किसी भी अन्य तकनीक की तरह ड्रोन(drone) का उपयोग मुख्य रूप से इसे संचालित करने वाले इंसान के इरादों पर निर्भर करता है। इसका मतलब यह है कि बदमाश प्रवत्ति के लोग ड्रोन(drone) का उपयोग गैरकानूनी या हानिकारक उद्देश्यों के लिए कर सकते हैं, जैसे कि हाल ही में जम्मू में भारतीय वायु सेना स्टेशन(Indian Air Force Station) पर ड्रोन(drone) हमला हुआ था। नतीजतन, उनके स्वामित्व और उपयोग का प्रबंधन करना महत्वपूर्ण है।
27 जून को हुए आतंकी हमले में, जम्मू-कश्मीर(Jammu Kashmir) में एक भारतीय वायु सेना स्टेशन((Indian Air Force Station(IAF)) को ड्रोन (drone) ने निशाना बनाया, जिससे सुरक्षा में खलबली मच गई। जम्मू-कश्मीर(Jammu Kashmir) के राजौरी(Rajouri) और श्रीनगर(Srinagar) जिलों द्वारा ड्रोन(drone) के भंडारण(storage), बिक्री(sales), स्वामित्व(ownership), उपयोग और परिवहन पर रोक लगाने के आदेश जारी करने के बाद, राज्य के बारामूला जिले ने भी ऐसा ही किया है।
बारामूला में एक जिला मजिस्ट्रेट ने ड्रोन(drone) और अन्य मानव रहित हवाई वाहनों (यूएवी) (unmanned aerial vehicles(UAV))की बिक्री, कब्जे, भंडारण, परिवहन और उपयोग पर रोक लगाने का आदेश जारी कर दिया है। श्रीनगर(Srinagar) के उपायुक्त के निर्देशानुसार, जिनके पास पहले से ही जिले में ड्रोन(drone) कैमरे या मानव रहित हवाई वाहन (यूएवी) हैं, उन्हें अपने स्थानीय पुलिस थानों में बदलने का अनुरोध किया गया है। हालांकि आदेश में समय सीमा निर्दिष्ट नहीं की गई थी।
दिल्ली पुलिस ने स्वतंत्रता दिवस 2021 तक राष्ट्रीय राजधानी में ड्रोन(drone) उड़ान जैसी यूएवी(UAV) गतिविधि पर भी प्रतिबंध लगा दिया है।
नागरिक उड्डयन मंत्रालय(MINISTRY OF CIVIL AVIATION) ने जम्मू हवाई अड्डे (Jammu Airport) पर हमले के कुछ ही हफ्तों बाद सार्वजनिक प्रतिक्रिया के लिए नए ड्रोन(drone) दिशानिर्देश, 2021 जारी किए हैं। दिशानिर्देशों के इस प्रस्ताव पर सार्वजनिक टिप्पणी की अवधि 5 अगस्त को समाप्त हो रही है।
- 250 ग्राम से कम या उसके सामान वजन ले जाने वाले ड्रोन(drone) को नैनो ड्रोन(Nano drone) के रूप में वर्गीकृत किया जाता है।
- ऐसे ड्रोन(drone) जिनका वजन 250 ग्राम से अधिक लेकिन 2 किलोग्राम से कम होता है उन्हें माइक्रो ड्रोन(Micro drone) कहा जाता है।
- छोटे ड्रोन(drone) वे होते हैं जिनका वजन 2 किलो से ज्यादा लेकिन 25 किलो से कम होता है।
- 25 किलोग्राम से अधिक लेकिन 150 किलोग्राम से कम वजन वाले ड्रोन(drone) को मध्यम ड्रोन(medium drone) माना जाता है।
-150 किलोग्राम से अधिक वजन वाले ड्रोन(drone) को बड़े ड्रोन(drone) के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
