News

दिवाली से पहले बैंकों की बड़ी हड़ताल, जल्द ही निपटा लें बैंक से जुड़े सारे काम

Lubna

AshishUrmaliya || Pratinidhi Manthan

दिवालीका त्यौहार नजदीक है, दिवाली से पहले धनतेरस के दिन कुछ नया सामान (गहने, बर्तन, बाइक,कार, घरेलू सामान आदि) खरीदने की परंपरा है। और खरीददारी करने के लिए हमें बैंक कीजरूरत पड़ेगी। इसके अलावा वित्तीय मामलों से जुड़े कई अन्य काम होते हैं जो आपको दिवालीके पहले निपटाने होंगे। इसलिए हम आपको ये सभी काम जल्द से जल्द निपटाने की सलाह देरहे हैं।

दरअसल10 बैंकों के विलय के विरोध में सभी बैंक कर्मचारियों ने 22 अक्टूबर को हड़ताल पर जानेकी घोषणा की है। अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ और भारतीय बैंक कर्मचारी परिसंघ द्वारा सामूहिक रूप से बुलाई जाने वाली इस हड़तालका भारतीय ट्रेड यूनियन भी पूरा समर्थन कर रहा है। इस हड़ताल के साथ अक्टूबर के आखिरीहफ्ते 4 दिन तक बैंक बंद रहेंगे।

आपकोपता हो, कि सरकार ने 10 बड़े सरकारी बैंको का विलय करके 4 बड़े बैंक बनाने का फैसला कियाहै। और बैंक कर्मचारी इसका विरोध कर रहे हैं।

अखिलभारतीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस ( एटक ) ने कहा है, कि अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघऔर भारतीय बैंक कर्मचारी परिसंघ द्वारा 22 अक्टूबर को संयुक्त रूप से बुलाई गई देशव्यापीहड़ताल का हम समर्थन करते हैं। उन्होंने कहा, कि सरकार का 10 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकोंका विलय करने का फैसला दुर्भाग्य पूर्ण और अनअपेक्षित है। इसी के विरोध में हम इस हड़तालका समर्थन करते हैं। और देशभर के बैंक कर्मचारियों का मानना है, कि इस विलय से बहुतसारी नौकरियां जाएंगी जो कर्मचारियों के परिदृश्य से उचित नहीं है।

एटकने कहा, कि सरकार आंध्रा बैंक, इलाहाबाद बैंक, सिंडिकेट बैंक, यूनाइटेड बैंक, कॉर्पोरेशनबैंक, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया को करने करने की फिराक मेंहैं। जबकि ये सभी बैंक अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं और हमेशा से ही देश के अच्छे प्रदर्शनकरने वाले बैंकों में से रहे हैं। इन सभी बैंकों का देश के आर्थिक विकास में उल्लेखनीययोगदान रहा है। अपना एक बड़ा इतिहास रहा है और समय के साथ इतने बड़े बने हैं।

आपकोबता दें, बीते 30 अगस्त के दिन देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश के 10 बड़ेसरकारी बैंकों का विलय करने का ऐलान किया था। इस फैसले के पीछे सरकार की मनसा इन10 बैंकों को 4 मजबूत बैंकों में बदलने की है। आइये जानते है कि सरकार की किस बैंकके साथ किन बैंको का विलय करने की योजना है।

1- विलय

पंजाबनेशनल बैंक, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया (17.95 लाख करोड़ केकारोबार के साथ यह देश का दूसरा सबसे बड़ा बैंक बन जायेगा)।

2- विलय

केनराबैंक और सिंडिकेट बैंक (15.20 लाख करोड़ रुपये के कारोबार के साथ देश का चौथा सबसेबड़ा बैंक बन जायेगा)।

3- विलय

यूनियनबैंक, आंध्रा बैंक और कॉरपोरेशन बैंक (14.6 लाख करोड़ रुपये के कारोबार के साथ यह देशका पांचवां सबसे बड़ा बैंक बन जायेगा)।

4- विलय

इंडियनबैंक, इलाहाबाद बैंक (8.08 लाख करोड़ रुपये के कारोबार के साथ यह देश का सातवां सबसेबड़ा बैंक बन जायेगा।

सरकारने इन सभी बैंको को करीब 55 हजार करोड़ की पूंजी देने का आश्वासन दिया है साथ ही वित्तीयसेवा सचिव राजीव कुमार के अनुसार, इन बैंको के विलय से कर्मचारियों पर कोई उल्टा प्रभावनहीं पड़ेगा न ही कोई छंटनी होगी, बल्कि कर्मचारियों को फायदा ही होगा। उन्होंने कहाइससे पूर्व में भी एसबीआई समेत जो भी विलय हुए, उसके कारण कोई छंटनी नहीं हुई और सेवास्थिति पहले से बेहतर हुई है।

लेकिनबैंक कर्मचारी सरकार की इन बातों से संतुष्ट नहीं है और हड़ताल करने पर आमादा हैं, देखनाहोगा इसका क्या परिणाम निकलता है।

रतन टाटा: एक महानायक की यात्रा (1937 - 2024)

महालक्ष्मी व्रत कथा

सफला एकादशी (पौष कृष्ण एकादशी)

मोक्षदा एकादशी (मार्गशीर्ष शुक्ल एकादशी)

उत्पन्ना एकादशी (मार्गशीर्ष कृष्ण एकादशी)