सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों का विकास किया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए सरकार तरह-तरह की योजनाएं लांच करती है। किसी भी देश की प्रगति उसके पास उपलब्ध संसाधनों के सुनियोजित उपयोग और क्रियान्वयन पर निर्भर करती है।
केंद्र सरकार देश की प्रगति के लिए समय-समय पर अनेक योजनाएं लागू करती रहती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी(Prime Minister Narendra Modi) ने ऊर्जा की खपत को कम करने के लिए "ग्रामीण उजाला योजना" को लागू किया।
भारत सरकार एल.ई.डी(LED) के जरिए भारत में सभी 77 करोड़ अक्षम बल्बों को बदलने के लक्ष्य को पाने के लिए प्रतिबद्ध है। इससे हर साल 20,000 मेगावाट लोड की कमी संभव होगी। 100 अरब केडब्ल्यूएच(KWh) की ऊर्जा बचत होगी और ग्रीन हाउस गैस(green house gas) में 80 मिलियन टन की कमी संभव हो पाएगी।
यह अनुमान लगाया गया है कि यह देश में तक़रीबन 5 बड़े थर्मल पावर प्लांट(thermal power plants) की स्थापना के समान है। इसके अलावा देश में उपभोक्ताओं के बिजली बिलों में भी 40,000 करोड़ रूपए की बचत होगी।
इस योजना के तहत देश के लगभग हर राज्य में पीले बल्ब की जगह किफायती LED बल्ब के इस्तेमाल के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। इसमें लोगों को केवल 10 रूपए में LED बल्ब दिया जाता है। बल्ब के अलावा ट्यूबलाइट और पंखों को भी अलग कीमतों में दिया जाता है।
प्रधानमंत्री उजाला योजना(Pradhan Mantri Ujala Yojana) की शुरुआत करते हुए मोदी ने इस कदम को ऐतिहासिक करार दिया था। उन्होंने इसे देश को प्रकाश पथ पर ले जाने का अचूक साधन बताया था। इस योजना की शुरुआत एक साल में 125 शहरों में ही लगभग 5 करोड़ एलईडी बल्ब वितरित हुए। इससे लगभग 550 करोड़ रूपए की प्रत्यक्ष बचत हुई।
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी(Prime Minister Narendra Modi) ने 5 जनवरी, 2015 को “उजाला योजना” की शुरुआत की। इस योजना का पूरा नाम उन्नत ज्योति बाय एफोर्डेबल लेड्स फॉर ऑल(Buy Affordable Ladies for All) है। बहुत जल्द ही यह दुनिया का सबसे बड़ा ज़ीरो सब्सिडी(zero subsidy) वाला स्वदेशी प्रोग्राम बन गया जो महंगी बिजली और उच्च उत्सर्जन की समस्याओं का समाधान करता है।
पीले बल्ब से बिजली की खपत बहुत ज़्यादा होती है जिसे कम करने के लिए सरकार ने LED बल्ब को प्रोत्साहन देने के लिए इस प्रोग्राम को लांच किया था।
शुरुआत में उजाला योजना(ujala scheme) का पूरी तरह से संचालन राजस्थान(Rajasthan), महाराष्ट्र(Maharashtra), कर्नाटक(Karnataka), केरल(Kerala), उत्तर प्रदेश(Uttar Pradesh), हिमाचल प्रदेश(Himachal Pradesh), दिल्ली(Delhi), हरियाणा(Haryana), बिहार(Bihar), आंध्र प्रदेश(Andhra Pradesh), पुडुचेर्री(Puducherry), झारखंड(Jharkhand), छत्तीसगढ़(Chhattisgarh) और उत्तराखंड(Uttarakhand) में हो रहा है। कई और राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेश इस योजना से जुड़ेंगे।
EESL द्वारा क्रियान्वित की जा रही उजाला योजना को देश के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में व्यापक तौर पर स्वीकार किए जाने का मुख्य कारण LED बल्बों की वह क्षमता है जिसके बल पर वह कम वोल्टेज रहने पर भी लगातार सही ढंग से रोशनी देते हैं। वहीं दूसरी ओर साधारण बल्ब एवं सी.एफ.एल(CFL) कम वोल्टेज में प्रायः अच्छा प्रकाश नहीं देते।
ग्राम उजाला योजना(Gram Ujala Yojana) के अंतर्गत ग्रामीणों को बस 10 रूपए में LED बल्ब दिया जाता है। सरकारी कंपनी CESL बेहद ही कम दाम में ग्रामीणों को LED बल्ब मुहैया करवा रही हैं। इससे पहले किसी भी अन्य कंपनी ने इतने कम दामों में LED बल्ब नहीं बेचे थे।
योजना का लाभ सिर्फ ग्रामीणों को ही दिया जाएगा। ऐसा माना गया है कि यह योजना ग्रामीणों और सरकार के लिए लाभदायक साबित होगी। LED के उपयोग से बिजली की बचत होगी और ग्रामीणों का बिल कम आएगा।
