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शब्दों में भी दिखने लगा प्रदूषण का प्रकोप, वर्ड ऑफ़ द ईयर ‘Climate Emergency’

Lubna

Ashish Urmaliya ||Pratinidhi Manthan

ऑक्सफ़ोर्डडिक्शनरी हर साल एक नए शब्द का चुनाव करती है, यह वो शब्द होता है जो नया हो, पूरीदुनिया में सालभर में सबसे ज्यादा बार उपयोग में लाया गया हो और इसके सामाजिक मायनेभी रहे हों। तो इस साल भी ऑक्सफ़ोर्ड डिक्शनरी ने ऑफिशियली 'वर्ड ऑफ़ द ईयर' की घोषणाकर दी है।

दुनियाभरमें अगर किसी एक मुद्दे को लेकर सबसे ज्यादा प्रदर्शन, आंदोलन व डिबेट्स चल रहे हैंतो वह है, क्लाइमेट चेंज का मुद्दा। भारत हो, न्यूज़ीलैंड हो, ऑस्ट्रेलिया हो, फ्रांसहो या फिर अमेरिका हरेक देश में जलवायु परिवर्तन का मुद्दा गरमाया हुआ है। और एक सबसेबड़ा कारण है कि ऑक्सफ़ोर्ड डिक्शनरी ने 'Climate Emergency' को 2019 का वर्ड ऑफ द ईयरचुना है।  

बतादें, इस साल के वर्ड ऑफ़ द ईयर की रेस में अधिकतर शब्द जलवायु परिवर्तन से ही संबंधितथे। जैसे- क्लाइमेट एक्शन, क्लाइमेट डिनायल, इको-एनेक्स्टी, फ्लाइट शेम, एक्सनिक्शनआदि।

पिछलेकुछ वर्ड ऑफ़ द ईयर की बात करें, तो टोक्ज़िक, यूथक्वेक, पोस्ट ट्रूथ और वेप जैसे शब्दोंको चुना जा चुका है। ऑक्सफ़ोर्ड डिक्शनरी के मुताबिक, पिछले वर्षों में शब्दों को शॉर्टलिस्टकिये जाने पर काफी तरह की वेराइटी देखि जाती थी, लेकिन इस बार सबसे ज्यादा चर्चा औरशब्द क्लाइमेट से संबंधित थे।

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