ग्रामीण क्षेत्रों में छोटे किसानों को प्रशिक्षण कर आत्मनिर्भर बनाने के लिए केंद्र सरकार ने सहकार प्रज्ञा(Sahakar Pragya) पहल की शुरुआत की। इस योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में प्राथमिक सहकारी समितियों में किसानों को राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम(National Cooperative Development Corporation (NCDC)) द्वारा प्रशिक्षण दिया जाएगा। सहकार प्रज्ञा पहल को पुरे भारत में 18 क्षेत्रीय प्रशिक्षण केंद्रों के विस्तृत नेटवर्क द्वारा शुरू किया जाएगा।
यह क्षेत्रीय प्रशिक्षण केंद्र नेशनल एकेडमी फॉर को-ऑपरेटिव रिसर्च एंड डेवलोपमेंट(National Acadamy for Co-Operative Research and Development) द्वारा चलाए जा रहे है जो राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम के तहत काम करता है। राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम(National Cooperative Development Corporation (NCDC)) अपने नए कार्यक्रम सहकार प्रज्ञा पहल के माध्यम से भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में प्राथमिक सहकारी समितियों में किसानों को प्रशिक्षित करेगा।
यह राष्ट्रीय सहकारी अनुसंधान और विकास अकादमी के साथ देश के ग्रामीण क्षेत्रों में प्राथमिक सहकारी समितियों को प्रशिक्षण प्रदान करेगा। नेशनल अकैडमी फॉर को-ऑपरेटिव रिसर्च एंड डेवलपमेंट(National Acadamy for Co-Operative Research and Development) पूरी तरह से एनसीडीसी(NCDC) द्वारा वित्त पोषित है। यह पहल देश भर में 18 क्षेत्रीय प्रशिक्षण केंद्रों के एक विस्तृत नेटवर्क के माध्यम से एनसीडीसी(NCDC) की प्रशिक्षण क्षमता को 18 गुना तक बढ़ाने के लिए समर्पित होगी।
सहकार प्रज्ञा पहल के तहत 45 प्रशिक्षण मॉडल(training model) तैयार किए गए है। यह परीक्षण मॉडल(test model) ज्ञान कौशल और संगठनात्मक क्षमताओं को स्थानांतरित करने में मदत करेंगे। इसके अलावा LINAC ने इस पहल के तहत एक साल में लगभग 5000 किसानों को सहकारी समितियों में प्रशिक्षित करने की योजना बनाई है।
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर(Union Agriculture Minister Narendra Singh Tomar) ने 24 नवंबर, 2020 को सहकर प्रज्ञा पहल(Sahakar Pragya Initiative) का अनावरण किया जिसे राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम द्वारा शुरू किया गया है। इस नवीनतम पहल ने प्राथमिक सहकारी समितियों के लिए 45 प्रशिक्षण मॉडल और 18 क्षेत्रीय प्रशिक्षण केंद्र(Regional Training Center) शुरू किए है।
NCDC पूरे देश में लक्ष्मणराव इनामदार नेशनल एकेडमी फॉर को-ऑपरेटिव रिसर्च एंड डेवलपमेंट(Lakshman Imandar National Acadamy for Co-Operative Research and Development ) के साथ मिलकर इन प्रशिक्षण केंद्रों को चलाने के लिए ज़िम्मेदार होगा। सहकार प्रज्ञा पहल सरकार द्वारा शुरू की गई विभिन्न श्रृंखलाओं का एक हिस्सा है जो भारत ही सहकारी समितियों को मज़बूत करने के लिए NCDC द्वारा शुरू की गई है।
इससे पहले सहकार कॉपरट्यूब NCDC(Coppertube NCDC) चैनल भी लॉन्च किया गया था। इसका उद्देश्य युवाओं को सहकारी आंदोलन में आधिकारिक रूप से शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करना था। भारत सहयोगी समाज को ताकत और शक्ति देने के लिए सहकारी प्रज्ञा पहल की शुरुआत की गई।
