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जापान ने सी-फेस मास्क बना दिया, फिजिकल डिस्टेंसिंग के साथ कई भाषाओं का अनुवाद करेगा

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Ashish Urmaliya | Pratinidhi Manthan

टेक्नोलॉजी के मामले में सबसे अव्वल माने जाने वाले देश जापान (Japan) की स्टार्ट अप कंपनी डोनट रोबोटिक्स ( Donut Robotics) ने एक ऐसा फेस मास्क बनाया है, जो लोगों को सामाजिक दूरी (Social Distance) का पालन करने में मदद करेगा। इसके साथ ही यह मास्क कई भाषाओं का अनुवाद भी करेगा।

COVID 19  वायरस (Corona virus) ने दुनिया में फेस मास्क (Face Mask) के एक बड़े बाजार को जन्म दिया है। कई कंपनियों के बीच फेस मास्क बनाने की होड़ सी मच गई है। इस रेस में कई कंपनियां स्वास्थ्य और सुविधानुसार हाई-टेक मास्क (Hi-Teck Mask) बनाने की कोशिश भी कर रही हैं। इस कड़ी में जापान (Japan) की स्टार्ट अप कंपनी डोनट रोबोटिक्स ( Donut Robotics) ने एक ऐसा फेस मास्क बना दिया है, जो लोगों को सामाजिक दूरी (Social Distance) का पालन करने में मदद के साथ एक अनुवादक (Translator) का भी काम करेगा। कंपनी ने इस फेस मास्क का नाम सी-फेस्क मास्क (C-Face Mask) रखा है।

अलर्ट कर देता है-

जैसे ही आप किसी अन्य व्यक्ति से 10  मीटर की दूरी से नजदीक होंगे यह मास्क आपको अलर्ट कर देगा। बता दें, कि यह जापानी 'सी-फेस मास्क' एक एप के माध्यम से स्मार्टफोन में संवाद को संचारित करने का भी काम करता है। इसके साथ ही लोगों को 10 मीटर की दूरी बनाकर बातचीत करने के लिए संदेश देता है। Donut Robotic कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी तायूस ओनो ने बताया, कोरोनावायरस के बावजूद हमें कभी-कभी एक-दूसरे से सीधे भी मिलना पड़ता है, इस उद्देश्य से इस मास्क का विचार आया। कंपनी के मुताबिक मास्क में सिलिकॉन की एक हल्की डिवाइस को जोड़ा गया है जिससे डॉक्टर को दूर बैठे मरीजों से संपर्क करने में आसानी होगी। डॉक्टरों के अलावा हर एक व्यापारी जिसका ग्राहकों से सीधा संपर्क रहता है इस मास्क का भरपूर फायदा उठा सकता है और उनसे दूर से ही संवाद स्थापित कर सकता है।

कंपनी ने जानकारी दी है कि सी-फेस मास्क एक अनुवादक का भी काम करता है। यह जापानी से हिंदी, अंग्रेजी, कोरियाई और अन्य भाषाओं में किये जा रहे संवाद का तुरंत अनुवाद कर सकता है। मास्क में मौजूद इस ख़ास सुविधा की उपयोगिता उस वक्त और भी ज्यादा बढ़ जाएगी जब यात्रियों को यात्रा संबंधी दिशा-निर्देशों में समस्या उत्पन्न होगी। लेकिन सी-फेस मास्क खुद को कोविड-19 से सुरक्षा प्रदान नहीं करता है. इसे केवल नियमित रूप से चेहरे को ढंकने के लिए ही डिज़ाइन किया गया है। इसकी कीमत 40 डॉलर होगी और अगले साल फरवरी में बाजारों में आ जाएगा. तो एक बात क्लियर कर लें मास्क कोरोना वायरस वाला नहीं है। यह एक सामान्य पॉलुशन मास्क है, लगातार बढ़ते प्रदूषण के चलते जिसकी आने वाले समय में आवश्यकता बढ़ सकती है।

सिंगापुर ने भी एक हाई-टेक मास्क तैयार किया है-

सिंगापुर में भी एक ऐसा हाई-टेक मास्क तैयार किया गया है, जो कोविड-19 के मरीजों का इलाज करने वालों की सुरक्षा करेगा। इस मास्क में एक सेंसर है जो शरीर के तापमान, हॉर्ट रेट, रक्तचाप और रक्त ऑक्सीजन के स्तर की निगरानी करेगा। इसके साथ ही ब्लूटूथ ट्रांसमीटर के ज़रिए स्मार्टफोन में डेटा भी संचारित करेगा। इसके आविष्कारकों के मुताबिक यह मास्क भीड़ वाले शयनगृह में प्रवासी श्रमिकों पर निगरानी रख सकता है जिससे लगभग हर शहर में बड़े पैमाने पर वायरस का फैलाव हो रहा है। सिंगापुर की कंपनी निकट भविष्य में इसके परीक्षण करने और व्यावसायिक रूप से इसे बाजार में लाने की उम्मीद में तैयार बैठी है।

LG कंपनी ने प्यूरीफायर बना दिया है-

दक्षिण कोरिया की इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी एलजी ने हाल ही में स्मॉगग्रस्त शहरों में प्रदूषण से बचाव के लिए  भी एक 'एयर प्यूरीफायर मास्क' विकसित किया है। इस मास्क में एक फ्यूचरिस्टिक व्हाइट डिवाइस है जो पहनने वाले के मुंह नाक और ठोड़ी के पास फिट होगी। इसमें दोनों तरफ एक-एक फिल्टर भी है और एक पंखा भी जो वायु प्रवाह को नियंत्रित करेगा. अन्य एयर प्यूरीफायर की तरह यह भी 99.95 प्रतिशत हानिकारक कणों को ब्लॉक करने की क्षमता रखता है। कंपनी के अनुसार फिलहाल हजारों की संख्या में मेडिकल स्टाफ को यह प्यूरीफायर मास्क उपलब्ध कराए गए हैं और इसे भविष्य में दुकानों में भी बेचने  की योजना है। दिल्ली जैसे वायु प्रदूषित शहरों में रहने वाले बुजुर्गों और बच्चों के लिए यह मास्क एक वरदान से कम नहीं होगा। 

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