भारतीय बच्चे उन्हें चाचा नेहरू कहा करते थे। स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू महात्मा गाँधी के बेहद प्रिय थे 
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भारतीय बच्चे उन्हें चाचा नेहरू कहा करते थे। स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू महात्मा गाँधी के बेहद प्रिय थे

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स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री और आज़ादी के संघर्ष के क्रांतिकारी जवाहरलाल नेहरू (Jawaharlal Nehru) महात्मा गाँधी(Mahatma Gandhi) के बेहद प्रिय थे।

नेहरू गाँधी जी के समर्थन से पश्चिम-पूर्व की भारतीय राजनीति के केंद्रीय व्यक्तित्व बने। भारतीय राष्ट्र व राज्य को एक समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष और लोकतान्त्रिक गणराज्य बनाने में नेहरू जी(Nehru Ji) का बहुत बड़ा हाथ है। कश्मीरी पंडितों से लगाव व मूल की वजह से उन्हें पण्डित नेहरू(Pandit Nehru) कह कर बुलाया जाने लगा।

भारतीय बच्चे उन्हें चाचा नेहरू(Chacha Nehru) कहा करते थे। उन्हें आज़ादी के बाद देश का प्रधानमंत्री चुना गया लेकिन इसका फैसला 1941 में ही हो गया था जब गाँधी जी(Gandhi Ji) ने नेहरू(Nehru) को उनके राजनीतिक वारिस और उत्तराधिकारी चुनने की घोषणा की थी।

1950 में भारत का संविधान आया जिसके बाद नेहरू जी(Nehru Ji) ने भारत की आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक विकास के लिए कई योजनाओं की शुरुआत की।

नेहरू(Nehru) के नेतृत्व में कांग्रेस ने राज्य और राष्ट्र स्तर के चुनाव में भाग लिया और 1951, 1957 और 1962 में लगातार चुनाव जीत कर देश की सत्ताधारी पार्टी रही। नेहरू(Nehru) के अंतिम सालो में राजनीतिक संकट और 1962 के भारत-चीन युद्ध(India-China War) में ख़राब नेतृत्व की वजह से भारत की हार के बाद भी लोगों के बीच वह बड़े लोकप्रिय रहे।

जीवन परिचय

पंडित नेहरू(Pandit Nehru) का जन्म 14 फरवरी, 1889 को ब्रिटिश इंडियन(British Indian) के इलाहाबाद(Allahabad) में हुआ। उनके पिता मोती लाल नेहरू(Moti lal Nehru) जो कश्मीरी पंडित(Kashmiri Pandit) थे और एक मशहूर व अमीर बेरिस्टर (barrister) थे। उनका नाता सारस्वत कौल ब्राह्मण समुदाय से था तो वही आज़ादी की लड़ाई के वक्त भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के दो बार अध्यक्ष भी चुने गए थे।

नेहरू जी(Nehru Ji) की माँ स्वरूपरानी थुस्सू(Swarooprani Thussu) भी एक लाहौर (Lahore) में बसे कश्मीरी ब्राह्मण परिवार से थी जो की मोती लाल नेहरू(Moti lal Nehru) की दूसरी पत्नी थीं, उनकी पहली पत्नी ने प्रसव के दौरान ही दम तोड़ दिया था। नेहरू तीन भाई-बहन थे, दो बहने विजया लक्ष्मी(Vijaya Lakshmi) और कृष्णा हठीसिंग(Krishna Hathising) और एक भाई जवाहरलाल नेहरू(Jawaharlal Nehru)।

बड़ी बहन विजया(Vijaya) और भाई नेहरू(Nehru) ने राजनेता बनने का फैसला किया तो वही छोटी बहन कृष्णा(Krishna) को लेखिका बनना था, उन्होंने आपने परिवार पर कई किताबें लिखी।

नेहरू जी(Nehru Ji) की पढाई अच्छे स्कूल-कॉलेज से हुई है। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा हैरो (harrow) से पूरी की और कॉलेज के लिए वह ट्रिनिटी कॉलेज(Trinity College), कैम्ब्रिज लंदन(Cambridge London) गए थे और अपनी लॉ की डिग्री भी उन्होंने कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय(Cambridge University), लंदन(London) से ली। नेहरू जी(Nehru Ji) 1912 में भारत आ गए और उन्होंने भारत में वकालत शुरू कर दी।

1916 में उनका विवाह कमला नेहरू(Kamala Nehru) से करवा दिया गया उसके एक साल बाद 1917 में वह होम रूल लीग(Home Rule League) में शामिल हो गए और अपने राजनीतिक जीवन का आरम्भ किया।

