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सरकार का नया बिजली बिल बहुत पॉवरफुल है? बिजली कटी तो हर्जाना मिलेगा

इस आर्टिकल में Electricity Amendment Bill 2021 के बारे में बात होगी। बिल पास होने ही वाला है। सुनने में आ रहा है इस बिल के पास होने के बाद उपभोक्ताओं की ताकत में इज़ाफ़ा होगा इसके साथ ही कई कंपनियां पावर डिस्ट्रीब्यूशन के बिजनेस में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेंगी। तो सीधी से बात है- जितनी ज्यादा कंपनियां उतनी बेहतर सेवा।

Ashish Urmaliya

विद्युत संशोधन विधेयक 2021 (Electricity Amendment Bill 2021): नए बिजली विधेयक अनुसार अगर आप अपनी पुरानी कंपनी की सेवाओं से परेशान हैं, नाखुश हैं तो अब आपके पास इच्छानुसार कंपनी बदलने और नई कंपनी का चुनाव करने का अधिकार होगा। कहने का मतलब, अब आपको बिजली सेवाएं भी टेलिकॉम सेवाओं की तर्ज पर ही मिलेंगी। उदाहरण के लिए जब आप अपनी टेलीकॉम सेवाओं से संतुष्ट नहीं होते तो अपने सिम कार्ड को किसी दूसरी कंपनी में पोर्ट करवा लेते हैं। ठीक ऐसा ही अब आप विद्युत सेवा के मामले में भी कर पाएंगे। जानकारी हो कि आने वाले सोमवार को यानि 19 जुलाई से संसद के मानसून सत्र की शुरुआत होने वाली है। इस सत्र में नया विद्युत बिल पेश होने वाला है, जिसमें एक क्षेत्र में कई कंपनियों की बिद्युत की आपूर्ति करने की ज़िम्मेदारी मिलेगी। इससे उपभोक्ताओं को फायदा ये होगा कि उनके पास अपनी पसंद की कंपनी चुनने का विकल्प उपलब्ध होगा।

इसी मानसून सत्र में बिल पेश होने की प्रबल संभावनाएं हैं

पावर एंड रीन्यूएबल एनर्जी मिनिस्टर (Minister of Power and Renewable Energy) आर. के. सिंह के बताए अनुसार, सोमवार को शुरू होने वाले मॉनसून सत्र में सरकार Electricity Amendment Bill 2021 पेश कर सकती है। अब जब मंत्री जी ने ही बात कही है तो होना ही कहला गया, और अगर ऐसा हुआ तो ये बिजली वितरण के क्षेत्र में होगा बड़ा सुधार होगा। इस बदलाब से उपभोक्ताओं की ताकत में भारी इज़ाफ़ा होगा। बता दें, इसी साल जनवरी के महीने में Electricity Amendment Bill 2021 से संबंधित प्रस्ताव मंत्रिमंडल की मंजूरी के लिए पेश किया गया था।

विद्युत मंत्री आर. के. सिंह ने एक कार्यक्रम में कहा था कि उनके मंत्रालय ने विद्युत उत्पादन की ही तरह अब इसके वितरण को भी डीलाइसेंस करने का प्रस्ताव रखा है। इस प्रस्ताव को लेकर मंत्रालय ने एक नोटिस जारी किया था जिसे सभी मंत्रालयों द्वारा मंजूर कर लिया गया है। हालांकि कानून मंत्रालय ने एक-दो सवाल रखे हैं। उस वक्त उन्होंने जानकरी दी थी कि जल्द ही इस प्रस्ताव को मंत्रिमंडल की मंजूरी के लिए भेजा जायेगा और संसद के अलगे सत्र यानि मानसून सत्र में इस बिल को पास कराने की कोशिश भी की जाएगी। इस बार का मानसून सत्र अगले सोमवार यानि 19 जुलाई से शुरू हो कर 13 अगस्त(शुक्रवार) तक चल सकता है।

