कैसे करें सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेश? क्या है योजना का उद्देश्य व फायदा?

इस योजना के तहत लोग गोल्ड में अपना पैसा निवेश कर अधिक लाभ ले सकते है
कैसे करें सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेश? क्या है योजना का उद्देश्य व फायदा?
कैसे करें सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेश? क्या है योजना का उद्देश्य व फायदा?
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सोने में निवेश करने पर लोगों को लाभ देने के लिए केंद्र सरकार ने गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम (Gold Monetization Scheme) के तहत सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड योजना(Sovereign Gold Bond Yojana) की शुरुआत की गई है। इस योजना के तहत लोग गोल्ड में अपना पैसा निवेश कर अधिक लाभ ले सकते है।

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड(Sovereign Gold Bond (SGB)) की अवधि आठ साल की होती है और इस योजना की क़िस्त समय-समय पर एक निश्चित अवधि के लिए खुली रहती है। इस योजना के तहत RBI द्वारा भारत सरकार के परामर्श से इश्यू को अलग-अलग चरणों में सब्सक्रिप्शन (subscription) के लिए खुला रखा जाता है। RBI समय-समय पर योजना के नियमों और शर्तों को अधिसूचित करता है।

गोल्ड कमोडिटी(gold commodity) में निवेश करने वालों के लिए सरकारी स्कीम सॉवरेन गोल्ड योजना(Sovereign Gold Bond Yojana) सबसे बेहतर माध्यमों में से एक है। लेकिन ऐसा भी देखने को मिला है कि लोग कम जानकारी के चलते इस योजना में निवेश नहीं कर पाते है। वैकल्पिक वित्तीय संपत्ति विकसित करने और भौतिक सोने की खरीद या उसे रखने के विकल्प के रूप में भारत सरकार द्वारा 5 नवंबर, 2015 को इस योजना को अधिसूचित किया था।

गोल्ड बॉन्ड रिज़र्व(Sovereign Gold Bond (SGB)) बैंक द्वारा भारत सरकार की ओर से जारी किए जाते है और इसकी एक सरकारी गारंटी(Guarantee) होती है। अभी तक गोल्ड बॉन्ड(Gold Bond) की आठ क़िस्त जारी हो चुकी है। लोगों को सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड योजना के तहत सोना खरीदने के तरीके और इसके फायदें के बारे में भी पता होता है।

इस गोल्ड बॉन्ड(Gold Bond) की कीमत 999 शुद्धता वाले सोने की कीमत से भी लिंक्ड होती है। इसके अलावा इस योजना का एक लाभ यह भी है कि इसमें शरुआती निवेश (Investment) की राशि पर सालाना 2.50 फीसद का एक निश्चित ब्याज दर प्राप्त होता है। इस ब्याज को निवेशक के बैंक खाते में छमाही आधार पर जमा किया जाता है।

क्या है सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड योजना?

केंद्र सरकार ने साल 2015 में सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम(Sovereign Gold Bond Scheme) की शुरुआत की थी जिसमें अब बड़ा बदलाव हुआ है। भारतीय रिज़र्व बैंक (reserve Bank of India) के मुताबिक सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड(Sovereign Gold Bond) संबंधित निवेशकों को शिकायतों के समाधान के लिए प्रक्रिया को सही किया गया है। अब निवेशक रिज़र्व बैंक को भी शिकायत कर सकेंगे।

इस योजना का मकसद सोने की फिज़िकल मांग में कमी लाना और इसकी खरीद में इस्तेमाल होने वाली घरेलू बचत को वित्तीय बचत में स्थानांतरित करना था। इस योजना के तहत गोल्ड बॉन्ड ख़रीदा जाता है जिसकी कीमत रिज़र्व बैंक तय करता है।

सरकार ने 2021-22 की आठवीं क़िस्त 29 नवंबर को जारी कर दी जो 3 दिसंबर तक सब्सक्रिप्शन के लिए खुली रहेगी। सरकार ने बताया कि 2021-22 सीरीज के लिए सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड(Sovereign Gold Bond) अक्टूबर 2021 से मार्च 2022 के दौरान चार चरणों में जारी किए जाएंगे। इससे पहले मई 2021 से लेकर सितंबर 2021 तक छह चरणों में गोल्ड बॉन्ड लॉन्च(Sovereign Gold Bond) किए जा चुके है।

यानी की साल 2021 से लेकर साल 2022 तक कुल 10 सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड हो जाएंगे। वित्त मंत्रालय(Finance Ministry) ने एक बयान में कहा कि 2021-22 की सीरीज के सातवें चरण के सब्सक्रिप्शन 25 अक्टूबर से 29 अक्टूबर के बीच होंगे। RBI ने बताया की गोल्ड बॉन्ड का आधार मूल्य 5,109 रूपए प्रति ग्राम होगा।

ऑनलाइन एप्लीकेशन(Online Application) सब्मिट(Submit) करने वालों के लिए इसमें विशेष छूट का ऑफर है। इस ऑफर के तहत RBI के साथ परामर्श के बाद ऑनलाइन आवेदन करने वाले निवेशकों को 50 रूपए प्रति ग्राम की छूट मिलेगी। यानी ऑनलाइन आवेदन करने वाले निवेशकों के लिए यह रेट घटकर 5,059 रूपए प्रति ग्राम हो जाएगा जिसके लिए निवेशक को डिजिटल(Digital) माध्यम से भुगतान करना होगा।

