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साइकिल चलाएंगे तो देश को होगा 1800 अरब का मुनाफा !

Manthan

क्या आपको पता है? अगर आप अपने रोजमर्रा के काम जैसे ऑफिस जाने, घरेलू सामान लाने इत्यादि में साइकिल का उपयोग करेंगे तो देश को लगभग 1800 अरब रूपए का फायदा हो सकता है। यह रकम भारत के 2015-16 के सकल घरेलु उत्पाद (GDP) की लगभग का 1.6 प्रतिशत है। द एनर्जी एंड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट (TERI) ने एक नया अध्ययन किया है, इसके ज़रिये भारत में साइकलिंग के आर्थिक, पर्यावरणीय एवं सामाजिक फायदे का मूल्यांकन किया गया है।

द एनर्जी एंड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट के इस नए अध्यन के अनुसार, अगर हम छोटी दूरी के सफर के लिए बाइक या कार की जगह साइकिल का इस्तेमाल करते हैं तो इससे तकरीबन 1800 अरब रुपये का सालाना फायदा हो सकता है। बीते शुक्रवार को जारी किये गए इस अध्ययन में यह भी विदित है कि अगर सुरक्षित साइकिलिंग के लिए भूमिकारूप व्यवस्था कराइ जाए और लोगों को साइकिलिंग से होने वाले अनेक फायदों के प्रति जागरूक किया जाए तो ये लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है। जागरूकता अभियान के जरिये लोगों की ये गलत धारणा दूर करनी जरूरी है भी कि 'साइकिल सिर्फ गरीबों के परिवहन का माध्यम है।'

इस अध्ययन में कुछ अन्य पहलुओं पर भी चर्चा की गई है जैसे- शहरों में साइकलिंग पर ज़ोर देना, साइकलिंग के लिए अगल से रास्ता बनाना, पार्किंग शुल्क एवं प्रदूषण टैक्स लगाकर निजी मोटर वाहनों के इस्तेमाल को नियमित करना आदि। अध्ययन के अनुसार, पिछले कुछ दशकों में लोगों के बीच मोटर-साइकिल और कार का प्रचलन बढ़ा है. जिसके चलते साइकिल खरीदने वाले लोगों की तादाद में भारी कमी आई है। वर्ष 2001 से 2011 के बीच साइकिल का उपयोग करने वाले परिवारों की संख्या में महज एक फीसदी का इज़ाफ़ा हुआ है।

शहरों और गावों में वाहनों की निरंतर बढ़ती संख्या के चलते, लोगों की पेट्रो-पदार्थों पर निर्भरता, ट्रैफिक जाम की समस्या, प्रदूषण की समस्या व अन्य सेहत संबंधी समस्याओं में बढ़ोत्तरी हो रही है। टेरी की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि, सरकार को साइकिल के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए लोगों को प्रोत्साहित करना होगा व उचित इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण कार्य करना होगा। इस रिपोर्ट में विदेशों में अपनाये गए साइकिलिंग के तौर-तरीकों पर विश्लेषण किया गया है। साथ ही साइकिलों के बढ़ते दामों को कम करने के लिए सरकार को उचित सलाह भी दी गई है।

बता दें, BENEFITS OF CYCLING INDIA नाम की 48 पन्नों की इस रिपोर्ट को TERI के चार सदस्यों की टीम ने मिलकर बनाया है।

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