कहानी पेटीएम की, जो अब तक आपको नहीं पता थी

कहानी पेटीएम की, जो अब तक आपको नहीं पता थी
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Ashish Urmaliya ||Pratinidhi Manthan

अपनीकमजोरियों पर विजय पाकर कैसे सफल हुआ जा सकता है यह कोई Paytm के फाउंडर और CEO विजयशेखर शर्मा से पूछे। उत्तर प्रदेश का एक छोटा सा शहर अलीगढ और वहां की एक निचले मध्यमवर्गीय परिवार से निकले एक व्यक्ति ने कुछ ही सालों में 18 हजार करोड़ रुपए की व्यक्तिगतसंपत्ति बना ली है।

शर्माकी जिंदगी में एक वक्त तो ऐसा भी आ गया था, जब उनके पास खाने तक के पैसे नहीं थे। पेटभरखाना खाने के लिए वह कोई न कोई बहाना बना कर अपने दोस्तों के घर पहुंच जाते थे। लेकिनसभी मुसीबतों को झेलते हुए, बिना हिम्मत हारे, दिन-रात मेहनत करके आज उन्होंने 1 लाखकरोड़ रुपए से अधिक की कंपनी खड़ी कर दी है। अब शर्मा हर दिन किसी न किसी बात को लेकरसुर्ख़ियों में रहते हैं। हाल ही में विजय शेखर शर्मा से जुड़ी दो बड़ी ख़बरें सामने आईथीं- पहली, कि शर्मा प्राइवेट बैंक YES बैंक में बड़ी हिस्सेदारी खरीदने की तैयारी मेंहैं और दूसरी, कि वित्तीय वर्ष 2019-20 में 3 करोड़ की परिश्रमिकी लेने वाले हैं। मतलब,एक साल की तनख्वाह 3 करोड़।

1 लाख करोड़ की कंपनी खड़ी कैसेहुई?

दुनियाभरके अमीरों की संपत्ति का हिसाब-किताब रखने वाली बहु-प्रचलित मैगज़ीन फ़ोर्ब्स के मुताबिक,विजय शेखर शर्मा की नेटवर्थ 18,460 करोड़ रुपए से अधिक की है। विजय शर्मा के बारे मेंकहा जाता है कि वे कभी हार नहीं मानते। मोबाइल वॉलेट के क्षेत्र में क्रांति लाने केमामले में शर्मा की बड़ी भूमिका मानी जाती है। उद्योग में अपना साहस बनाये रखने के लिए,वह दुनिया के दो लोगों को अपना प्रेरणा श्रोत मानते हैं। पहले हैं- चीन की सबसे बड़ीकंपनी और दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी के फाउंडर 'जैक मा' और दूसरे हैं-दर्जनों भारतीयों और दुनियाभर के स्टार्टअप्स को जरूरत के वक्त फंडिंग करने वाले जापानीसॉफ्टबैंक ग्रुप के फाउंडर 'मासायोशि सॉन'। 

पढ़ाई-लिखाई हिंदी माध्यम से हुई-

उनकीशुरूआती पढ़ाई सरकारी हिंदी मीडियम स्कूलों से हुई। फिर दिल्ली के इंजीनियरिंग कॉलेजमें दाखिला लिया। यहां अंग्रेजी न बोल पाने की वजह से उन्हें काफी परेशानियों का सामनाकरना पड़ा लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी, डिक्शनरी का सहारा लेकर पढ़ते गए। और अंततःअंग्रेजी किताबों और दोस्तों की सहायता से समय रहते वह फर्राटेदार अंग्रेजी बोलना भीसीख गए।

15की उम्र में बना दी थी हिट वेबसाइट- महज 15 साल की उम्र में उन्होंने कॉलेज पढ़ाई केदौरान ही indiasite.net नाम की एक साइट बना दी थी। किस्मत ने भी उनका जबराट साथ दिया,वेबसाइट बनने के दो साल बाद ही उन्हें इसके लिए 10 लाख डॉलर की रकम मिल गई। अब आप सोचरहे होंगे कि कोई बच्चा 15 की उम्र में कॉलेज में कैसे हो सकता है? तो बता दूँ, विजयशर्मा पढ़ने में इतने मेधावी थे, कि इन्होंने अपनी 12वीं तक की पढ़ाई मात्र 14 साल कीउम्र में ही पूरी कर ली थी।

ऐसे होती है शुरुआत-

इंजीनियरिंगकी पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने नौकरी की लेकिन मन नहीं लगा। ऑफिस आने-जाने मेंउन्हें अक्सर छुट्टे पैसों की समस्या का सामना करना पड़ता था। और यह वही समय था जब मोबाइलफ़ोन का क्रेज भी बहुत तेजी से बढ़ रहा था।

–विजय के दिमाग में विचार आया कि क्यों न कुछ ऐसा किया जाए, कि फ़ोन के माध्यम से हीछोटे मोटे भुगतान हो जाएं और लोगों को छुट्टे पैसे रखने की समस्या से मुक्ति मिल जाये।

–इसी विचार का अनुसरण करते हुए उन्होंने Paytm.com नाम की वेबसाइट खोली, शुरुआत मेंइस वेबसाइट में उन्होंने मोबाइल रिचार्ज की सुविधा उपलब्ध कराई थी।

–साल 2001 में One97 Communications नामक कंपनी शुरू की, जो मोबाइल पर न्यूज, क्रिकेटस्कोर्स, रिंगटोंस, जोक्स और परीक्षाओं के रिजल्ट जैसी सुविधाएँ उपलब्ध कराती थी। शुरुआतमें कंपनी चली नहीं, तो इस कंपनी में उनके साथ पार्टनर रहे दोस्त उनको छोड़ कर चले गए।उस वक्त विजय को दिल्ली कश्मीरी गेट में एक सस्ते हॉस्टल में रहना पड़ा था। लेकिन वेलगातार मेहनत करते रहे। 

–फिर आया साल 2010 और जन्म हुआ Paytm का। हालांकि इस दौरान बाजार में कई तरह की ऑनलाइनरिचार्ज की सुविधा उपलब्ध कराने वाली वेबसाइटें उपलब्ध थीं। लेकिन पेटीएम का सिस्टमउन सभी की तुलना में काफी सीधा-साधा और आसान था।

–जैसे ही Paytm का काम चल पड़ा, तो विजय शर्मा ने इसमें ऑनलाइन वॉलेट, मोबाइल रिचार्ज,बिल पेमेंट, मनी ट्रान्सफर और online शॉपिंग जैसे फीचर भी जोड़ दिए।

–विजय की कंपनी की तरक्की में चार चांद तब लगे जब साल 2015 में देश में नोटबंदी हुईथी।

–कड़ी मेहनत और बड़ी चुनौतियों का सामना करते हुए आज विजय ने Paytm को भारत का सबसे बड़ामोबाइल पेमेंट और ई-कॉमर्स प्लेटफार्म बना दिया है।

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