L- Mukul Roy, R- Mamata Banerjee 
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भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकुल रॉय दीदी की TMC में शामिल, ममता बोली 'घर का लड़का वापस आया है'

भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं कृष्णानगर दक्षिण से विधायक मुकुल रॉय की टीएमसी में वापसी हो गई है। चार साल पहले TMC छोड़ भाजपा में शामिल हुए थे। शुक्रवार की दोपहर मुकुल रॉय ने टीएमसी दफ्तर पहुंचकर पार्टी की सदस्यता हासिल की और उनके साथ उनके बेटे शुभ्रांशु रॉय भी बीजेपी में शामिल हो गए हैं।

Ashish Urmaliya

हाइलाइट्स:

- बीजेपी को पश्चिम बंगाल में एक और बड़ा झटका: मुकुल रॉय टीएमसी में शामिल हुए.

- आज यानि शुक्रवार को मुकुल रॉय ने TMC दफ्तर पहुंचकर पार्टी की सदस्यता दोबारा हासिल कर ली है.

- बंगाल में हार के बाद बीजेपी को दूसरा सबसे बड़ा झटका, टीएमसी के कई दिग्गजों को भाजपा में यही लाए थे.

- TMC में शामिल होने के बाद बोले मुकुल: भाजपा में शोषण ज्यादा है.

- दीदी बोली घर का लड़का वापस आया है, पहले की तरह पार्टी में अहम भूमिका निभाएगा।

पश्चिम बंगाल में भाजपा को पहला झटका तब लगा था जब तमाम कोशिशों के बावजूद विधानसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था. अब भाजपा को बंगाल में दूसरा बड़ा झटका लगने की खबर सामने आई है. भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रहे और कृष्णानगर दक्षिण से विधायक मुकुल रॉय दोबारा TMC में शामिल हो गए हैं. आज यानि शुक्रवार दोपहर मुकुल रॉय तृणमूल कांग्रेस (All India Trinamool Congress) पार्टी के दफ्तर पहुंचे और सदस्यता हासिल कर ली. सदस्यता हासिल करने से पहले मुकुल रॉय ने ममता और कुछ बड़े नेताओं के साथ बंद कमरे में कुछ देर बैठक भी की थी. मुकुल के बेटे शुभ्रांशु रॉय भी अपने पिता के साथ TMC में शामिल हो गए हैं.

टीएमसी में शामिल होने के बाद मुकुल रॉय ने कहा कि भाजपा में शोषण ज्यादा है. वहीं ममता बोलीं घर का घर का लड़का वापस आया है, पहले की तरह पार्टी में अहम भूमिका निभाएगा.

भाजपा को बड़ा नुकसान-

राजनीतिक पंडितों द्वारा मुकुल का TMC में शामिल होना BJP के लिए बड़ा नुकसान बताया जा रहा है. दरअसलम, मुकुल रॉय को 2017 के बाद टीएमसी के दिग्गजों को बीजेपी में शामिल करवाने का पूरा श्रेय जाता है. अब जब मुकुल टीएमसी में वापस आ गए हैं तो स्वाभाविक सी बात है आने वाले समय में उनके समर्थक नेता भी टीएमसी में वापस आ सकते हैं.

नेता प्रतिपक्ष बनना चाहते थे मुकुल-

जानकर बताते हैं कि मुकुल रॉय BJP में लंबे समय से उपेक्षित महसूस कर रहे थे. मुकुल रॉय 4 साल पहले ही भाजपा में शामिल हो गए थे लेकिन पार्टी ने उनसे ज्यादा तवज्जो सुवेंदु अधिकारी को दी. नतीजे आने बाद से ही मुकुल रॉय के टीएमसी में वापस आने की अटकलें लगनी शुरू हो गई थीं। मुकुल रॉय के भारतीय जनता पार्टी छोड़ने के पीछे की मुख्य वजह, विपक्ष के नेता के रूप में उनका नाम आगे ना बढ़ाकर सुवेंदु अधिकारी को इसकी कमान सौंपना माना जा रहा है. हालांकि पार्टी छोड़ने के एक दिन पहले उन्होंने सुवेंदु अधिकारी को नेता प्रतिपक्ष बनने पर ट्वीट कर बधाई भी दी थी और अगले ही दिन यानि आज पार्टी छोड़ दी.

कुछ ही दिनों पहले अटकलों को ख़ारिज भी कर चुके थे...

जब मुकुल के टीएमसी में शामिल होने की अटकलें लगाईं जा रही थीं तब उन्होंने इन अटकलों को ख़ारिज कर दिया था. ट्वीट कर उन्होंने खुद को बीजेपी का सिपाही बताते हुए लिखा था, "पश्चिम बंगाल में लोकतंत्र बहाल करने के लिए भाजपा के एक सैनिक के रूप में मेरी लड़ाई जारी रहेगी। मैं सभी से मनगढ़ंत बातों और अटकलों पर विराम लगाने का अनुरोध करता हूं। मैं अपने राजनीतिक पथ पर दृढ़ हूं।"

बेटे शुभ्रांशु ने ममता के आलोचकों को दी थी नसीहत:

मुकुल के बेटे शुभ्रांशु रॉय (पूर्व विधायक) ने भी अपनी एक फेसबुक पोस्ट के जरिए ममता सरकार की आलोचना करने वालों को नसीहत दे डाली थी। पोस्ट में उन्होंने कहा था कि जनता के समर्थन से सत्ता में आई सरकार की आलोचना करने वालों को पहले अपने भीतर झांक कर देखना चाहिए। हालांकि जब मुकुल टीएमसी से अलग हुए थे उसके बाद शुभ्रांशु रॉय को पार्टी ने 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया था.

भाजपा की बैठक में भी शामिल नहीं हुए थे मुकुल...

हाल ही कोलकाता में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने एक बैठक का आयोजन किया था, मुकुल उसमें नहीं पहुंचे थे. जानकारी मिली कि मुकुल को आखिरी वक्त पर इन्फॉर्म किया गया था. वहीं बीजेपी की तरफ से सफाई दी गई कि मुकुल पोस्ट कोविड शिकायतों के चलते आइसोलेशन में थे इसलिए मीटिंग में शामिल नहीं हुए.

2017 में छोड़ी थी टीएमसी:

टीएमसी छोड़ कर भाजपा ने शामिल होने वाले सबसे पहले नेताओं में शुमार थे मुकुल रॉय. वे साल 2017 यानि 4 साल पहले ही टीएमसी छोड़ कर बीजेपी में शामिल हो गए थे. इसके बाद उन्होंने टीएमसी छोड़कर भाजपा जॉइन करने वाले नेताओं की लाइन लगा दी थी. बंगाल चुनाव से पहले अपने देखा होगा, भाजपा में टीएमसी का सीधा लॉट का लॉट आ रहा था. जब उन्होंने टीएमसी को छोड़ा था तब पार्टी में उनकी हैसियत ममता बनर्जी के बाद दुसरे नंबर पर थी. विदित हो, मुकुल यूपीए 2 सरकार में रेल मंत्री भी रह चुके हैं. नारदा और शारदा चिटफंड घोटाले में भी उनका नाम आ चुका है.

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