भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना(Pradhan Mantri Awas Yojana (PMAY)) की स्कीम महंगे रियल स्टेट सेक्टर(real estate sector) की अपेक्षा सस्ते घरों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शुरू किया गया था। इस स्कीम का उद्देश्य 3 मार्च, 2022 तक "सभी के लिए आवास" प्राप्त करना है। यह वर्ष महात्मा गाँधी(Mahatma Gandhi) की 50वीं जयंती को चिंहित करता है और इस योजना का उद्देश्य देश भर में 20 मिलियन घरों का निर्माण करके इस लक्ष्य को पूरा करना है।
क्षेत्रों के आधार पर इस योजना में दो भाग है, शहरी और ग्रामीण। यह केंद्र सरकार द्वारा चलाई गई योजना है जिसे साल 2015 में लांच किया गया था और इसका आगामी उद्देश्य साल 2022 तक भारत के विभिन्न शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग 2 करोड़ से अधिक पक्के घर उपलब्ध करवाना है।
इस योजना का पहला भाग पिछले वर्ष 2017 में ख़त्म हो चूका है और इसका दूसरा भाग शुरू हो चूका है। प्रशासन द्वारा इस योजना को दो भागों में विभाजित किया गया है जिनके नाम क्रमानुसार प्रधानमंत्री आवास ग्रामीण(Pradhan Mantri Awas Gramin) और प्रधानमंत्री आवास योजना(Pradhan Mantri Awas Yojana (PMAY)) शहरी रखा गया है।
इस योजना के अंतर्गत सरकार द्वारा शहरी क्षेत्रों में झुग्गी-झोपडी, कच्चे मकानों में रहने वाले तथा ईडब्ल्यूएस(EWS), एलआईजी(LIG) और एमआईजी(MIG) इनकम ग्रुप के व्यक्तियों को सम्मिलित किया जाएगा।
प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण(Pradhan Mantri Awas Gramin) के तहत कार्यान्वयन प्रणाली मज़बूत मॉनिटरिंग(monitoring) व्यवस्था एवं फ़ॉलोअप(Follow Up) के साथ जोड़ दिया गया है। सुचना प्रौद्योगिकी(Information Technology) एवं अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का उपयोग बेहतर निर्णय व्यवस्था एवं डिलीवरी के लिए किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री आवास योजना(Pradhan Mantri Awas Yojana (PMAY)) के अंतर्गत घर खरीदने पर सरकार द्वारा होम लोन के ब्याज पर 2.67 लाख रुपए की सब्सिडी प्रदान की जाती है। उत्तर प्रदेश(Uttar Pradesh) आवास विकास परिषद(Uttar Pradesh Housing Development Council) इस योजना के अंतर्गत सस्ती दरों पर मकान उपलब्ध कराएगी। उत्तर प्रदेश(Uttar Pradesh) में लगभग 3516 घरों के लिए इस योजना के अंतर्गत आवेदन मांगे गए है।
जिसकी बुकिंग 1 सितंबर, 2020 से शुरू हो रही है और बुकिंग की अंतिम तिथि 15 अक्टूबर, 2020 है। यह मकान उत्तर प्रदेश(Uttar Pradesh) राज्य के 19 शहरों में स्थित है। इन मकानों को गरीब परिवार के लोग केवल 3,50,000 में खरीद पाएंगे।
वह सभी लोग जिनकी सालाना इनकम 3,00,000 से कम है वह इन मकानों के लिए आवेदन के पात्र है। उत्तर प्रदेश(Uttar Pradesh) आवास विकास परिषद ने पहले मकान की क़िस्त चुकाने का समय 5 साल का रखा था जिसे बदलकर 3 साल कर दिया गया है।
वैसे तो ग्रामीणों को आवास देने के लिए 1996 में ही इंदिरा आवास योजना(Indira Housing Scheme) नामक ग्रामीण आवास कार्यक्रम की शुरुआत की गई थी। यह योजना क्षेत्रों में मकान संबंधी ज़रूरतों को पूरा करती है, फिर भी वर्ष 2014 में समवर्ती मूल्यांकन और भारत के नियंत्रण एवं महालेखा परीक्षक इस पदान लाख परीक्षा के दौरान IAY की कमियों का पता चला था।
जम्मू कश्मीर प्रशासन द्वारा वित्त वर्ष 2022-23 के अंतर्गत 1 लाख विकास कार्यों को पुरा किया जाएगा। इसके अलावा जम्मू कश्मीर(Jammu Kashmir) प्रशासन द्वारा 54,000 घरों के निर्माण का लक्ष्य प्रधानमंत्री आवास योजना(Pradhan Mantri Awas Yojana (PMAY)) ग्रामीण के अंतर्गत निर्धारित किया गया है।
