमिगत सीवेज प्रणाली का निर्माण एवं रख-रखाव करना और जिन राज्यों की सरकारे इसे अच्छे ढंग से आगे बढ़ाएगी, उनके लिए बजट आवंटन भी बढ़ा दिया जाएगा।
वह सभी व्यक्ति जो इस योजना के तहत आवेदन करना चाहते है उनका भारत का स्थाई निवासी होना अनिवार्य है। सरकार द्वारा गरीबी की रेखा(poverty line) से नीचे जीवन यापन करने वाले एवं आस्था कार्ड धारक परिवारों की जारी की गई सूचि में उल्लेखित परिवार के मुखिया की आयु सिमा 18 साल से 59 साल के बीच होना ज़रूरी है।
योजना के तहत आवेदन करने के लिए आवेदक के पास आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, आय प्रमाण पत्र, एन.एफ.ए कार्ड(NFA card), आवेदक का फोटो, डॉक्टर द्वारा अटेस्टेड(Attested by doctor), जन्म प्रमाण पत्र और ई.पी.आई.सी कार्ड(EPIC card) होना अनिवार्य है।
इस योजना के तहत सुधार देखने के लिए सबसे पहले अटल नवीनीकरण और शहरी परिवर्तन मिशन के आधिकारिक वेबसाइट पर जा कर होम पेज से सुधार के सेक्शन में देखना होगा। जहाँ "सुधार के बारे में" के विकल्प पर क्लिक करने के बाद नया पेज खुल जाएगा जहाँ से सुधार से संबंधित सभी जानकारी मिल जाएगी।
अमृत योजना के लाभ में प्रत्येक व्यक्ति को पानी और सीवरेज सुविधाएं टैप करने की सुविधा, पार्क और खुली जगह की तरह हरियाली अच्छी तरह से बनाए रखना, डिजिटल और स्मार्ट सुविधाएं जैसे मौसम पूर्वानुमान, इंटरनेट और वाई-फाई सुविधाएं प्रदान करना और एक लाख से अधिक आबादी वाले 500 शहरों और कस्बों को कवर करना शामिल है।