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आपको हिला कर रख देगा ये ‘क्रेडिट कार्ड बनवाना है?’ वाला महा फ्रॉड!

Lubna

Ashish Urmaliya ||Pratinidhi Manthan

– मोबाइल में 25 हजार लोगों काडेटा मिला है।

– छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्य मंत्रीभी ठगे जा चुके हैं।

– 19 बड़ी कंपनियों की सैलरी स्लिप,आधार, पैन आदि भी मिले।

– कई राज्यों में था नेटवर्क,मोबाइल, क्रेडिट कार्ड और कार बरामद।

खबरग्रेटरनोयडा से आई है। 6 हजार लोगों के नाम पर क्रेडिट कार्ड बनवाकर ठगने वाले दो लोगोंको एसटीएफ की टीम ने गिरफ्तार कर लिया है। दोनों अपराधियों के फोन में 25 हजार से ज्यादालोगों के आधार कार्ड, पैन कार्ड जैसा व्यक्तिगत डेटा उपलब्ध था। इसके अलाव उनके पास19 कंपनियों की सैलरी स्लिप, 19 क्रेडिट कार्ड, 29 आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस,क्रेडिट कार्ड, 8 मोबाइल आदि भी बरामद हुआ है।

कई राज्यों में फैला था नेटवर्क-

इनअपराधियों ने छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री के साथ भी ठगी की है। दूसरों के नाम परक्रेडिट कार्ड रिलीज़ करवाने के बाद ये उससे रुपयों को निकाल कर फेंक देते थे। बैंकको इस बात की आशंका हुई उन्होंने शिकायत करी जांच हुई और फिर इन दो युवाओं को पकड़ागया। दिल्ली-एनसीआर से लेकर छत्तीसगढ़, राजस्थान समेत कई राज्यों तक इनका नेटवर्क फैलाहुआ था। एएसपी एसटीएफ राजकुमार मिश्रा के बताए अनुसार, ये अपराधी व्यक्तियों के पैनकार्ड, आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड में बदलाव कर बैंकों से क्रेडिट कार्ड बनवाते थे।क्रेडिट कार्ड मिल जाने के बाद उसकी सारी रकम निकालकर फेंक देते थे। बैंक की शिकायतके बाद जब जांच शुरू हुई तब जाकर पता चला, कि यह फर्जीवाड़ा दिल्ली-एनसीआर से हो रहाथा।

22 हजार लोगों की जानकारी-

इनदोनों अपराधियों का नाम कौटिल्य शर्मा और राज सक्सेना है जिन्हें नॉएडा के गौड़ सिटीमॉल चौराहे पर गिरफ्तार किया गया। कौटिल्य हाथरस, उत्तर प्रदेश और राज राजस्थान कारहने वाला है। फिलहाल नोएडा में रह रहे थे। साल 2007 में राज राजस्थान से नौकरी करनेदिल्ली आया था, तब उसकी मुलाकात कौटिल्य से हुई। दोनों एक ही बैंक के लिए क्रेडिट कार्डबनवाने का काम करते थे, ग्राहकों के कागजात इकठ्ठा करते थे। इसी दौरान इनकी मुलाक़ातधीरज सोलंकी से हुई। इन्होंने मिल कर छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री के साथ ठगी की।उसके बाद 18 महीने तक जेल में रहे। जेल से छूटने के बाद राजस्थान चले गए। यहां श्रीगंगानगरनिवासी मूलचंद वर्मा को अपने साथ जोड़ लिया। मूलचंद्र इनके द्वारा उपलब्ध कराये गएआधार कार्ड वोटिंग कार्ड में कंप्यूटर की मदद से फोटो में बदलाव करता था, और भी अन्यकई बदलाव करता था, फिर इन्हीं दस्तावेजों की मदद से क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन कियाजाता था। इन्होंने अपने गिरोह में ब्लू डार्ट कूरियर कंपनी में काम करने वाले पंकजवर्मा को भी जोड़ा था। पंकज दूसरे पते पर क्रेडिट कार्ड पहुंचाने का काम करता था।  

ऐसे होता था फ्रॉड-

जिनभी ग्राहकों को अपनी क्रेडिट कार्ड लिमिट बड़वानी होती थी, वे इनका सबसे आसान शिकारहोते थे। ये दोनों मुख्य अपराधी ऐसे लोगों के क्रेडिट कार्ड उनके सामने ही काटते थे,लेकिन काटते समय इस बात का ध्यान रखते थे, कि उनकी मैग्नेटिक स्ट्रिप सुरक्षित रहे।इसके बाद ऐसे कार्ड का क्लोन बनाकर रूपए निकाल लेते थे।

दूसरीतरफ ऐसे लोगों को भी शिकार बनाते थे जिन्हें कार्ड की जरूरत होती थी। ऐसे लोगों कीजानकारी पैन कार्ड, आधार कार्ड, सैलरी स्लिप बगैरह मॉल मार्केट में क्रेडिट कार्ड काआवेदन कराने वालों से दो-ढाई सौ रूपए में खरीद लेते थे। फिर इनके दस्तावेजों में फोटोशॉपके जरिये जरूरत के हिसाब से बदलाव करके आवेदन कर देते थे। कार्ड आने पर कूरियर कंपनीवाला पंकज इनके बताये पते पर डिलीवर कर देता था। हर एक आवेदन पर आरोपित अपनी ही फोटोलगाया करते थे। बैंक कर्मियों को धोखा देने के लिए मूछ, दाढ़ी और हेयर स्टाइल बदल लेतेथे।  इस मामले में पुलिस बैंक कर्मियों की संलिप्तताकी भी जांच कर रही है।

किसी को भी अपने दस्तावेज देतेसमय इन बातों विशेष ध्यान रखें-

–बैंक के किसी जिम्मेदार कर्मचारी को ही अपने दस्तावेज दें।

–ध्यान दें, बैंक लिमिट बढ़वाने के लिए किसी थर्ड पार्टी को बैंक के पास नहीं भेजता।

–जिस काम के लिए पेपर जमा कर रहे हैं, उसका उल्लेख करते हुए ही हस्ताक्षर करें।

–इस तरह के किसी भी फ्रॉड की भनक लगने पर तुरंत पुलिस और बैंक से संपर्क करें।

–अपना मोबाइल किसी को भी न दें और हां, अपने ओटीपी को गुप्त रखें।

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