देश का तीसरा सबसे बड़ा बैंक: तीन बैंकों में विलय के बाद अस्तित्व में आया !
Ashish Urmaliya | The CEO Magazine
देना बैंक और विजया बैंक का बैंक ऑफ बड़ौदा में विलय 1 अप्रेल 2019 से प्रभावी हो गया है। इसके साथ ही बैंक ऑफ बड़ौदा देश का दूसरा सबसे बड़ा सरकारी बैंक बन गया है। बता दें, इन तीनों बैंकों में सरकार की 70 फीसदी हिस्सेदारी है। जैसा कि हम सभी जानते हैं, 1 अप्रेल से नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत होती है. और वित्तीय वर्ष में बैंकों का मुख्य किरदार होता है। इसी के चलते बैंक ऑफ़ बड़ौदा इन दोनों बैंको के साथ 1 अप्रेल से पूरी तरह प्रक्रिया में आ चुका है। तो आइये जान लेते हैं, बैंकिंग व्यवस्था के इस बड़े बदलाव के बारे में-
देश के 5 बड़े बैंक:
देश के 5 बड़े बैंकों में एसबीआई, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, पंजाब नेशनल बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा शामिल हैं। इस विलय के साथ बैंक ऑफ बड़ौदा, भारतीय स्टेट बैंक और आईसीआईसीआई बैंक के बाद देश का तीसरा सबसे बड़ा बैंक बन गया है। अब बैंक ऑफ बड़ौदा के पास कुल 9401 बैंक शाखाएं और 13432 एटीएम हो गए हैं। एसबीआई के पास 18 हजार से ज्यादा शाखाएं और 59,291 एटीएम हैं। वहीं आईसीआईसीआई बैंक के पास 4,867 शाखाएं और 14,367 एटीएम हैं।
विलय के बाद पड़ने वाले प्रभाव:
हालांकि, विलय से पहले ही केंद्र सरकार ने बैंक ऑफ बड़ौदा को 5,042 करोड़ रूपए, अतिरिक्त खर्च की भरपाई के लिए देने का निर्णय किया था। वित्त मंत्रालय के अनुसार, वह इक्विटी शेयरों के तरजीही आवंटन के जरिए यह निवेश करेगी। यह इक्विटी शेयर वित्त वर्ष 2018-19 के लिए आवंटित किए जाएंगे। विलय के समझौते के तहत विजया बैंक के शेयर धारकों को, प्रति 1000 शेयरों के बदले बैंक ऑफ बड़ौदा के 402 शेयर और देना बैंक के शेयर धारकों को, प्रति 1000 शेयरों के बदले बैंक ऑफ बड़ौदा के 110 शेयर दिए गए हैं।
85 हजार कर्मचारी:
एकीकरण के बाद बैंक ऑफ़ बड़ौदा के कर्मचारियों और अधिकारीयों की कुल संख्या करीब 85,675 हो गई है। एकीकरण से पहले बैंक ऑफ बड़ौदा में 56,361, विजया बैंक में 15,874, जबकि देना बैंक में 13440 कर्मचारी थे। इस विलय के साथ ही देना और विजया बैंक के अधिकारीयों व कर्मचारियों की सेवाएं व शर्तें बेहतर हो जाएंगी। उनके वेतन भत्ते में भी इजाफा होगा। साथ ही, इन बैंको के सीईओ दूसरी सार्वजानिक बैंको के सीईओ बन जायेंगे।
14.82 लाख करोड़ का कारोबार, नया नाम मिलने की संभावना:
तीन बैंको के एकीकरण के बाद, बैंक ऑफ़ बड़ौदा का कारोबार 14,82,422 करोड़ रूपए के पार पहुंचने की संभावना है। बता दें, लोगों की सुविधा के लिए विजया और देना बैंक, कुछ दिनों तक अपने इन्हीं नामों के साथ कारोबार करते रहेंगे। हालांकि, एचबी कंसल्टेंट्स के मुख्य कार्यकारी हरीष बिजूर ने कहा है कि, आने वाले समय में "इसे नेशनल बैंक ऑफ इंडिया (एनबीआई) नाम दिया जा सकता है।
फिर से खोलना पड़ सकता है खाता:
इन तीन बैंकों के ग्राहकों को, इस नए बैंक में फिर से खाता खुलवाने की प्रक्रिया से गुजरना पड़ सकता है। ग्राहकों को खाता खोलने के लिए एक बार फिर से केवाईसी की प्रक्रिया पूरी करनी होगी। केवाईसी हो जाने के बाद ग्राहकों को नई चेकबुक, एटीएम कार्ड और पासबुक मिलेगी। स्वाभाविक है कि, इससे पेपर वर्क काफी बढ़ जाएगा। लेकिन भविष्य में ग्राहकों को बैंक द्वारा बड़ी और अच्छी सुविधाएं मिलने की संभावनाएं भी हैं।