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बाबा का नया ढाबा 'रेस्टोरेंट' बंद, फिर से सड़क किनारे आए, लॉकडाउन ने तोड़ी बिज़नेस की कमर

दिल्ली का बाबा का ढाबा पिछले डेढ़ साल से लगातार चर्चा का विषय बना हुआ है। बीते साल मालवीय नगर के ढाबा वाले बाबा की कहानी इंटरनेट पर खूब वायरल हुई थी. देश भर के लोगों ने बाबा के दिल और जेब दोनों खोल कर सपोर्ट किया था। अब ढाबा वाले बाबा फिर से सुर्ख़ियों में आ गए हैं। दरअसल, लोगों से आर्थिक मदद मिलने के बाद बाबा ने एक रेस्टोरेंट खोला था, लेकिन वो नहीं चल पाया। लॉकडाउन ने उस रेस्टोरेंट की कमर तोड़ दी। अब बाबा अपने रोड किनारे वाले पुराने वाले ठेले पर फिर से वापस आ गए हैं।

Ashish Urmaliya

किस्मत का कोई भरोसा नहीं, कभी भी पलटी मार सकती है। लेकिन बाबा वाले केस में किस्मत ने एकाद पलटी नहीं मारी, बाकायदा करवटें ली हैं। बीते वर्ष दक्षिणी दिल्ली के मालवीय नगर इलाके में बाबा का ढाबा चलाने वाले 81 साल के कांता प्रसाद और उनकी पत्नी बादामी देवी का एक वीडियो इंटरनेट पर तेज़ी से वायरल हुआ था। ये वीडियो ट्विटर पर टॉप पर ट्रेंड कर रहा था. इस वीडियो में दिखाया गया था कैसे एक बुजुर्ग दंपति रोड किनारे कम पैसे पर अच्छा खाना खिला रहे हैं लेकिन उनकी दुकान पर कोई खाना खाने नहीं आ रहा। फिर क्या था देखते ही देखते वीडियो वायरल हुआ और ढाबे पर खाना खाने वालों की लंबी लाइन लग गई। फिर और कई सारे वीडियो बनाए गए। लगभग हर बड़े मीडिया प्लेटफार्म ने इस ढाबे को कवर किया। बाबा की रातों का किस्मत बदल गई। बहुत से लोगों ने बाबा तक आर्थिक मदद भी पहुंचाई। उसी आर्थिक मदद की बदौलत कांता प्रसाद (Kanta Prasad) ने एक बेहतरीन रेस्टोरेंट खोल लिया था. लेकिन अब खबर आ रही है कि लॉकडाउन में बाबा का न्य रेस्टोरेंट बंद हो चुका है। अब कांता प्रसाद (बाबा) वापस अपनी पुरानी जगह पर वापस लौट आए हैं और अपनी दुकान पर ग्राहकों की भीड़ जुटने का इंतज़ार कर रहे हैं।

अंग्रेजी दैनिक अखबार हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, बाबा का ढाबा से प्रचलित हुए कांता प्रसाद का नया रेस्टोरेंट फरवरी के महीने में ही बंद हो चुका है। लिहाजा अब वो वापस अपने पुराने ढाबे पर लौट आए हैं लेकिन कमाई पहले जैसी नहीं हो पा रही है। हालत लगभग शुरुआत की ही तरह हो गई है। पिछले वर्ष वीडियो वायरल होने के बाद कांता प्रसाद की कमाई में लगभग 10 गुना की बढ़ोतरी हो गई थी. बाबा और बाबा का ढाबा (Baba Ka Dhaba) इंटरनेट फेमस हो चुका था।

इस पर बाबा (कांता प्रसाद) ने क्या कहा?

Kanta Prasad (baba) ने कहा कि दिल्ली में कोरोना फैलने और लॉकडाउन के चलते हमें अपने पुराने ढाबे को 17 दिनों के लिए बंद करना पड़ा, इससे हमारी बिक्री को बहुत ज्यादा प्रभाव पड़ा है. उन्हें फिर से गरीबी का सामना करना पड़ रहा है। कांता प्रसाद ने कहा, "कोरोना लॉकडाउन के कारण हमारे ढाबे पर चल दैनिक बिक्री में भारी गिरावट आई है। लॉकडाउन से पहले हमारी दैनिक बिक्री 3,500 रुपये थी जो अब घटकर मात्र 1,000 रुपये रह गई है जो कि हमारे पारिवारिक गुजारे के लिए पर्याप्त नहीं है। "

