AshishUrmaliya || Pratinidhi Manthan
अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें लगातार गिर रही हैं, लेकिन हमारे देश में डीजल पेट्रोल सस्ता नहीं हो रहा है। अब तक अधिकतर मुनाफा तेल कंपनियां उठा रही थीं, लेकिन अब सरकार ने प्रति लीटर डीजल-पेट्रोल पर 3 रुपए एक्साइज ड्यूटी बढ़ा दी है। इस बढ़ोत्तरी से कंपनियों का मुनाफा कम हो जायेगा और सरकार के खजाने में बढ़ोतरी होगी। इसका कोई भी असर आम ग्राहकों पर नहीं पड़ेगा, ग्राहकों के लिए डीजल-पेट्रोल के दाम वही रहेंगे।
यहां पर कुछ पॉइंट नोट करने लायक हैं-
-पेट्रोल-डीजल पर प्रति लीटर 3 रूपए की एक्साइज ड्यूटी बढ़ा दी गई है, लेकिन ग्राहकों के लिए कीमतें नहीं बढ़ेंगी।
-एक्साइज ड्यूटी एक तरह का टैक्स होता है, जो सरकार द्वारा देश के अंदर कोई भी उत्पाद प्रोड्यूस करने या उसे बेचे जाने पर लगाया जाता है।
-पिछले दिनों कच्चे तेल की कीमतों में भारी गिरावट आई है फिर भी देश में डीजल पेट्रोल की कीमतें कम नहीं हुई हैं।
-एक्साइज ड्यूटी लगने के बाद सरकारी खजाने में इजाफा होगा, जिससे समाज कल्याण के कार्य होंगे। कंपनियों के मुनाफे में कमी आएगी।
-इससे सरकार को सालाना करीब 39000 करोड़ का मुनाफा होगा।
कोरोना ने पूरी दुनिया के कारोबार को प्रभावित कर दिया है, इसी के चलते कच्चे तेल की कीमतों में भारी गिरावट दर्ज की जा रही है। इसी गिरावट को देखते हुए मोदी सरकार ने डीजल पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी 3 रुपए बढ़ा दी है। एक्साइज ड्यूटी में बढ़ोतरी की खबर सुनते ही आम लोगों के बीच डर का माहौल बन गया है, कि अब डीजल पेट्रोल की कीमतें बढ़ जाएंगी। लेकिन असल और राहत की बात यह है, कि ऐसा नहीं होगा।
दरअसल, कच्चे तेल की कीमतें कम होने के चलते पेट्रोल-डीजल के दामों में कमी आनी थी। लेकिन सरकार ने कीमतों को स्थिर रखने का फैसला लिया। इसकी वजह से कंपनियों को जो अतिरिक्त मुनाफा हो रहा था, आम जनता के लिए कीमत कम करने की वजह सरकार ने कंपनियों पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ा दी है। मतलब मुनाफा सरकारी खजाने में जायेगा।
आइए सबसे पहले एक्साइज ड्यूटी समझ लेते हैं-
यह एक तरह का कर (TAX) होता है, जो देश के अंदर किसी भी तरह के उत्पाद के उत्पादन या उसके बेचने पर सरकार द्वारा लगाया जाता है। इस टैक्स को लागू करने के पीछे सरकार का मकसद रेवेन्यू जनरेट करना होता है और फिर उस रेवेन्यू से समाज कल्याण से जुड़ा कार्य करना होता है। बता दें, यह टैक्स कस्टम ड्यूटी से बिलकुल अलग होता है क्योंकि कस्टम ड्यूटी विदेशों से आने वाले सामान पर लगाई जाती है।
कैसे महंगा हो जाता है पेट्रोल?
साल 2020 की शुरुआत में कच्चे तेल की कीमत 67 डॉलर प्रति बैरल यानी 30 रूपए प्रति लीटर थी। लेकिन 12 मार्च के हिसाब से देखें तो कच्चे तेल की कीमत घटकर 38 डॉलर प्रति बैरल यानी 17.79 रुपए प्रति लीटर हो गई है। हालांकि डीजल-पेट्रोल की कीमत उतनी कम नहीं हुई है। तो आइए जानते हैं 3 रुपए बढ़ने से पहले कैसे तय हो रही थी पेट्रोल डीजल की कीमत।