ग्रामीण उजाला योजना(Gram Ujala Yojana) के तहत देशभर में LED बल्ब के उपयोग को बढ़ावा देना है ताकि देश में होने वाली बिजली की खपत को कम किया जा सके तथा बिजली का प्रयोग देश की प्रगति के लिए अन्य क्षेत्रों जैसे कृषि सिचांई, फैक्ट्री आदि में बिजली का भरपूर उपयोग किया जा सके।
इस योजना के सफलता से काम करने से सरकार द्वारा हर घर बिजली 24 घंटे देने के लक्ष्य को प्राप्त करने में भी सहायता मिलेगी। गांव-गांव बिजली पहुंचाने के वादे को सरकार पूरा कर रही है लेकिन इस समय देश में कई गांव ऐसे है जहाँ लोग बिजली बिल भरने, बल्ब खरीदने के लिए भी सक्षम नहीं है।
LED बल्ब की कीमत कई ग्रामीणों के लिए काफी ज़्यादा है। बाजार में सस्ते दाम पर बल्ब उपलब्ध हैं लेकिन हाई वाट होने की वजह से बिजली खपत ज़्यादा होती है। ग्रामीणों को कम मूल्य में अच्छी क्वालिटी का LED बल्ब देने से उसका घर भी रोशन होगा और वाट होने की वजह से ग्रामीणों का बिल भी कम आएगा।
इसी उद्देश्य से सरकार ने इस योजना को शुरू किया। देश के कई ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी लोग हाई वाट वाले पीले बल्ब का इस्तेमाल करते हैं। अगर आंकड़े देखे तो करीब 30 करोड़ से ज़्यादा लोग इन बल्बों का इस्तेमाल आज भी कर रहें हैं।
इन हाई वाट के पीले बल्ब के स्थान पर LED बल्ब के इस्तेमाल से हर साल 40,773 मिलियन किलोवाट से भी ज़्यादा ऊर्जा को बचाया जा सकता है। योजना के अंतर्गत ग्रामीणों को 7 और 12 वाट के LED बल्ब मात्र 10 रूपए में दिए जाएंगे।
10 रूपए में बल्ब लेने के लिए आपको पुराने पीले रंग के बल्ब को जमा करना होगा। यह उच्च क्वालिटी के LED बल्ब होंगे और इन पर 3 साल की वारंटी दी जाएगी। एक ग्रामीण 5 LED बल्ब ले सकता है। पर्यावरण के हिसाब से भी यह बल्ब लाभदायक है। LED बल्ब का इस्तेमाल बढ़ने से कार्बन उत्सर्जन घटेगा और पर्यावरण स्वच्छ बनेगा।
प्रधानमंत्री ग्रामीण उजाला के अंतर्गत ग्रामीण इलाकों के परिवार को 10 रूपए में LED बल्ब प्रदान किए जाएंगे। इस योजना के अंतर्गत हर एक परिवार को तीन से चार LED बल्ब प्रदान किए जाएंगे।
इस योजना को पब्लिक सेक्टर की एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड(Energy Efficiency Services Limited (EESL)) द्वारा आरंभ किया जाएगा। इस योजना को चरण बद्ध तरीके से वाराणसी(Varanasi), आरा(Agra), नागपुर(Nagpur), वडनगर(Vadnagar) तथा विजयवाड़ा(vijayawada) में लागू किया जाएगा। इस योजना को अप्रैल तक पुरे भारत में लागू कर दिया जाएगा। ग्रामीण उजाला योजना के माध्यम से 15 से 20 करोड़ लाभार्थियों को 60 करोड LED बल्ब वितरित किए जाएंगे।
योजना के माध्यम से लगभग 9,325 करोड़ यूनिट सालाना बिजली की बचत होगी। इस योजना के माध्यम से 7.65 करोड़ टन सालाना कार्बन उत्सर्जन(carbon emission) में कमी आएगी। प्रधानमंत्री ग्रामीण उजाला योजना के माध्यम से ग्रामीण इलाकों के लोग एनर्जी एफिशिएंसी(energy efficiency) के बारे में जागरूक होंगे। इस योजना के माध्यम से बिजली के बिल में कमी आएगी।
इस योजना के माध्यम से लोगों के पैसों की बचत होगी। एन.टी.पी.सी(NTPC), पी.एफ.सी(PFC), आर.ई.सी(R.E.C) और पावर ग्रिड(power grid) संयुक्त उधम कंपनी उजाला कार्यक्रम के अंतर्गत 70 रूपए प्रति बल्ब की दर से 36.50 करोड़ से ज़्यादा LED वितरित कर चुकी हैं।
जिसमें से केवल 20% बल्ब ही ग्रामीण क्षेत्रों में पहुंचे हैं। उजाला कार्यक्रम के अंतर्गत ट्यूब लाइट, एनर्जी एफिशिएंसी पंखे(energy efficiency fans), स्ट्रीट लाइट(Street lights), स्मार्ट मीटर(smart meter), इलेक्ट्रॉनिक व्हीकल(electronic vehicle), EV चार्जिंग(EV charging) आदि भी शामिल है।
उजाला कार्यक्रम के अंतर्गत आवेदन करने के लिए आधिकारिक वेबसाइट फॉर्म डाउनलोड कर सकते हैं या अपने क्षेत्र के पावर हाउस से संपर्क किया जा सकता है। इस योजना के संबध में ज़्यादा जानकारी के लिए सरकार द्वारा नियुक्त CSC से भी संपर्क कर सकते है।