चालू वित्तीय वर्ष में केंद्र शासित प्रदेश(Union Territory) में 700 पंचायत घरों के निर्माण या नवीकरण के अलावा सभी ग्राम पंचायतों को इंटरनेट कनेक्शन(Internet Connection) प्रदान करने की भी योजना बनाई जा रही है। इसके अलावा स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण(Swachh Bharat Mission Gramin) के अंतर्गत 87,250 व्यक्तिगत घरेलू शौचालय एवं 2,500 सामुदायिक स्वछता परिसरों के निर्माण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जम्मू कश्मीर प्रशासन द्वारा सरकार की अन्य योजनाओं के अंतर्गत लाभार्थियों को लाभ देने की योजना बनाई जा रही है।
प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण वास्तव में इंदिरा आवास योजना का संशोधित रूप है जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी(Prime Minister Narendra Modi Ji) के द्वारा लांच किया गया था। इस योजना का उद्देश्य भारत में ग्रामीण इलाकों में कच्चे और असुविधा युक्त घरों में रह रहें लोगों को तीन सालों तक आधारभूत सुविधाओं से युक्त लगभग 1 करोड़ पक्के घर उपलब्ध कराना है।
वर्तमान में इस योजना के तहत बनाए जाने वाले घरों के आकार 20 स्क्वायर मीटर निर्धारित किया गया है। इस योजना के तहत पहले मैदानी क्षेत्रों के लिए 70,000 की राशि तय की गई थी जिसे बढ़ा कर 1 लाख 20 हज़ार कर दिया गया है। पहाड़ी इलाकों, मुश्किल क्षेत्रों और आईएपी जिलों(IAP districts) में 75,000 की पहली राशि तय हुई थी जिसे बाद में 1 लाख 30 हज़ार कर दिया गया।
इस योजना में लगने वाले खर्च केंद्र और राज्य सरकार द्वारा मिलकर भरा जाएगा। मैदानी क्षेत्रों में इस शेयर को जाने वाली राशि का अनुपात 60:40 होगा वहीं उत्तर-पूर्व(northeast) और हिमाचल(Himachal) वाले तीन राज्यों जम्मू कश्मीर(Jammu Kashmir), हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) और उत्तराखंड(Uttrakhand) में यह अनुपात 90:10 होगा।
लाभार्थी को संपूर्ण सुविधा जैसे टॉयलेट, पीने का पानी, बिजली, सफाई, खाना बनाने के लिए धुआ रहित ईंधन, सोशल और अपशिष्टों से निपटने के लिए इस योजना को अन्य योजनाओं से जोड़ा भी गया है।
अब तक इस योजना के अंतर्गत 115.4 लाख घरों के निर्माण को मंज़ूरी प्रदान की जा चुकी है। जिसमें से 95 लाख घरों का निर्माण किया जा रहा है। 56.3 लाख घरों को लाभार्थियों को सौंप दिया गया है। इस योजना के अंतर्गत सरकार द्वारा 7.56 लाख करोड़ रुपए की राशि खर्च की गई है। जिसमें से केंद्र सरकार द्वारा 1.89 लाख करोड़ रूपए खर्च किए जा रहे है।
इस योजना के तहत आवेदन करने के लिए PMAY के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा जिसके लिए योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर जा कर "citizen assessment" मेन्यू के तहत "benefit under other 3 components" को चुनना होगा।
फिर उसमें आधार नंबर और नाम दर्ज कर उसे सत्यापित करना होगा और PMAY आवेदन पेज पर भेजना होगा। साथ ही अपनी व्यक्तिगत जानकारी आय और बैंक स्टेटमेंट जैसी आवश्यक जानकारी दर्ज करनी होगी।
फिर "I am aware of..." चेकबॉक्स(checkbox) पर टिक कर और कैप्च दर्ज(enter captcha) कर "save" बटन पर क्लिक करना होगा जिसके बाद एक सिस्टम जेनरेटेड एप्लिकेशन नंबर(System Generated Application Number) दिखेगा जो भविष्य में काम आएगा।
PMAY आवेदन फॉर्म को भरने के बाद उसे डाउनलोड कर प्रिंट करवा कर और मांगे गए दस्तावेज जोड़ कर कॉमन सर्विस सेंटर(Common Service Center) या फाइनेंसियल संस्थान या बैंक में जमा करना होगा। इस योजना के तहत आवेदन करने के लिए आवेदक को भारत का नागरिक होना अनिवार्य है।