क्या आप युवा हैं? अगर हां, तो आप आजकल सबसे ज्यादा डिमांड में चल रहे हैं। अब ये मत सोच लेना कि मैं अपोजिट सेक्स डिमांड की बात कर हूं। वो तो आपकी कैपेबिलिटी पर डिपेंड करता है। मैं यहां राजनीतिक डिमांड की बात कर रहा हूं। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में आपकी बहुत ज्यादा डिमांड है। सभी दलों का ज़ोर आपके मत की ओर है।
और वो इसलिए क्योंकि उत्तर प्रदेश में युवा वोटरों की संख्या सबसे ज्यादा है। अभी कुछ ही दिनों पहले UP पंचायत चुनाव हुए थे। पहली बार डेढ़ करोड़ से ज्यादा लोगों ने मतदान किया और इनमें से 75 लाख से ज्यादा वोटर 21 साल से कम आयु के थे। शहरी मतदाताओं को जोड़ दिया जाये तो ये संख्या और बढ़ जाएगी। अगर आपकी उम्र 35 से 40 साल तक की भी है तो मन हल्का करने की ज़रूरत नहीं है, कई वैश्विक अध्ययनों में ये बात सिद्ध हुई है कि 40 साल की उम्र तक का व्यक्ति जवान वाली श्रेणी में आता है। 40 साल की उम्र के बाद मध्य जीवन की शुरुआत हो जाती है। कहने का मतलब, 40 से 60 साल के बीच की उम्र बड़ी कफ्यूजिंग होती है न ही आप बुड्ढे कहलाते हैं और न ही जवान रह जाते हैं। खैर, मुद्दे पर आते हैं...
प्रदेश में कुल 14.40 करोड़ वोटर्स हैं। इनमें लगभग 45 प्रतिशत से ज्यादा वोटर्स की उम्र 18-40 साल के बीच है, और सभी राजनीति दलों की नजरें इन्हीं पर टिकी हुई हैं। तो उत्तर प्रदेश में एक अच्छी सरकार का चुनाव करने की जिम्मेदारी युवाओं यानि आपके कंधे पर आ गई है। बुंदेलखंड में 'शराब की लत के शिकार(बेवड़ों)' से संबंधित एक प्रचलित कहावत है-
बेवड़े कहते हैं,, हमारी मांगें तीन- पऊआ, प्याज़ और नमकीन। (इस लाइन को सर्वसम्मति से रखा भी जा सकता है और नहीं भी)
तो बेवड़े तो ये तीन मांगें पूरी होने पर भी अपना मतदान कर सकते हैं लेकिन प्रदेश के पढ़े-लिखे युवा की क्या मांग है? क्या हो सकती है? और क्या होनी चाहिए? सभी दल इसी बात का मंथन करने में जुटे हुए हैं।
मंथन के बाद दलों ने कुछ निष्कर्ष निकाले और घोषणाओं की बौछार करने में लगे हुए हुए हैं-
भारतीय जनता पार्टी ने युवाओं को लुभाने के लिए अब तक क्या किया/कहा?
-भाजपा के युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं देश के सबसे युवा सांसद तेजस्वी सूर्या उत्तर प्रदेश आये और उनके द्वारा अनुपूरक बजट में युवाओं के रोजगार के लिए 3000 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई।
-इसके अलावा भारत के सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ऐसे युवाओं को साधने में जुटे हैं जिनका किसी पार्टी से कोई संबंध नहीं है। खेल, चिकित्सा, शिक्षा, कला और उद्योग आदि क्षेत्रों में प्रतियोगिताओं का आयोजन कराया जा रहा है, कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं और संबंधित क्षेत्र के महारथियों को वक्ता, मुख्य अतिथि के तौर पर बुलाया जा रहा है ताकि युवा आकर्षित हों।
-इसके साथ ही सरकार द्वारा स्नातक, परास्नातक, डिप्लोमा आदि कर रहे एक करोड़ युवाओं को मुफ्त में टैबलेट या स्मार्ट फोन देने का फैसला भी किया गया है।
कांग्रेस के ऐलान भी पढ़/सुन लीजिए...