भारत में, उड्डयन मंत्रालय(aviation ministry) ने ड्रोन(drone) के इस्तेमाल पर कई प्रतिबंध लगाए हुए हैं। प्रकाशित मानदंडों के अनुसार, माइक्रो ड्रोन(Micro drone) को जमीनी स्तर से 60 मीटर से अधिक या 25 मीटर प्रति सेकंड (m/s) से अधिक तेज उड़ान भरने की अनुमति नहीं है।
सरकार ने छोटे ड्रोन(drone) के लिए 120 मीटर की ऊंचाई सीमा और 25 मीटर/सेकेंड की गति विलंबता निर्धारित की है। दूसरी ओर, मध्यम और बड़े ड्रोन(drone) को Directorate General of Civil Aviation (DGCA) के ऑपरेटर परमिट(operator permit) में दी गई शर्तों के अनुपालन में उड़ान भरने की अनुमति है। निषिद्ध क्षेत्र पूरी तरह से ऑफ-लिमिट हैं, मतलब वहां उड़ान नहीं भरी जा सकती। जबकि प्रतिबंधित क्षेत्रों को DGCA से उड़ान से पहले ही अप्रूवल की आवश्यकता होती है।
- मुंबई(Mumbai), दिल्ली(Delhi), चेन्नई(Chennai), कोलकाता(Kolkata), बेंगलुरु (Bengaluru) और हैदराबाद(Hyderabad) के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे, पांच किलोमीटर के दायरे में सभी क्षेत्र ड्रोन नो-फ्लाई जोन हैं।
- किसी भी नागरिक, निजी या रक्षा हवाई अड्डे की परिधि के 3 किलोमीटर के दायरे में भी ड्रोन उड़ाना अपराध की श्रेणी में आता है।
- अंतरराष्ट्रीय सीमा (International Border) के 25 किलोमीटर के भीतर नियंत्रण रेखा (inner line of control(LoC)), वास्तविक नियंत्रण रेखा (line of actual control(LAC)), और वास्तविक जमीनी स्थिति रेखा (actual ground position line(AGPL)) क्षेत्र में ड्रोन उड़ने का मतलब तो सीधा आतंकी साजिश माना जाता है।
- बिना अनुमति के, सैन्य ठिकानों/सुविधाओं के 3 किलोमीटर के भीतर ड्रोन नहीं उड़ सकता।
- दिल्ली(Delhi) के विजय चौक के 5 किलोमीटर के दायरे में तो ड्रोन के उड़ाने की सख्त मनाही है।
- जब तक अधिकृत न हो, गृह मंत्रालय(home Ministry) द्वारा अधिसूचित रणनीतिक स्थानों/महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की परिधि के 2 किमी के भीतर ड्रोन नहीं उड़ सकता।
- सभी राज्यों के राज्य सचिवालय परिसर(State Secretariat Complex) के 3 किलोमीटर के दायरे में भी ड्रोन नो-फ्लाई ज़ोन(No-Flying Zone) होता है।
- यदि ग्राउंड स्टेशन जमीन(ground station ground) पर एक ठोस प्लेटफॉर्म पर स्थित है। यह समुद्र तट से पानी में 500 मीटर (Horizontal) से आगे उड़ सकता है।
- चलते वाहन, जहाज या किसी अन्य निर्मित तैरते प्लेटफॉर्म से उड़ान नहीं भरी जा सकती।
- पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय(Ministry of Forest and Climate Change) से प्री-अप्रूवल(Pre-Approval) के बिना, राष्ट्रीय उद्यानों और वन्यजीव अभयारण्यों के पास पर्यावरण के प्रति संवेदनशील क्षेत्रों में ड्रोन का उड़ना प्रतिबंधित है।
- निषिद्ध, प्रतिबंधित और खतरनाक क्षेत्रों के भीतर, चाहे स्थायी हो या अस्थायी ड्रोन नो-फ्लाई ज़ोन होता है।