राजनीतिक जीवन

1919 में वह महात्मा गाँधी(Mahatma Gandhi) से मिले जिसके बाद उनकी राजनीति को एक दिशा मिली। उस समय गाँधी जी(Gandhi Ji) ने रॉलेट अधिनियम(Roulette act) के खिलाफ आंदोलन और अभियान शुरू किया था। नेहरू गाँधी के शांत स्वभाव लेकिन सक्रिय तरीके से किये जा रहे सविनय अवज्ञा आंदोलन से बेहद आकर्षित हुए।

नेहरू जी ने गाँधी जी की सारी बातों को अनुशासन के साथ माना और अपने परिवार को भी उस हिसाब से ढाला। जवाहरलाल नेहरू(Jawaharlal Nehru) और मोतीलाल नेहरू(Moti lal Nehru) विदेशी और महंगे पोशाक छोड़ कड़ी के कुर्ते व गाँधी टोपी पहनने लगे। नेहरू जी ने 1920-1922 में पहली बार सलाखों के दर्शन असहयोग आंदोलन(Non-Cooperation Movement) में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेने की वजह से किया। कुछ वक्त बाद उन्हें रिहाई मिल गई।

उसके बाद उन्होंने कई आंदोलन में भाग लिया और कई बार जेल भी गए लेकिन आज़ादी के संघर्षण को कभी रुकने नहीं दिया। नेहरू को 1936 और 1937 में कांग्रेस का अध्यक्ष चुना गया फिर 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन के वक्त उन्हें गिरफ्तार किया गया और 1945 में जा कर उन्हें रिहा किया गया। 1947 में भारत और पाकिस्तान की आज़ादी के वक्त ब्रिटिश सरकार से हुई बात-चित में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

फिर 1947 में आज़ादी के बाद देश की ज़िम्मेदारी किसे दी जाए के लिए मत हुआ तो सरदार पटेल(Sardar Patel) इस चुनाव में जीत गए। सरदार पटेल(Sardar Patel) के बाद सबसे ज़्यादा मत पाने वाले आचार्य कृपलानी थे। पर गाँधी जी के कहने पर दोनों ने प्रधानमंत्री की दौड से अपना नाम वापस ले लिया और नेहरू जी देश के पहले प्रधानमंत्री बन गए।

1947 की आज़ादी के बाद देश की सबसे पहली चुनौती थी अखंड भारत, अँग्रेज़ों ने करीब 500 देसी रजवाड़ों को एक साथ आज़ादी दे दी जिसके बाद उन्हें भारत में विलय के लिए मानना बड़ा ही मुश्किल था पर सरदार पटेल की मदत से यह काम भी हो गया और स्वतंत्र व अखंड भारत का निर्माण हुआ।

नेहरू जी(Nehru Ji) ने आधुनिक भारत का सपना देखा और उसे पुरा करने के लिए परिश्रम भी किया। उन्होंने योजना आयोग का निर्माण किया, उन्होंने विज्ञान और टैकनोलजी(Science and Technology) के विकास को बढ़ावा दिया तो साथ ही लगातार 3 पंचवर्षीय योजनाओं की शुरुआत की।

नेहरू जी(Nehru Ji) ने भारत की कृषि और उद्योग को एक नया रूप दिया तो उन्होंने भारत की विदेश निति पर भी बड़ा काम किया। उन्हें 1955 में भारत रत्न से नवाज़ा गया। लेकिन नेहरू चीन और पाकिस्तान से भारत के रिश्तों में सुधर नहीं कर पाए और 1962 के भारत-चीन युद्ध में भारत को हार का सामना करना पड़ा। 27 मई, 1964 को उन्हें दिल का दौरा आया और उनकी मृत्यु हो गई।

उन्होंने कई किताबें लिखी जो बहुत मशहूर हुई। कहा जाता है लोकमान्य तिलक के बाद जम कर लिखने वाले नेताओं में नेहरू जी का नाम आता है।

नेहरू जी(Nehru Ji) ने आज़ादी के संघार के बारे में लिखा, जेल के दिनों को अपनी किताबों में दर्शाया तो वही कुछ पात्र व किताबें उन्होंने खुद को दर्शाते हुए भी लिख दिए।

उनकी मशहूर किताबों में "पिता के पत्र : पुत्री के नाम(Letters from a Father to His Daughter)", "भारत की खोज(Discovery of India)", "मेरी कहानी(My Story)", "विश्व इतिहास की झलक(Vishwa Itihas Ki Jhalak)", "राष्ट्रपिता(father of the nation)" और "जवाहरलाल नेहरू वाङ्मय" शामिल है।

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