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योजना का महत्त्व और विशेषताएं

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड(Sovereign Gold Bond) सभी बैंकों, स्टॉक होल्डिंग(stock holding), कॉर्पोरेशन ऑफ़ इंडिया लिमिटेड(Operation of India Ltd), नामित डाकघरों और मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंज(Stock Exchange), नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ़ इंडिया लिमिटेड(National Stock Exchange of India Ltd) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज लिमिटेड(Bombay Stock Exchange Ltd) के माध्यम से बेचे जाते है। स्मॉल फाइनेंस बैंक(Small Finance Bank) और पेमेंट बैंकों को सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड बेचने की इजाज़त नहीं होती है।

इस बॉन्ड को स्मॉल फाइनेंस बैंक और पेमेंट बैंकों से नहीं बेचीं जा सकेंगी और गोल्ड बॉन्ड के लिए सोने का भाव, सदस्यता अवधि से पहले के सप्ताह के अंतिम तीन कार्य दिवसों के लिए है। गोल्ड बॉन्ड के लिए सोने का भाव, भारतीय सर्राफा एवं आभूषण संघ लिमिटेड(Indian Bullion and Jewelery Association Limited) द्वारा प्रकाशित 999 शुद्धता वाले सोने के बाद भाव के औसत के बराबर होगा।

बॉन्ड की अवधि कुल आठ वर्ष के लिए होगी और पांचवें वर्ष के बाद इससे बाहर निकलने का विकल्प भी होगा। भौतिक सोने की अपेक्षा बॉन्ड अधिक सुरक्षित विकल्प है। यह बॉन्ड डीमैट और पेपर फॉर्म दोनों में उपलब्ध होगा। SGB इस्तेमाल लोन के लिए सिक्योरिटी(security) के रूप में किया जा सकता है।

यह बॉन्ड भौतिक सोने की ही तरह है और ज़रूरत के समय इसे बेचा या रिडीम किया जा सकता है। सोने की वह मात्रा जिसके लिए निवेशक भुगतान करता है वह संरक्षित है क्योंकि ग्राहक इसे बेचते या रिडीम(redeem) करते समय बाजार मूल्य प्राप्त करता है। इन बॉन्ड को मैच्योर(Mature) होने में 8 साल का समय लगता है लेकिन इसे 5 साल बाद भी बेचा जा सकता है।

निवेश अवधि के अंत में सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड रिडीम(Sovereign Gold Bond Redeem) किए जाएंगे जिसका भुगतान प्रचलित सोने की कीमतों के अनुसार किया जाएगा। इन बॉन्ड में शुद्धता और मेकिंग चार्ज जैसे कारक नहीं है जो कि सोने के आभूषणों मामले में है।

बॉन्ड डीमैट(bond demat) रूप में आयोजित किए जाते है जिससे लाभांश आदि का नुकसान होता है। ग्राहक 2.50% की दर से प्रारंभिक निवेश की राशि पर ब्याज कमा सकते हैं। ब्याज को निवेशक जाएगा और मूल ब्याज के साथ मैच्योरिटी(Matuarity) पर अंतिम ब्याज देना होगा।

कैसे जुड़े इस योजना से?

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड योजना से जुड़ने के लिए ऑनलाइन(Online) और ऑफलाइन(Offline) दोनों की सुविधा मौजूद है। इच्छुक निवेशक या तो ऑनलाइन या ऑफलाइन आवेदन (Application) कर सकते है या तो RBI की वेबसाइट से आवेदन फॉर्म डाउनलोड(Form Download) कर सकते है या इसे अधिकृत शाखाओं से प्राप्त कर सकते है।

अगर कोई ग्राहक ऑनलाइन मोड(Online Mode) का विरोध करता है और लिस्टेड कमर्शियल बैंकों की वेबसाइट(Website) के माध्यम से भुगतान करता है। तो सोने के बॉन्ड का निर्गम मूल्य उन निवेशकों के लिए नाममात्र मूल्य से 50 रूपए कम होगा। अगर ग्राहक योग्यता शर्तों(customer eligibility conditions) को पूरा करता है, उस पर एक वेध पहचान दस्तावेज़ है और समय पर आवेदन धन जमा करता है तो उसके आवेदन का आवंटन कर दिया जाएगा।

ग्राहकों को जारी करने की तारीख पर होल्डिंग का प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा जिसे या तो उस बैंक से एकत्र किया जा सकता है जिससे अपने SGB से खरीदा है या RBI से सीधे ईमेल पर प्राप्त किया है। निवेशकों को एक विशेष निवेशक आईडी(Investment ID) दी जाएगी जिसका उपयोग योजना में आने वाले सभी निवेशों के लिए किया जाएगा।

कोई भी व्यक्ति और हिंदू अविभाजित परिवार ज़्यादा से ज़्यादा चार किलो तक की कीमत का गोल्ड बॉन्ड खरीद सकता है। ट्रस्ट और ऐसी ही दूसरे संस्थाओं के लिए यह सीमा 20 किलों सोने के बराबर कीमत तक रखी गई है।

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड संयुक्त ग्राहक के तौर पर भी ख़रीदा जा सकता है और इसे नाबालिक के नाम पर भी खरीदने की इजाज़त है। नाबालिक के मामले में सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड को लेने के लिए उसके माता-पिता या अभिभावक को अप्लाई करना होगा।

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