क्या है स्वामित्व योजना? कैसे देगी यह योजना किसानों को ज़मीन का मिलिकना हक़? 
सरकारी योजना

क्या है स्वामित्व योजना? कैसे देगी यह योजना किसानों को ज़मीन का मिलिकना हक़?

गांव के लोगों को शहरी क्षेत्र जैसी सुविधाएं

Anjali Satya Sharma

गांव के लोगों को शहरी क्षेत्र जैसी सुविधाएं मुहैया कराने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में कई योजनाएं शुरू की है। जिसमें से एक है स्वामित्व योजना जिसकी शुरुआत मोदी सरकार ने 24 अप्रैल, 2020 को की थी।

योजना के तहत गांव के लोगों को अपनी ज़मीन का मालिकाना हक़ दिया जा रहा है जिनकी ज़मीन किसी भी सरकार आंकड़े में दर्ज नहीं है। दरअसल ऐसे बहुत से किसान है जिनकी ज़मीं किसी भी सरकारी आकड़ों में दर्ज नहीं है उनकी ज़मीनों पर कब्ज़े का खतरा होता है। इस बात को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने इस योजना की शुरुआत की है।

ग्रामीण भारत को आर्थिक रूप से मज़बूत और आत्मनिर्भर बनाना ही इस योजना का मुख्य उद्देश्य है। स्वामित्व योजना(ownership plan) के तहत तकनीक का इस्तेमाल करके सरकार ग्रामीण भारत को भी सशक्त और मज़बूत बनाने की कोशिश में है। योजना का उद्देश्य नागरिकों को उनका मालिकाना हक़ दिलाना है।

स्वामित्व योजना के अंतर्गत गांवों में रहने वाले लोगों को ज़मीं के प्रोपर्टी कार्ड(land property card) के लिए आवेदन करने की ज़रूरत नहीं होगी। सरकार जैसे-जैसे गांवों की मैपिंग और सर्वे का काम पूरा करती जाएगी वैसे-वैसे गांवों में रहने वाले लोगों को उनकी प्रोपर्टी कार्ड(property card) मिलता जाएगा।

जिन लोगों के पास ज़मीन के कोई कागज़ नहीं है सरकार उन्हें घरौनी नाम का दस्तावेज बनाकर मुहैया कराएगी। प्रधानमंत्री जी ने कहा है कि इस योजना के अंतर्गत देश के लगभग एक लाख प्रोपर्टी धारकों के मोबाइल फ़ोन पर एसएमएस(SMS) के माध्यम से एक लिंक भेजा जाएगा।

जिसके माध्यम से देश के प्रोपर्टी कार्ड डाउनलोड(property card Download) कर सकते है। इसके बाद संबंधित राज्य सरकार संपत्ति कार्ड(State Government Property Card) का फिजिकल वितरण(physical distribution) करेंगी। गांव के लोगों को इस योजना के माध्यम से बैंक से लोन मिलने में भी आसानी होगी।

11 अक्टूबर, 2020 को प्रधानमंत्री मोदी(Prime Minister Modi) हरियाणा(Haryana) के 221, उत्तर प्रदेश(Uttar Pradesh) के 364, महाराष्ट्र(Maharashtra) के 100, मध्य प्रदेश(Madhya Pradesh) के 44, उत्तराखंड(Uttrakhand) के 50 और कर्नाटक(Karnataka) के दो गांवों के नागरिकों को आबादी की ज़मीन के मालिकाना हक़ के कागज़ सौंपेंगे।

क्या है प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना?

स्वामित्व योजना राष्ट्रीय मिशन(Swamitva Yojana National Mission) को 24 अप्रैल, 2020 में शुरू किया गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में इस योजना को पंचायती राज मंत्रालय(Ministry of Panchayati Raj) ही इस योजना को लागू करने वाला नोडल मंत्रालय(nodal ministry) है। ड्रोन्स के ज़रिए प्रोपर्टी के सर्वे के लिए सर्वे ऑफ़ इंडिया नोडल एजेंसी(Survey of India Nodal Agency) है। योजना का मकसद ग्रामीण इलाकों को ज़मानों का सीमांकन ड्रोन सर्वे टेक्नोलॉजी(Demarcation Drone Survey Technology) के ज़रिए करना है।

जिससे ग्रामीण इलाकों में मौजूद घरों के मालिकाना हक़ का एक रिकॉर्ड बनेगा और इसका इस्तेमाल बैंकों से कर्ज लेने के अलावा अन्य कामों में भी किया जा सकेगा। PMO ने कहा कि योजना की शुरुआत से करीब एक लाख संपत्ति मालिक अपनी संपत्ति से जुड़े कार्ड अपने मोबाइल फ़ोन पर SMS लिंक के ज़रिए डाउनलोड कर सकेंगे।

इसके बाद संबंधित राज्य सरकारों द्वारा संपत्ति कार्ड का भौतिक वितरण किया जाएगा। पीएम स्वामित्व योजना के अंतर्गत ई-ग्राम स्वराज पोर्टल(Under e-Gram Swaraj Portal) पर उम्मीदवारों को सभी समस्याओं की जानकारी का उल्लेख होगा और साथ ही आप इस पोर्टल पर अपना ऑनलाइन भूमि से संबंधित सारी जानकारी देख सकते है।

