सुमित अंतिल ने 30 अगस्त यानि सोमवार को पुरुषों की भाला फेंक F64 फाइनल में शानदार प्रदर्शन के साथ टोक्यो पैरालिंपिक 2020 में भारत की पदक दौड़ जारी रखी है। बेशक, टोक्यो पैरालिंपिक 2020 में आज का दिन का भारत के लिए ऐतिहासिक रहा है। अंतिल ने 66.95 मीटर के अपने पहले थ्रो के साथ विश्व रिकॉर्ड बनाया और पैरालिंपिक में शानदार अंदाज में भारत का दूसरा स्वर्ण पदक जीतने के लिए इसे तीन बार तोड़ दिया।
आज सुमित अंतिल के अद्भुत प्रदर्शन ने कई लोगों को निःशब्द कर दिया, फाइनल की शुरुआत से ही अंतिल अपने फुल फॉर्म में थे। उन्होंने अपने दूसरे प्रयास में 68.08 मीटर थ्रो के साथ इसे तोड़ने से पहले विश्व रिकॉर्ड बनाने के अपने पहले प्रयास में 66.95 मीटर थ्रो के साथ आए। भारतीय पैरा भाला फेंक खिलाड़ी यहीं नहीं रुका और अपने पांचवें प्रयास में शानदार 68.55 मीटर थ्रो के साथ अंक तालिका में शीर्ष पर बना रहा जिससे उसका स्वर्ण पदक पक्का हो गया।
अंतिल के 68.55 मीटर के विश्व रिकॉर्ड थ्रो ने उन्हें भारतीय भाला फेंकने वालों के क्लिनिकल प्रदर्शन में अंक तालिका में शीर्ष पर बनाए रखा। उन्होंने पहले दिन में निशानेबाज अवनि लेखारा के स्वर्ण पदक की उपलब्धि के बाद टोक्यो पैरालिंपिक 2020 में भारत का दूसरा स्वर्ण पदक जीत लिया है।
34 वर्षीय ने चल रहे टोक्यो पैरालिंपिक 2020 में भारत के लिए पैरा-एथलेटिक्स में भारत का पहला स्वर्ण पदक जीता है। 23 वर्षीय हरियाणा के सोनीपत जिले के खेवड़ा गांव के रहने वाले है. अंतिल बचपन से पहलवान बनने का सपना देखते थे, लेकिन 17 साल की उम्र में एक भयानक सड़क दुर्घटना का शिकार होने के बाद पहलवान बनने का उनका सपना चकनाचूर हो गया था।
अंतिल अपनी बाइक चलाते हुए जा रहे थे कि तभी एक ट्रैक्टर ने उसे पीछे से टक्कर मार दी और उसके बाएं पैर से जा टकराया। यहीं उनका पहलवान बनने का सपना दुर्घटना के बाद टूट गया, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी और उच्चतम स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व करने के सपने के साथ एक पैरा-एथलीट के रूप में भाला फेंक दिया। उन्होंने आखिरकार सोमवार को पैरालिंपिक में देश के लिए स्वर्ण पदक जीतने के अपने सपने को साकार कर लिया है।
गोल्ड पर कब्ज़ा करने के बाद से ही सुमित के घर देशभर में जश्न का माहौल बना हुआ है। बधाइयों का सिलसिला जारी है।