जन औषधि केंद्र खोल कर शुरू करें नया व्यवसाय, 2.5 लाख देगी सरकार 
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जन औषधि केंद्र खोल कर शुरू करें नया व्यवसाय, 2.5 लाख देगी सरकार

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जन औषधि केंद्र खोल कर शुरू करें नया व्यवसाय, 2.5 लाख देगी सरकार

Ashish Urmaliya | The CEO Magazine

प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना (PMBJP) का शुभारम्भ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 1 जुलाई 2015 को किया गया था। लगातार अच्छा रिस्पांस मिलने के चलते मोदी सरकार इस योजना को निरंतर प्रोत्साहित कर रही है। मार्च 2019 तक सरकार ने इस योजना के अंतर्गत 1500 नए जनऔषधि केंद्र खोलने का लक्ष्य रखा है। विदित हो कि, यह इस पंचवर्षी योजना का अंतिम वर्ष है और सरकार किसी भी क्षेत्र में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रही है।

जन औषधि परियोजना के अंतर्गत रोजगार के नए अवसर पैदा हुए हैं। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, योजना में दस हज़ार से ज्यादा लोगों को रोजगार मिल चुका है, जिसमें लगभग 250 महिला उद्यमी शामिल हैं। 2015 से लेकर अब तक करीब 3600 जन औषधि स्टोर खुल चुके हैं। प्रत्येक स्टोर पर 700 जेनरिक मेडिसिन और 154 छोटे-बड़े मेडिकल उपकरण उपलब्ध कराए गए हैं। इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य, देश के कौने-कौने में लोगों को बाजार भाव से 80-85 प्रतिशत तक कम दाम पर दवा उपलब्ध कराना है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक,  इस साल सरकार जनऔषधि केंद्रों की संख्‍या बढ़ाकर 5000 करने की तैयारी में है। अगर आप भी खुद का व्यवसाय करने के इच्छुक हैं, तो इस परियोजना का हिस्सा बनें और अपना जन औषधि केंद्र शुरू करें।

क्या आप भी खोल सकते हैं जनऔषधि केंद्र?

सरकार द्वारा जन औषधि केंद्र खोलने के इच्छुक उम्मीदवारों के लिए 3 तरह की कैटेगरी बनाई गई है।

  1. पहली कैटेगरी के अंतर्गत कोई भी व्यक्ति, बेरोजगार फार्मासिस्ट, डॉक्टर, रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर यह केंद्र खोल सकता है।
  2. दूसरी कैटेगरी के अंतर्गत कोई ट्रस्ट, एनजीओ, प्राइवेट हॉस्पिटल, सोसायटी और सेल्फ हेल्प ग्रुप जन औषधि केंद्र खोल सकता है।
  3. तीसरी कैटेगरी के अंतर्गत राज्य सरकारों की ओर से नॉमिनेट की गई एक एजेंसी आती है।

प्रधानमंत्री जनऔषधि केंद्र खोलने के लिए आपके पास 120 वर्गफुट एरिया में दुकान होनी जरूरी है। साथ ही, जन औषधि केंद्र के नाम से रिटेल ड्रग सेल्स का लाइसेंस होना चाहिए। आवेदन के लिए आपके पास आधार कार्ड एवं पैन कार्ड होना भी आवश्यक है।

इस केंद्र से आपको कितना फायदा होगा?

जन औषधि केंद्र के जरिये दवा बेचने पर आपको 20 फीसदी मार्जिन मिलेगा। उदाहरण के लिए, अगर आप एक महीने में 1 लाख रुपये की भी बिक्री करते हैं तो आपको 20 हजार रुपये की इनकम हो जाएगी। साथ ही हर महीने की बिक्री पर 10 हजार रुपये तक का इंसेंटिव भी दिया जायेगा। योजना अनुसार यह इंसेंटिव आपको 2.5 लाख रुपये पूरे होने तक दिया जायेगा।  बता दें, जनऔषधि केंद्र की शुरुआत करने में तकरीबन 2.5 लाख रुपये का खर्च आता है, जो सरकार इंसेंटिव के माध्यम से आपको चुकाती है। कमजोर तबके के आवेदनकर्ताओं व नक्सल प्रभावित राज्यों के लिए इन नियमों को थोड़ा लचीला कर दिया गया है।

ऐसे करें अप्लाई?

केंद्र खोलने का आवेदन करने के लिए सबसे पहले https://janaushadhi.gov.in/ पर जाकर फार्म डाउनलोड करें। आवेदन फॉर्म को पूरा भरकर ब्यूरो ऑफ फॉर्मा पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग ऑफ इंडिया (BPPI) के जनरल मैनेजर के पते पर भेजें. पते की जानकारी वेबसाइट पर उपलब्ध है। वैसे, फॉर्म भरकर आवेदन करने की यह प्रक्रिया आप वेबसाइट द्वारा ऑनलाइन भी पूरी कर सकते हैं। इसमें बस आपको कुछ जरूरी दस्तावेज अपलोड करने होंगे।

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