- यूपी कांग्रेस का चेहरा बनी हुई प्रियंका गांधी ने इंटर पास छात्राओं को फ्री स्मार्ट फोन और स्नातक पास बेटियों को स्कूटी देने का ऐलान किया है।
- प्रियंका गांधी द्वारा 'बने यूपी की आवाज़' नामक अभियान भी चलाया जा रहा है। अभियान के तहत आईआईटी, एनआईटी, मेडिकल और लॉ की पढ़ाई करने वाले युवाओं को पार्टी से जोड़ा जा रहा है ताकि उनके ज़रिए और बहुत सारे युवा भी कांग्रेस के करीब आ जाएं।
इन विधानसभा चुनावों में बहुजन समाज पार्टी तो खैर शुरुआत से ही बैकफुट पर नज़र आ रही है लेकिन वादे करने में क्या बुराई है?
बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी युवाओं को रोजगार देने का ऐलान किया है। कहा है कि अगर हमारी सरकार बनी तो किसी को भी पलायन नहीं करना पड़ेगा, यूपी में ही भरपूर रोजगार दिया जायेगा।
सपा का क्या स्टैंड है?
सपा ने युवाओं के लिए अभी कुछ ख़ास वादे नहीं किये हैं, आगे करेगी ये कंफर्म है... फ़िलहाल सपा के कुछ बड़े नेता कह रहे हैं कि पार्टी की 10 लाख युवाओं को रोजगार, शिक्षामित्रों को फिर से सहायक अध्यापक बनाने जैसे वादों को चुनावी घोषणा पत्र में शामिल करने की प्लानिंग है।
एक ज़िम्मेदार, समझदार युवा क्या चाहता है? मेरे हिसाब से उसका सबसे बड़ा सपना अपने मां-बाप को खुद पर गर्भित महसूस कराना होता है। लेकिन अगर वही युवा घर पर बेरोजगारी काट रहा हो तो उस पर क्या बीतती होगी? इसीलिए लगभग सभी दल रोजगार उपलब्ध कराने के वादे कर रहे हैं। सत्ता पक्ष वादों के साथ दावे भी कर रहा है कि उसने बहुतों को रोजगार दिया है।
हमारे विचार...
एक युवा को अपना मतदान करने से पहले 24 घंटे बिजली- पानी, मुफ्त उच्च स्तरीय शिक्षा, चिकित्सा, सुरक्षा, उत्तम इंफ्रास्ट्रक्चर, सुविधाओं से परिपूर्ण ख़ूबसूरत, खुशहाल उत्तर प्रदेश को ध्यान में रखना चाहिए। जो इन सभी विषयों पर खरा उतरने का माद्दा रखता हो उसी उम्मीदवार का चुनाव करना चाहिए। अरे, धर्म तो छूट ही गया। आप युवा हैं, बच्चे तो हैं नहीं। उपरोक्त सभी मुद्दों पर काम हो जाये तो आप स्वेक्षा से धर्म को भी साथ में रख सकते हैं लेकिन सिर्फ धर्म के लिए असल मुद्दों को दरकिनार करना उचित नहीं।
जब आप देश के अन्य बड़े शहरों में जाएं तो सीना चौड़ा कर के कह सकें कि आप उत्तर प्रदेश के फलां शहर/जिले या गांव से आये हैं। आपको उन शहरों में जाने के बाद विकास के रूप में कुछ नया, बड़ा, अलग सा दिखाई न दे। वो सब पहले से ही आपके शहर/जिले या गांव में उपलब्ध हो। इस बात को ध्यान में रख कर मतदान करना चाहिए।
निजी स्वार्थ को किनारे रख कर मतदान करना चाहिए क्योंकि आपके एक मत से पूरा उत्तर प्रदेश प्रभावित होता है। अपनी और अपने मत की ताकत को समझकर उचित उम्मीदवार का चुनाव करें।
और हां, अगर आप उत्तर प्रदेश के हैं, युवा हैं, तो आप बखूबी जानते हैं कि आप किसके साथ हैं। ये हमें आपको बताने की ज़रूरत नहीं है।
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