इस बिजली बिल के फायदे भी जान लीजिये, माफ़ कीजियेगा ये वो बिजली बिल नहीं जो हर महिने आपके घर भेजा जाता है। ये विद्युत क्षेत्र के पूरे कायदे कानूनों में बदलाव लाने वाला बिल है जो संसद में पेश होगा और फिर पारित होगा।

संसद में संसोधन पारित होने से कई सारी निजी कंपनियों के लिए बिजली वितरण के क्षेत्र में आने के दरवाजे खुल जाएंगे। लाइसेंस वाला झंझट ख़त्म हो जायेगा। कंपनियों के बीच कम्पटीशन बढ़ेगा जिसका सीधा फायदा उपभोक्ताओं को मिलेगा। क्योंकि उनके पास चुनने के लिए कई सारे विकल्प होंगे। मौजूदा समय में कुछ ही सरकारी और प्राइवेट कंपनियों का विद्युत वितरण क्षेत्र में दबदबा बना हुआ है। जैसी भी अच्छी-बुरी सुविधा मिल रही है, उपभोक्ताओं को उसी में संतुष्ट रहना पड़ रहा है।

वितरण क्षेत्र में कई कंपनियों के आने से ग्राहकों को फायदा होगा?

इस क्षेत्र में बहुत सारी कंपनियों के होने का मतलब कम्पटीशन। कंपनियां बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए कई तरह के जतन करेंगी। फ़िलहाल उपभोक्ताओं के पास चुनने के लिए कोई अन्य विकल्प उपलब्ध नहीं है इसलिए उन्हें सेवाओं से नाखुश होते हुए भी एक ही कंपनी की सेवाएं लेनी पड़ती हैं। कई कंपनियों के आने से उनके पास बेहतर विकल्प चुनने का ऑप्शन होगा। हालांकि यह संसोधित बिल पास होने के बाद मौजूदा कंपनियां भी अपनी सेवाएं जारी रखेंगी लेकिन मार्केट में नई कंपनियों की एंट्री भी हो जाएगी। लेकिन अगर दूसरे पक्ष को देखा जाये तो, इसके बाद बिजली क्षेत्र में सरकार की ज़िम्मेदारी कम हो जाएगी। हो सकता है बिजली के रेट भी बढ़ें। देखना ये भी होगा कि इस बिल में गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वालों किसानों के लिए क्या प्रावधान है। लेकिन सबसे बड़ा फायदा ये होगा कि जब वितरण बहुत सारे प्राइवेट हाथों में जायेगा तो आज भी हो रही बिजली की चोरी पर अंकुश जरूर लग जायेगा।

बिजली कटने पर हर्जाना मिलेगा

विश्लेषकों तो यही मानना है कि उपभोक्ताओं के हाथ में पॉवर आ जायेगा। अगर कोई कंपनी बिना जानकारी दिए बिजली की कटौती करती है तो उसे अपने ग्राहकों को हर्जाना भरना होगा। किसी करणवश अगर कंपनी को बिजली की कटौती करनी है तो उसे अपने उपभोक्ताओं को पहले ही इसकी जानकारी देनी होगी। कंपनी आपको बताएगी कि कितने बजे से लेकर कितने बजे तक बिजली कटेगी और अगर समय उससे थोड़ा भी ज्यादा हुआ तो भी कंपनी को उसका हर्जाना भरना होगा। इस संसोधन बिल में इसी तरह के कुछ प्रावधान हैं।

विद्युत वितरण के बिज़नेस में उतरने के लिए कंपनियों को खुद को रजिस्टर कराना होगा!

ऐसी कंपनियां जो इस विद्युत वितरण वाले कारोबार में अपनी किस्मत आजमाना चाहती हैं। उन्हें खुद को वाजिब कमीशन के साथ रजिस्टर कराना होगा, साथ ही सरकारी योग्यता शर्तों पर भी खरा उतरना पड़ेगा। जो भी कमीशन गठित होगी उसको भी किसी भी कंपनी को 60 दिनों के भीतर रजिस्टर करनी होगी। अगर कोई आवेदन करने वाली कंपनी सरकारी शर्तों पर खरी नहीं उतरतीं तो कमीशन द्वारा उनके आवेदन को रद्द भी किया जा सकता है।

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