गौरतलब है कि पिछले साल वीडियो वायरल होने के बाद बाबा का ढाबा (Baba ka dhaba) के मालिक कांता प्रसाद को कई लाख रुपये की आर्थिक मदद मिली थी, उस पैसे से बाबा ने देश की राजधानी में एक नया बेहतरीन लुक वाला रेस्टोरेंट खोला था, अपने घर के ऊपर एक नई मंजिल निर्माण कराया था और अपना पुराना कर्ज चुकाया था। इसके अलावा बाबा ने खुद के लिए और अपने बच्चों के लिए नए स्मार्टफोन खरीदने जैसे खर्च किए थे। लेकिन अब लग रहा है कि रेस्टोरेंट वाले बाबा के अच्छे दिन बीत गए हैं। नया रेस्टोरेंट घाटे के साथ बंद हो चुका है और पुराने ढाबे पर ग्राहकों की कमी हो गई है। वर्तमान में बाबा के ढाबे पर दाल, चावल और दो प्रकार की सब्जियां मिल रही हैं।

धूमधाम से खोला गया था नया रेस्टोरेंट.......सुर्खियां भी बटोरी

दिसंबर, 2020 में कांता प्रसाद ने बड़े धूमधाम से अपना नया रेस्टोरेंट खोला था। रेस्टोरेंट ने खूब चर्चाएं बटोरी, कई मीडिया चैनलों द्वारा टीवी पर भी दिखाया गया। पुराने ढाबे पर रोटियां बनाने वाले बाबा अपने नए रोस्टोरेंट में मॉनिटरिंग करते थे। उनकी पत्नी और दो बेटे चमचमाते हुए काउंटर पर बैठकर बिल बनाते थे और पेमेंट लेते थे। ग्राहकों के सेवा के लिए वेटर मौजूद था। खाना बनाने के लिए दो रसोइये लगे हुए थे। शुरूआती उत्साह के बाद धीरे-धीरे रेस्टोरेंट में ग्राहकों का आना कम हो गया। आमदनी कम होती गई और खर्चा बढ़ने लगा और लगभग 3 महीने में ही बाबा का नया रेस्टोरेंट बंद हो गया।

5 लाख के निवेश के साथ खोला था रेस्टोरेंट

कांता प्रसाद ने बताया कि उन्होंने रेस्टोरेंट में 5 लाख रुपये का निवेश किया था और तीन लोगों को नौकरी पर रखा था। महीने का लगभग 1 लाख रुपए खर्च होता था. 35,000 रुपये प्रति माहिना किराया लगता था। 36,000 रुपये तीन कर्मचारियों की तनख्वाह में चले जाते थे और लगभग 15,000 रुपये बिजली, पानी और राशन खर्च में चले जाते थे। बिक्री की बात करें तो औसत मासिक बिक्री 40,000 रुपये से अधिक कभी भी नहीं हुई। लगभग 60 हज़ार रूपए हमें हर महीने जेब से देने पड़ रहे थे। तीन महीने में भारी नुकसान का सामना करना पड़ा। कांता प्रसाद ने कहा, मुझे लगता है कि 'हमें एक नया रेस्टोरेंट खोलने की गलत सलाह दी गई थी।'

युट्यूबर ने कराया था फेमस

यू-ट्यूबर गौरव वासन ही थे जिन्होंने बाबा का ढाबा का वीडियो बना कर कांता प्रदास को लोकप्रियता दिलाई थी। गौरव वासन ने बाबा के ढाबा के मालिक के हालातों और उनके द्वारा दिए जा रहे सस्ते व अच्छा खाने का वीडियो बना कर यूट्यूब पर डाल दिया था। उसी वीडियो के चलते कांता प्रसाद को भारी आर्थिक मदद व लोकप्रियता मिली थी। हालांकि बाद में कांता प्रसाद ने यू-ट्यूबर गौरव वासन व उनके सहयोगियों के खिलाफ कथित रूप से मदद के तौर पर मिले पैसे के दुरुपयोग और धोखाधड़ी से संबंधित शिकायत पुलिस थाने में दर्ज करा दी थी। कांता प्रसाद ने गौरव पर आरोप लगाए थे कि उन्होंने मदद के लिए जानबूझकर अपना, अपने परिवार और दोस्तों के बैंक अकाउंट डिटेल्स दिए थे ताकि मदद के तौर पर मिले पैसों के साथ धांधली की जा सके। बाबा की शिकायत के बाद यू-ट्यूबर गौरव वासन खुल कर सामने आए थे और अपने अकाउंट डिटेल्स पुलिस को सौंपे थे।

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