-सोने से कुछ समय पहले पसीना बहाने से शरीर का तापमान बढ़ सकता है, हृदय गति बढ़ सकती है और रात की अच्छी नींद भी प्रभावित हो सकती है।
-सुबह-सुबह कसरत करने की सबसे अच्छी बात ये है कि यह आपको सुबह के पक्षी वाली दिनचर्या में आने में मदद करता है।
-सुबह-सुबह वर्कआउट करने से शाम की तुलना में 20% अधिक फैट बर्न होता है।
कुछ लोग ब्रह्म मुहूर्त में जिम जाते हैं, तो कुछ लोग शाम को पसीना बहाना पसंद करते हैं। असल बात ये है कि फिटनेस पर ध्यान देने का कोई समय या निश्चित स्थान नहीं होता, अपनी सुविधा के आधार पर लोग एक्सरसाइज(excercise) के लिए समय निकालते हैं। कुछ लोग ताज़गी भरे एहसास के मकसद से सुबह वर्कआउट(Workout) करते हैं, तो कुछ रोज़ाना के कामों को पूरा करने के बाद शाम को करते हैं।
हालांकि, समय पर किसी का वश नहीं है जिसको जब वक्त मिलेगा मजबूरन उसे उसी वक्त अपने शरीर को वक्त देना पड़ेगा और चाहिए भी। लकिन जानकारी के तौर पर आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि वर्कआउट के लिए अधिकतम लाभ देने वाला उपयुक्त समय कौन सा है। सुबह का या शाम का तय आपको करना है लेकिन ये आर्टिकल पूरा पढ़ने के बाद।
दिन की शुरुआत के साथ ही कसरत करने की सबसे अच्छी बात यह है कि यह आपको मॉर्निंग बर्ड(Morning Bird) की दिनचर्या में आने में मदद करता है। जब आप सुबह उठ कर वर्कआउट(Workout) करते हैं तो आपको एक लंबा एनर्जी(Energy) भरा दिन मिलता है। साधारण भाषा में कहें तो आपको एक्स्ट्रा घंटे मिल जाते हैं जो आपका दिन आनंदमय बना देते हैं जबकि सुबह वर्कआउट(Workout) न करने वाले दिनभर बिस्तर के आस-पास भटकते रहते हैं।
सुबह का व्यायाम मेटाबोलिज्म(Metabolism) में सुधार के लिए जाना जाता है, पूरे दिन कैलोरी बर्न(calorie burn) करने में मदद करता है साथ ही एक स्वस्थ नींद पैटर्न को भी बढ़ावा देता है, जो शाम या रात के समय जिम जाने वालों के विपरीत होता है। इसके अलावा, खाली पेट यानि नाश्ते से पहले वर्कआउट करने से शाम के वर्कआउट सेशन की तुलना में 20% अधिक फैट बर्न होता है।
मेडिसिन एंड साइंस इन स्पोर्ट्स एंड एक्सरसाइज(Medicine and Science in Sports and Exercise) में प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार, जो महिलाएं हर सुबह 45 मिनट के लिए ब्रिस्क वॉकिंग सेशन(brisk walking session) के लिए जाती हैं, उनका ध्यान भोजन की तस्वीरों से कम विचलित होता है, जो कि बिल्कुल भी वर्कआउट नहीं करने वालों की तुलना में कम होता है। इसके अलावा, इस आदत ने महिलाओं को दिनभर एक्टिव रहने में मदद की।
वैज्ञानिक दृष्टिकोण से, हर दिन सुबह सबसे पहले वर्कआउट करने से शरीर में हैप्पी हार्मोन - एंडोर्फिन (endorphins) को रिलीज करने में मदद मिलती है। इसके साथ ही सुबह 9 बजे से पहले अपना वर्कआउट पूरा करने से आपके मन में बड़ी उपलब्धि हासिल करने जैसी भावना को जन्म देता है।
शाम के वर्कआउट से आपको हर सुबह अधिक नींद लेने में मदद मिल सकती है। हालांकि, सोने के समय के आसपास पसीना बहाने से शरीर का तापमान बढ़ सकता है, हृदय गति बढ़ सकती है और रात की अच्छी नींद प्रभावित हो सकती है।
नतीजतन, अगला दिन सुस्त हो सकता है और नींद की कमी के कारण व्यक्ति अधिक कैलोरी कंज्यूम कर सकता है। इसलिए, देर शाम के वर्कआउट से सुबह की लंबी नींद के अलावा कुछ ख़ास लाभ नहीं मिलते हैं।
हेल्थलाइन(healthline) के अनुसार, वर्कआउट का सबसे अच्छा समय दोपहर में शुरू होता है और शाम को समाप्त होता है - दोपहर 2 बजे से शाम 6 बजे तक। इसके पीछे का कारण यह है कि इस अवधि के दौरान शरीर का तापमान अपने चरम पर होता है जो मांसपेशियों के कार्य, सहनशक्ति और ताकत को अनुकूलित करने में मदद करता है।
इसके अतिरिक्त, इस समय के दौरान, आपका रक्तचाप(blood pressure) और हृदय गति सबसे कम होती है, जिससे यह चोट के न्यूनतम जोखिम के साथ व्यायाम करने का सबसे सुरक्षित समय बन जाता है। इसलिए, दिन के इस समय जब आपका शरीर ज़ोरदार वर्कआउट के लिए बिलकुल तैयार होता है, तब आपको पसीना बहाने की सलाह दी जाती है।