योजना के तहत उम्मीदवारों को अपना पूरा मालिकाना हक़ मिलेगा और प्रधानमंत्री स्वामित्व कार्ड(Prime Minister Ownership Card) भी दिए जाएंगे। जिससे की भ्रष्टाचार, फर्जीवाड़े कार्य में कमी आएगी और जिसकी भूमि होगी उसपर उसी का हक़ होगा। ऐसे में अगर भूमि पर कोई जबरन मालिकाना हक़ जताता है तो उसका विवरण पहले से ही सरकार के पास मौजूद होगा।

पीएम स्वामित्व योजना(PM Swamitva Yojana) के अंतर्गत इस बार ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करने वाला 1,00,000 उम्मीदवारों को मालिकाना हक़ देने का फैसला लिया गया है। ज़मीन खुद के नाम होने पर गांव के लोग उसे आसानी से किसी को भी बेच या खरीद पाएंगे।

इसके साथ ही वह बैंक से लोन आदि की सुविधा भी आसानी से उठा पाएंगे। इस योजना के तहत साल 2021 से 2025 तक 6.62 लाख गांवों को शामिल करने की सरकार की प्लानिंग है।

योजना के लाभ और विशेषता

जब कोई सरकारी योजना की शुरुआत की जाती है तो बहुत से गांव तक योजना के बारे में लोगों को पता नहीं होता है लेकिन इस स्वामित्व योजना के माध्यम से योजनाओं के बारे में पूरी जानकारी गांव तक पहुंचाई जाएगी।

यह योजना ज़मीन से जुड़े होने वाले सभी भ्रष्टाचार को रोकने में सहायता करेगा। 2015 में लगभग पुरे देश में 100 ग्राम पंचायत डिजिटल से जुडी थी लेकिन अब 2022 में 1,25,000 तक ग्राम पंचायतें डिजिटल(Gram Panchayats Digital) से जुड़के इंटरनेट का लाभ ले रहे है। पीएम स्वामित्व योजना के तहत अब किसी भी उम्मीदवार को अपनी भूमि से जुड़े दस्तावेज़ के लिए किसी भी पटवारी खाने के चक्कर लगाने की आवश्यकता नहीं होगी।

स्वामित्व योजना के अंतर्गत राजस्व विभाग(Under Revenue Department) गांवों की ज़मीन का रिकॉर्ड एकत्रित करेगा। पीएम स्वामित्व योजना 2022 के अंतर्गत अब ग्राम पंचायत में आने वाले सभी किसानों को लोन की सुविधा मुहैया कराई जाएगी।

स्वामित्व योजना में ड्रोन के माध्यम से सारी भूमि के विवरण का मुहैया कराया जाएगा। पीएम स्वामित्व योजना 2022 के माध्यम से लोगों की संपत्ति का डिजिटल ब्यौरा रखा जाएगा। स्वामित्व योजना के अंतर्गत ग्रामीण इलाकों की ज़मीन का मालिकाना अधिकार ग्रामीण नागरिकों को सौंप दिया जाएगा।

ग्रामीण इलाके में रहने वाले व्यक्ति अपने खातों के माध्यम से बैंक से ऋण प्राप्त कर सकते है। हमारे देश में 6 राज्य के गाँवों महाराष्ट्र(Maharashtra), उत्तर प्रदेश(UttarPradesh), उत्तराखंड(Uttrakhand), मध्य प्रदेश(Madhya Pradesh), कर्नाटक(Karnataka), हरियाणा(Haryana) में ड्रोन मेपिंग की शुरुआत कर दी गयी है साथ ही 2024 तक इसे सारे राज्यों में पूरा कर दिया जाएगा। सम्पति कार्ड मिलने से ज़मीन पर होने वाले सभी विवाद ख़त्म होने की संभावनाएं है।

इस योजना के अंतर्गत आवेदन करने के लिए सबसे पहले उम्मीदवारों को ई-ग्राम स्वराज(e-gram swaraj) की आधिकारिक वेबसाइट egaramswaraj.gov.in पर जा कर होम पेज से न्यू रजिस्ट्रेशन के विकल्प को खोलना होगा जहाँ रजिस्ट्रेशन करने के लिए आवेदन फॉर्म मिलेगा जिसमें पूछी गई सारी जानकारी भर कर जमा करनी होगी और आवेदन की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।

आवेदन फॉर्म में नाम, मोबाइल नंबर, ई-मेल, पासवर्ड आदि दर्ज करना होता है। इस योजना के तहत सम्पति कार्ड डाउनलोड करने के लिए फोन में मेसेज आएगा जिसमें दिए गए लिंक पर क्लिक कर प्रोपर्टी कार्ड डाउनलोड कर सकते है। इस योजना का मूल उद्देश्य प्रोपर्टी धारक को उसका ज़मीनी हक़ दिलाना है।

पहले साल में पीएम स्वामित्व योजना के तहत 10 जिलों को चुना गया है जिसमें मुरैना(Morena), श्योपुर(sheopur), सागर(Sagar), शहडोल(Shahdol), खरगोन(Khargon), विदिशा(Vidisha), भोपाल(Bhopal), सीहोर(Sehore), हरदा(Harda) और डिंडोरी(Dindori) शामिल है। आने वाले सालों में इस योजना के तहत और भी जिलों को शामिल किया जाएगा। जिसमें सरकार द्वारा सर्वेक्षण किया जाएगा और सर्वेक्षण पूरा होने के बाद ही ग्रामीणों को लाभ मिल सकेगा।

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