इस पहल के तहत किसानों के लिए 45 नए प्रशिक्षण मॉडल तैयार किए गए जिनमें एनसीडीसी द्वारा देश के ग्रामीण इलाकों में प्राथमिक सहकारी समितियों को प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। प्रशिक्षण मॉडल का उद्देश्य जानकारी और संगठनात्मक कौशल प्रदान करना है और देश भर में प्राथमिक सहकारी समितियों को तैयार करने का प्रयास करना है जो सरकार की आत्मनिर्भर भारत पहल में एक बड़ी भूमिका निभाने में सक्षम बन सके।
आज के समय पर भारत में 8.50 लाख से अधिक सहकारी समितियों का नेटवर्क(Network) है। इस सहकारी समितियों में लगभग 290 मिलियन सदस्य शामिल है। 94% किसान भारत में सहकारी समिति के सदस्य बने ताकि कृषि और समंद्ध क्षेत्रों में जोखिम का कम करने के लिए यह योजना उन्हें ताकत दे सके।
सहकार प्रज्ञा पहल के तहत प्रशिक्षण मॉडल का मुख्य उद्देश्य ज्ञान प्रदान करने के साथ-साथ संगठनात्मक कौशल प्रदान करना है। वह देश भर में प्राथमिक सहकारी समितियों को तैयार करने का भी प्रयास करते है जो सरकार के आत्मनिर्भर भारत पहल में एक प्रमुख भूमिका निभाने में सक्षम है।
यह पहल केंद्रित पहलों की शृंखला में नवीनतम है। NCDC देशभर में फैले अपने 18 क्षेत्रीय प्रशिक्षण केंद्रों के माध्यम से प्रशिक्षण क्षमता को 18 गुना तक बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।
किसानों की आय को दोगुना करने के लिए स्टैंड आप इंडिया(stand up india) जैसे कार्यक्रमों को ध्यान में रखते हुए NCDC ने पूर्व में सहकार 22, सहकार मित्र आदि का प्रारम्भ किया जिसमें 222 जिलों में सहकारी समितियों को विकसित किया जाएगा, इंटर्नशिप कार्यक्रम (internship program) पर योजना बनाई जाएगी, सहकारी समितियों के लिए स्टार्ट-अप योजना(start-up plan) शुरू की जाएगी और स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए बुनियादी ढांचे का निर्माण किया जाएगा।
NCDC साल 1963 में गठित एक शीर्ष स्तरीय सांविधिक स्वायत्त संस्था है। इसका उद्देश्य कृषि उत्पादों, औद्योगिक वस्तुओं, पशुधन तथा कुछ अन्य वस्तुओं एवं सेवाओं जैसे स्वास्थ्य, शिक्षा आदि के उत्पादन, प्रसंस्करण, विपणन, भंडारण तथा आयात-निर्यात के लिए कार्यक्रमों की योजना बनाना और इन्हें बढ़ावा देना है।
यह सहकारी समितियों को तीनों स्तरों प्राथमिक, जिला और राज्य पर वित्तीय सहायता प्रदान करता है। NCDC के एक बयान के अनुसार भारत में लगभग 290 मिलियान सदस्यों के साथ 8.5 लाख से अधिक सहकारी समितियों का एक विशाल नेटवर्क संचालित है और भारत के लगभग 95 प्रतिशत किसान कम से कम एक सहकारी समिति के सदस्य है।
सहकारी समितियां किसानों को कृषि के साथ-साथ अन्य संबद्ध क्षेत्रों में जोखिम को कम करने में मदत करती है और व्यापारियों द्वारा शोषण के खिलाफ ढाल के रूप में भी काम करती है। भारत सरकार के आत्मनिर्भर भारत पहल के लिए सहकारी समितियां प्रमुख भूमिका निभाती है।
साल 1985 में अब LINAC की स्थापना की गई थी तक से इसने सहकारी समितियों के 30,000 से अधिक लोगों को प्रशिक्षित किया है। NCDC के प्रबंध निदेशक सुदीप के नायक ने यह बताया की LINAC ने वर्ष में लगभग 5,000 किसानों को सहकारी समितियों में प्रशिक्षित करने की योजना तैयार की है।
देश की विभिन्न सहकारी समितियों को 45 समर्पित प्रशिक्षण मॉडल बाजार अर्थव्यवस्था के पूर्ण पेशेवर व्यावसायिक क्रियाकलापों के अनुसार उनकी गतिविशियन संचलित करने के लिए सक्षम बनाएंगे। यह एक संवैधानिक निगम है जिसे भारतीय संसद के एक अधिनियम द्वारा स्थापित किया गया है।
NCDC की स्थापना 13 मार्च, 1963 को हुई थी। NCDC कृषि उत्पादों के उत्पादन और विपणन भंडारण, निर्यात और आयात के लिए कार्यक्रमों की योजना और प्रचार के उद्देश्यों के साथ काम करता है।