यह जो शक्स दिखाई दे रहा है यह जिला अस्पताल में ट्रामा सेंटर के अंदर भर्ती पर्चा बनाता है इनके लिए मरीज की जान से बढ़कर है पैसा इमरजेंसी के लिए जब एक महिला भर्ती होने आई तो उन्होंने भर्ती के लिए ₹40 की मांग की। जब वह परिजनों ने कहा आप भर्ती का पर्चा बनाइए हम आपको पैसा देते लेकिन महाशय ने जब तक पैसे नहीं दिए गए भर्ती का पर्चा नहीं कहते हैं अस्पताल में फ्री सुविधाएं उपलब्ध है लेकिन दतिया जिला अस्पताल में लापरवाही स्तर देखने को मिल रही यदि बात करें डॉक्टरों की तो डॉक्टर भी अपनी सीट पर दिखाई नहीं देते डॉक्टर भी अपने एसी रूम में बैठकर आराम करते हैं लगातार लापरवाही के मामले में जिला अस्पताल आए दिन सुर्खियों में बना रहता हैअब खबर चलने के बाद देखते हैं कि स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारी क्या संज्ञान लेते हैं भ्रष्टाचार ही भ्रष्टाचार