मलेशिया के नए प्रधानमंत्री बने इस्माइल साबरी IANS
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मलेशिया के नए प्रधानमंत्री बने इस्माइल साबरी

मलेशिया की नेशनल पैलेस ने घोषणा की है कि मलेशिया के राजा सुल्तान अब्दुल्ला सुल्तान अहमद शाह ने पूर्व उप प्रधान मंत्री इस्माइल साबरी याकूब को देश का नया प्रधान मंत्री नियुक्त कर दिया है।

Ashish Urmaliya

Xinhua news agency की रिपोर्ट के अनुसार, शुक्रवार को एक बयान में, राष्ट्रीय महल (National Palace) ने कहा कि साबरी को संसद के निचले सदन में 220 में से 114 सांसदों का समर्थन मिला, सरकार बनाने के लिए यह उपयुक्त बहुमत है, इसलिए सुल्तान अब्दुल्ला (Sultan Abdullah)उन्हें संविधान के अनुसार प्रधानमंत्री के रूप में नियुक्त करने के लिए सहमत हुए।

इसके बाद, इस्माइल साबरी(Ismail Sabri) ने शनिवार को मलेशिया के प्रधानमंत्री पद की शपथ ले ली है।उनकी नियुक्ति के चलते मलेशिया(Malaysia) कोविड -19 महामारी जैसी गंभीर स्थिति के बावजूद राजनीतिक उथल-पुथल में फंस गया है।

मलेशिया(Malaysia) ने लगातार तीसरे दिन दैनिक मामलों का एक नया हाई रिकॉर्ड बनाया है, शुक्रवार को मलेशिया में कोरोना के 23,564 केस रिपोर्ट किए गए हैं, जिसके चलते वहां के कुल केसेस की संख्या 1,513,024 हो चुकी है।

मलेशिया की नेशनल पैलेस(National Palace) ने बयान में कहा, "महामहिम ने प्रधानमंत्री की नियुक्ति के साथ अपना विचार व्यक्त किया है- सरकार को लोगों के लाभ और सुरक्षा और देश की भलाई के लिए तुरंत कोविड-19 महामारी का मुकाबला करने के अपने प्रयासों को जारी रखना चाहिए, जो कि कोरोना महामारी के संकट से अत्यधित प्रभावित है।"

नेशनल पैलेस(National Palace) ने आगे कहा, "महामहिम ने आशा व्यक्त की है कि नए प्रधानमंत्री की नियुक्ति के साथ, राजनीतिक संकट को तुरंत समाप्त किया जा सकता है और सभी सांसद एकजुट होने के लिए अपने राजनीतिक एजेंडे को अलग रख सकते हैं और सर्वसम्मति से लोगों और देश के हित में महामारी से लड़ने के लिए काम कर सकते हैं।"

आपको बता दें,नए प्रधानमंत्री साबरी मुहिद्दीन, यासीन की जगह ले रहे हैं, जिन्होंने संसद में बहुमत का समर्थन खोने के बाद सोमवार को इस्तीफा दे दिया था।

61 वर्षीय साबरी, यूनाइटेड मलय नेशनल ऑर्गनाइजेशन(United Malay National Organization (UMNO)) के उपाध्यक्ष हैं और जुलाई में उप प्रधानमंत्री के रूप में नियुक्त होने से पहले उन्होंने मुहिद्दीन की सरकार में रक्षा मंत्री के रूप में कार्य किया था।

उन्हें अपनी ही पार्टी United Malay National Organization (UMNO) और मुहिद्दीन की सरकार की अन्य पार्टियों से समर्थन मिला, जिसने उन्हें निचले सदन में आसान बहुमत प्राप्त करने में मदद की।

हालांकि, साबरी अपने नए पद पर ज्यादा ऐश-ओ-आराम नहीं फरमा पाएंगे क्योंकि उन्हें अपनी शक्ति को मजबूत करने और एक कैबिनेट(Cabinet) बनाने के लिए तत्काल कार्यभार संभालना पड़ेगा। उन्हें कुछ ऐसे फैसले लेने होंगे जो उनके देश को महामारी और आर्थिक कठिनाई से निपटने में सक्षम बनाएं।

राजनीतिक विश्लेषकों ने कहा कि मुहीद्दीन के समान राजनीतिक गठबंधन के साथ, साबरी कम बहुमत के साथ सत्ता में आये हैं और यह उनके लिए एक स्थिर सरकार का आनंद लेने के लिए बड़ी चुनौती है। बता दें, साबरी के इशारे पर लगभग एक दर्जन (UMNO) सांसदों द्वारा अपना समर्थन वापस लेने के बाद मुहीद्दीन को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के लिए मजबूर होना पड़ा था।

राजनीतिक पर्यवेक्षक आजमी हसन ने कहा कि नए प्रधानमंत्री को अपने गठबंधन सहयोगियों के साथ-साथ अपनी पार्टी के दबाव का सामना करना पड़ेगा, जिसमें प्रत्येक अपने हित को सुरक्षित रखने के लिए प्रतिस्पर्धा करेगा।

साथ ही, उन्होंने कहा कि नए प्रधानमंत्री को यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि उनकी कैबिनेट की नियुक्तियां योग्यता के आधार पर हों और वह एक सक्षम कैबिनेट का गठन करें। इसके साथ ही, "इस्माइल साबरी को यह दिखाने की जरूरत है कि वह अपने मंत्रिमंडल को पार्टी पदानुक्रम के अनुसार नहीं बल्कि क्षमताओं के अनुसार डिजाइन करेंगे।"

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