विद्यार्थियों को बिजनेसमैन बनाएंगे केजरीवाल, ये है प्लान!
Ashish Urmaliya | The CEO Magazine
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने एक समारोह में संबोधन के दौरान बताया, कि दिल्ली सरकार स्कूली क्षात्रों को उद्यमी बनाने की और कार्यरत है |
विद्यार्थियों को औद्योगिक प्रेरणा देने के लिए अगले शैक्षाणिक सत्र से दिल्ली के सभी स्कूलों में विशेष पाठ्यक्रम की शुरुआत की जाएगी. उन्होंने कहा की दिल्ली सरकार क्षात्रों को नौकरी देने वाला बनाना चाहती है, लेने वाला नहीं। इसलिए इस पाठ्यक्रम के ज़रिये सरकार क्षात्रों को कॉलेज की पढ़ाई के पहले ही उद्योग के लिए प्रशिक्षित करना चाहती है।
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया इंदिरा गांधी दिल्ली प्रौद्योगिकी महिला विश्वविद्यालय के पहले दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा, ''हमने पहले सरकारी स्कूलों में खुशहाली पर एक विषय की शुरुआत की थी. अब हम माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक के छात्रों के लिए अगले सत्र से उद्यमशीलता पर पाठ्यक्रम शुरू करेंगे.'' उद्यमशीलता का ये पाठ्यक्रम कक्षा नवमी से 12 वीं के छात्रों के लिए होगा |
उपमुख्यमंत्री पद के साथ शिक्षा विभाग का भी कार्यभार संभाल रहे सिसोदिया ने कहा कि पाठ्यक्रम चार स्तरीय प्रारूप पर आधारित होगा. इसमें विद्यार्थियों को कहानियों व उद्यमियों के सफ़र के विश्लेषण के जरिए प्रेरित किया जायेगा। इसमें स्थानीय समुदाय के साथ भागीदारी होगी और नये विचारों को परियोजनाओं में बदलने का सुझाव आदि होगा. इस विचार को आगे ले जाने के लिए उन्होंने शिक्षा सचिव को उच्चाधिकार प्राप्त कार्यकारी समूह गठित करने का निर्देश दिया है. इसमें एससीईआरटी/डीआईईटी के वरिष्ठ संकाय, स्कूलों के प्रधानाचार्य और अन्य विशेषज्ञों को सदस्य के तौर पर शामिल किया जाएगा |
एससीईआरटी जनवरी में एक कांफ्रेंस करेगी जिसमें सरकार के प्रारूप के तहत उद्यमिता पाठ्यक्रम तैयार करने के लिए विचार आमंत्रित किये जाएंगे. सिसोदिया ने कहा कि सूचना के आधार पर अप्रैल 2019 से प्रायोगिक पाठ्यक्रम शुरू किया जाएगा |
इस दीक्षांत समारोह में दिल्ली के उपराज्यपाल और विश्वविद्यालय के कुलाधिपति अनिल बैजल ने छात्राओं को बधाई दी और सुझाव दिया कि उद्यम की शुरुआत के वक्त सरकार से उन्हें समर्थन मिलना चाहिए. 'मेट्रो मैन' के नाम से मशहूर ई. श्रीधरन समारोह के मुख्य अतिथि थे. उन्होंने कहा कि देश का भविष्य इंजीनियरों और तकनीकी कर्मियों के हाथों में है, नेताओं के हाथ में नहीं.